Ashok Gehlot Instructed all the Ministers: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाओं ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. सूत्रों की मानें तो गहलोत सरकार के कुछ मंत्रियों और विधायकों के भ्रष्टाचार की शिकायत हाईकमान तक भी पहुंची है, यही नहीं कुछ मंत्रियों की अनुशासनहीनता का मामला भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक पहुंचाया गया है. वहीं बीते रोज बुधवार को विधानसभा में हुई गहलोत मंत्रिमंडल की बैठक से भी इस बात के साफ संकेत निकल कर आए हैं. बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जहां एक ओर अपने मंत्रियों को सदन में विपक्ष के सवालों का सटीक जवाब नहीं देने के लिए फटकार लगाई तो वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काम नहीं होने की बात पर सभी मंत्रियों को दो टूक चेतावनी भी दे डाली है. आपको बता दें, कैबिनेट बैठक में अनौपचारिक रूप से शामिल हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भी मंत्रियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई. इस सारी कवायद को अब आने वाले समय में गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल के तौर पर देखा जा रहा है.
दरअसल, पिछले दिनों कई बार विधानसभा के अंदर और बाहर राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लेकर कई बार बीजेपी ने हमला बोला, जिसका जवाब सदन में या बाहर सत्ता पक्ष के मंत्रियों और सदस्यों की ओर से पुरजोर तरीके से नहीं दिया गया. इसी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते रोज मंत्रिपरिषद की बैठक में कड़ी नाराजगी जताई. सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार से इतना किस बात का डर लग रहा है कि अपने नेताओं पर होने वाली टिप्पणी का जवाब भी नहीं दिया जा रहा है. आखिर किस बात का डर है जो विधानसभा में विपक्ष की ओर से जो आरोप लगाए जाते हैं, उसका पलटवार पुरजोर तरीके से एकजुट होकर नहीं किया जाता. यहीं नहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सख्त लहजे में कहा कि क्या किसी ने कोई घोटाला किया हुआ है ? जिसकी वजह से वह ईडी या सीबीआई के डर से खामोश हैं.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों से कहा कि बीजेपी और संघ की ओर से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर लगातार टिप्पणी की जा रही है, लेकिन सरकार के कोई भी मंत्री उस पर पुरजोर तरीके से जवाब नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सामूहिक एकजुटता के साथ जवाब देने की जरूरत है. सदन में जिस तरीके से विपक्ष के आरोपों पर मंत्री खामोश रहे हैं, उससे सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है. ये ठीक नहीं है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने विधानसभा में पूछे जाने वाले सवालों के जवाब में मंत्रियों की ओर से आधी अधूरी जानकारी देने पर भी नाराजगी जताई. सीएम गहलोत ने कहा कि सभी मंत्री लंबे समय से अपने-अपने विभाग का जिम्मा संभाल रहे हैं लेकिन उनके पास सदन में पूछे जाने वाले सवालों के जवाब भी नहीं होते हैं. यह गंभीर बात है कि मंत्री विधानसभा में आधी अधूरी तैयारी के साथ जा रहे हैं. गहलोत ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए कि वह अपने विभागों का पूरी तरीके से अध्ययन कर सदन में पहुंचे और विपक्ष की ओर से या किसी भी विधानसभा सदस्य की ओर से सदन में सवाल पूछा जा रहा है, उसका पूरी तैयारी के साथ जवाब दें.
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वहीं मंत्रिमंडल की इस अनौपचारिक रूप से शामिल हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंत्रियों की ओर से कार्यकर्ताओं नेताओं की उपेक्षा को लेकर भी नाराजगी जताई. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि लगातार शिकायत आ रही कि मंत्री पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं के कामों को प्राथमिकता के साथ नहीं लेते हैं. कई बार उनके कामों की उपेक्षा की जाती रही है, जो ठीक परंपरा नहीं है. सीएम गहलोत ने मंत्रियों को चेताते हुए कहा कि भविष्य में अगर किसी भी मंत्री को लेकर शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई होना तय है.