केसीआर सरकार की ये योजना बनी ओवैसी के गले की फांस, जनता मांग रही हिसाब

हैदराबाद निकाय चुनाव प्रचार में असहज नजर आ रहे ओवैसी, योजना का फायदा मांग रही जनता को जवाब नहीं दे पा रहे ओवैसी, बीजेपी उठा रही मौके का फायदा, निकाय चुनाव में अलग अलग लड़ रहे हैं AIMIM और TRS

Asaduddin Owaisi Aimim Chief
Asaduddin Owaisi Aimim Chief

Politalks.News/Telangana/AsaduddinOwesi. बिहार चुनाव में मिली सफलता के बाद असदुद्दीन ओवैसी अतिउत्साहित हैं. इसी उत्साह में ओवैसी ने हैदराबाद निकाय चुनाव (GHMC) में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) से अलग होकर चुनाव लड़ने का ऐलान ​कर दिया. तेलंगाना सरकार में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) को ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का समर्थन प्राप्त है. इधर, टीआरएस भी ओवैसी की (Asaduddin Owaisi) पार्टी से अलग होकर सभी 150 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (KCR) के बेटे केटीआर ने हैदराबाद निकाय चुनाव अकेले दम पर लड़ने की बात कही है. लेकिन सरकार की एक योजना अब ओवैसी के गले की फांस बन गई है. ओवैसी हैदराबाद में चुनाव प्रचार कर रहे थे, इस दौरान उन्हें आमजन से इस योजना का फायदा लेने की मांग से दो चार होना पड़ रहा है. ओवैसी हैदराबाद से पार्टी सांसद भी हैं.

हैदराबाद निकाय चुनाव में चाहें एआईएमआईएम और टीआरएस अलग अलग चुनाव लड़ रहे हों लेकिन स्थानीय जनता इसे मानने को बिलकुल भी तैयार नहीं है. जनता असदुद्दीन ओवैसी से तेलंगाना सरकार द्वारा घोषित बाढ़ राहत राशि की मांग कर रही है. जनता सरकार की योजना का लाभ असदुद्दीन ओवैसी से मांग रही है. ओवैसी को इस वजह से चुनाव प्रचार के दौरान असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.

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दरअसल, टीआरएस सरकार ने तेलंगाना में पिछले महीने आई बाढ़ से प्रभावित पीड़ित परिवारों को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया था. भारी बारिश के चलते राज्य में 70 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 5,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ था. लेकिन तेलंगाना राज्य चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के कारण केसीआर सरकार द्वारा घोषित 10,000 रुपए बाढ़ राहत राशि वितरण पर रोक लगा दी है. हालांकि अन्य शहरों में योजना का लाभ दिया जा रहा है.

अब सहायता राशि का ये मुद्दा नगर निगम चुनाव में बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनावों के लिए जब असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद के जंबाग इलाके में प्रचार कर रहे थे, तब स्थानीय लोगों ने उनसे 10,000 रुपये बाढ़ राहत राशि दिलाने की मांग की. असदुद्दीन ओवैसी ने जनता को काफी समझाने का प्रयास किया कि 4 दिसंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद सरकार बाढ़ राहत राशि के चेक देगी लेकिन बाढ़ से प्रभावित लोग कुछ सुनने को तैयार नहीं. यहां ओवैसी को प्रचार कार्य में काफी उहापोह की स्थिति का सामना करना पड़ा.

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अब सरकार की इस योजना का नुकसान ओवैसी को उठाना पड़ रहा है. नगर निगम चुनाव एक दिसम्बर को है और नतीजे 4 दिसम्बर को घोषित किए जाएंगे. वहीं बिहार चुनाव में सफलता के बाद ओवैसी पश्चिम बंगाल, यूपी और राजस्थान में भी चुनाव लड़ने का दम भर चुके हैं. ऐसे में उनके गृह क्षेत्र में हो रहे निकाय चुनाव उनकी और उनकी पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं.

इधर, बीजेपी इस मौके को अच्छे से भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही. बीजेपी एआईएमआईएम और टीआरएस पर ‘गुप्त समझौते’ के आरोप लगाकर लगातार हमलावर है और अपने प्रचार में भी यही प्रसारित कर रही है कि दोनों पार्टियां अलग होकर भी एक हैं. यही संदेश जनता में भी जा रहा है, इसीलिए जनता सरकार की योजना का लाभ असदुद्दीन ओवैसी से मांग रही है.

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