ravindra singh bhati biography in hindi
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Ravindra Singh Bhati Latest News – कोविड के समय नियमों के उलंघन को लेकर राजस्थान के एक निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी के विरुद्ध उदयपुर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था पर बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने शिव निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रविंद्र सिंह भाटी को राहत देते हुए 15 दिसंबर तक निचली अदालत में पेश होकर जमानत आवेदन करने की उन्हें छूट दे दी है. इस लेख में हम आपको राजस्थान के शिव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी की जीवनी (Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

रविंद्र सिंह भाटी की जीवनी (Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi)

पूरा नाम रविंद्र सिंह भाटी
उम्र 26 साल
जन्म तारीख 30 जनवरी 1998
जन्म स्थान बाड़मेर, राजस्थान
शिक्षा एलएलबी
कॉलेज जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर
वर्तमान पद राजस्थान के शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, व्यापार
राजनीतिक दल निर्दलीय
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम शैतान सिंह भाटी
माता का नाम अशोक कंवर
पत्नी का नाम धाऊ कंवर
बच्चे
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता ए-3/404, विधायक आवास, जयपुर
वर्तमान पता 82, गांव तलिया दुधोड़ा, तहसील गडरा रोड़, बाड़मेर, राजस्‍थान – 344701
फोन नंबर 7014411947, 8290609099
ईमेल ravindrasinghdudhora[at]gmail[dot]com

रविंद्र सिंह भाटी का जन्म और परिवार (Ravindra Singh Bhati Birth & Family)

रविंद्र सिंह भाटी का जन्म 3 दिसंबर,1997 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के दुधोडा गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम शैतान सिंह भाटी और माता का नाम अशोक कंवर है. पिता स्कूल में पढ़ाने का काम करते है जबकि माँ गृहणी है. पत्नी का नाम धाऊ कंवर है.  रविंद्र एक मध्यम वर्ग परिवार से आते है और ग्रामीण पृष्ठमूभि से संबंध रखते है. रविंद्र सिंह भाटी हिन्दू है और राजपूत जाति से आते है. रविंद्र सिंह भाटी पर आपराधिक मामला दर्ज है.

विंद्र सिंह भाटी की शिक्षा (Ravindra Singh Bhati Education)

रविंद्र सिंह भाटी ने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान से बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है.

रविंद्र सिंह भाटी का शुरूआती जीवन (Ravindra Singh Bhati Early Life)

रविंद्र सिंह भाटी एक सामान्य परिवार से आते है और इनका प्रारंभिक जीवन राजस्थान के ग्रामीण परिवेश में गुजरा है. इनका शुरूआती जीवन और पढाई लिखाई भी गांव में ही हुआ था. रविंद्र के परिवार का कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है और न ही रविंद्र का कोई गॉड फादर (सहयोगी, जो उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाने वाला हो) है. फिर भी रविंद्र अपने प्रतिभा के दम पर कम उम्र में ही क्षेत्र में विख्यात हो गए.

रविंद्र का शुरूआती टैलेंट कॉलेज लाइफ से ही दिखने लगा. जोधपुर के नारायण व्यास विश्वविद्यालय में जब रविंद्र पढ़ा करते थे तब वह छात्र राजनीति से जुड़ गए और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो गए. रविंद्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में एक कार्यकर्त्ता के तौर पर कार्य कर रहे थे. रविंद्र इस यूनिवर्सिटी से वकालत की भी पढाई की थी. उसी बीच यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ का चुनाव होना था तो वर्ष 2019 में रविंद्र ने ABVP में अपनी दावेदारी ठोकी पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उन्हें चुनाव में खड़ा होने के लिए टिकट नहीं दिया. इसके बाद जिद्द के पक्के रविंद्र ने यूनिवर्सिटी का चुनाव अपने दम पर निर्दलीय ही लड़ने का निर्णय लिया. काम कठिन था क्योकि यूनिवर्सिटी में किसी निर्दलीय को अध्यक्ष पद मिलना अत्यंत कठिन काम माना जाता है पर रविंद्र ABVP से विद्रोह करके उस चुनाव में खड़े हुए और संयोग से जीत भी गए. जोधपुर के नारायण व्यास विश्वविद्यालय में यह 57 वर्ष के बाद का ऐसा मामला देखने को मिला था जब किसी निर्दलीय ने छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष का पद जीता हो.

