भीष्ण गर्मी में मनरेगा के कार्य समय को घटाने के लिए पायलट ने लिखा केंद्र को पत्र

प्रदेश में 42.80 लाख ग्रामीण श्रमिकों को मनरेगा में मिल रहा रोजगार, अनावश्यक रूप से कार्यस्थल पर नहीं रोकने के निर्देश

Sachin Pilot
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पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश में जारी इस संकट के समय में राजस्थान सरकार द्वारा श्रमिकों को आर्थिक संबल देने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे है. प्रदेश में मनरेगा के तहत देश में सबसे ज्यादा ग्रामिक श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है. लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों से लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को भी मनरेगा में रोजगार दिया जा रहा है. इसको लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के साथ ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि देश के अन्य राज्यों से रोजगार के अभाव में प्रदेश में लौटे श्रमिकों तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार से वंचित श्रमिकों के लिए मनरेगा योजना वरदान साबित हो रही हैं.

सचिन पायलट ने बताया कि 30 मई को वर्ष 2019-20 में प्रदेश में जहां 33.02 लाख श्रमिक मनरेगा में नियोजित थे वहीं इस वर्ष 42.80 लाख श्रमिक नियोजित हुए हैं. इस प्रकार मनरेगा योजना के तहत इस वर्ष लगभग दस लाख अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. पायलट ने आगे कहा कि कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन से जहां रोजगार के लगभग अन्य सभी अवसर बंद हो गये है, ऐसे समय में मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब एवं पिछडे लोगों के लिए संजीवनी साबित हुई हैं. मनरेगा योजना में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न राज्यों से लौटे 1.77 लाख प्रवासी श्रमिकों के जॉब कार्ड भी जारी किये जा चुके हैं.

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पायलट ने आगे कहा कि प्रदेशभर में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है. गर्मी को लेकर मौसम विभाग द्वारा भी 27 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इस भीषण गर्मी में मनरेगा श्रमिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार से मांग की गई है कि मनरेगा के तहत श्रमिकों के लिए निर्धारित कार्य समय एवं टास्क में कमी की जाये जिससे श्रमिक सुबह 11 बजे तक अपना काम पूरा कर अपने घर लौट सके.

सचिन पायलट ने बताया कि मनरेगा के तहत निर्धारित कार्य समय से पूर्व यदि कोई श्रमिक या श्रमिक समूह निर्धारित टास्क पूर्ण कर लेता है तो वह कार्य की माप मस्टरोल में अंकित करवाकर कार्यस्थल छोड सकता है. पायलट ने किसी भी श्रमिक को टास्क पूर्ण करने के बाद अनावश्यक रूप से कार्यस्थल पर नहीं रोकने के निर्देश दिये. इसके साथ ही भीषण गर्मी को देखते हुए मनरेगा कार्यस्थल पर आवश्यक सुविधाएं स्वच्छ पेयजल, छाया, मेडिकल किट, ओआरएस घोल, बच्चों के लिए पालने आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए. पायलट ने कहा कि इन विशेष प्रयासों से भीषण गर्मी के दौरान मनरेगा श्रमिकों का गर्मी एवं लू से बचाव हो सकेगा तथा उन्हें गर्मी में राहत मिल सकेगी.

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