जिस वर्ष रविंद्र ने कॉलेज में छात्र संघ में अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था उस समय उनकी आयु 26 वर्ष की थी. 26 वर्ष की आयु में बिना किसी संघठन के सहयोग से उन्होंने चुनाव जीत लिया था. रविंद्र के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि थी. इसी के बाद रविंद्र का मुख्यधारा की राजनीति में आने का मार्ग खुल गया.

रविंद्र सिंह भाटी का राजनीतिक करियर (Ravindra Singh Bhati Political Career)

रविंद्र सिंह भाटी की राजनीतिक यात्रा कॉलेज जीवन में ही आरम्भ हो गई थी पर मुख्य राजनीति में रविंद्र का आगमन वर्ष 2023 के राजस्थान विधानसभा से हुआ. जब राजस्थान में विधानसभा चुनाव करीब था तब विधायक बनकर अपना करियर चमकाने की आस में रविंद्र भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी के पक्ष में बोलने लगे पर जब पार्टी ने रविंद्र को शिव विधानसभा से टिकट नहीं दी और भाजपा ने शिव विधानसभा से स्वरुप सिंह खारा को अपना उम्मीदवार बना दिया.

तब भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद एक बार फिर से रविंद्र सिंह भाटी ने विद्रोह कर दिया और भाजपा को छोड़ दिया. पार्टी से अलग होकर रविंद्र निर्दलीय ही चुनाव लड़ा और जीत भी गए. वहां से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवारों को हराते हुए रवींद्र अपने निकटतम प्रतिद्वंदी के मुकाबले 26 हजार के मतों से यह चुनाव जीत लिया. अब रविंद्र छात्रसंघ के अध्यक्ष से राजस्थान का विधायक बन चुका था. अब वह छात्र नेता से मुख्यधारा का नेता बन चुका था और वह भी बिना किसी पार्टी के सहयोग से. रविंद्र के लिए यह दूसरी बड़ी उपलब्धि थी.

रविंद्र सिंह भाटी के विधायक बनकर जयपुर पहुंचे अभी कुछ ही महीने हुए थे कि देश में आम चुनाव का समय आ गया. अब विधायक रविंद्र जयपुर से दिल्ली की यात्रा करने के लिए प्रायसरत हो गया. अब रविंद्र सांसद बनने के लिए लाइन में खड़ा हो गया. हमेशा निर्दलीय चुनाव लड़ने वाला रविंद्र देश के आम चुनाव में भी निर्दलीय ही खड़ा होने का मन बनाया क्योकि कोई भी पार्टी रविंद्र को टिकट देने को तैयार नहीं थी. इस तरह संसद भवन में बैठने की आस लिए रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान के बाड़मेड़ लोकसभा सीट से खड़ा हो गया. पर यह चुनाव पहले वाले दो चुनावों के तरह के नहीं थे. यह देश का सबसे कठिनतम चुनाव था. यह लोकसभा का चुनाव था जहाँ से जीतकर उम्मीदवार दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हो जाता है. इस चुनाव में रविंद्र का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और कांग्रेस नेता उम्मेद राम बेनीवाल से था. रविंद्र पिछले दो अलग अलग क्षेत्रो के चुनाव को अकेले के दम पर जीत गए थे पर इस चुनाव में उनकी जीत की गाड़ी थम गई और रवींद्र हार गए. कांग्रेस के उम्मेद राम बेनीवाल ने रविंद्र सिंह भाटी को 1,18,176 मतों से पराजित किया और बाड़मेड़ लोकसभा सीट जीत ली तो वही 2019 के विजेता रहे भारतीय जनता पार्टी के नेता कैलाश चौधरी 2,86,733 मतों के साथ तीसरी स्थान पर खिसक गए. इस चुनाव में उम्मेद राम बेनीवाल को 7,07,676 वोट मिले तो वही रविंद्र सिंह भाटी को कुल 5,86,500 मत मिले.

वर्तमान में रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान की 16वीं विधानसभा में शिव निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय विधायक है. शिव निर्वाचन क्षेत्र राजस्थान के बाड़मेड़ जिले में पड़ता है.

रविंद्र सिंह भाटी की संपत्ति (Ravindra Singh Bhati Net Worth)

लोकसभा चुनाव 2024 के समय रविंद्र सिंह भाटी के द्वारा दिए गए हलफनामे के अनुसार उनके पास दो लाख नगद और तीन लाख बैंक खाते में जमा है जबकि उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है.

इस लेख में हमने आपको राजस्थान के निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी की जीवनी (Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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