महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने पर भड़के सुरजेवाला, उद्दव ने कोश्यारी को बताया ‘दयालू राज्यपाल’

प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने पर शिवसेना, कांग्रेस, रांकपा ने साधा राज्यपाल पर निशाना, शरद पवार फिर से चुनाव न होने की बात कहकर दिए सरकार बनाने के संकेत

Dayaloo Governor
Dayaloo Governor

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने की जमकर भर्तसना हो रही है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मोदी कैबिनेट और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की जल्दबाजी में किये गए इस फैसले का शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर विरोध कर रही हैं. इसी बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए करते हुए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को लोकतंत्र की हत्या करार दिया. एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए सुरजेवाला ने जमकर केंद्र सरकार एवं प्रदेश के राज्यपाल पर धावा बोला. वहीं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना प्रमुख उद्दव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक ‘दलालू राज्यपाल’ बताया. (Dayaloo Governor)

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सुरजेवाला ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाना न केवल प्रजातंत्र से क्रूर मज़ाक़ है बल्कि सविंधान की परिपाटी को रौंदने वाला कुकृत्य है गवर्नर व दिल्ली के हुक्मरानों ने महाराष्ट्र के पीड़ित किसान व आम व्यक्ति से घोर अन्याय किया है. सुप्रीम कोर्ट के मानकों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया.

इसके बाद उन्होंने 4 पॉइंट बताते हुए इस फैसले को गलत बताया. सुरजेवाला ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि बहुमत वाली किसी भी पार्टी की अनुपस्थिति में राज्यपाल को इनमें से किसी को फोन करना चाहिए था …

1. चुनाव से पहले सबसे बड़ा गठबंधन यानि भाजपा-शिवसेना

2. दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन यानी कांग्रेस-एनसीपी

तीसरे ट्वीट पर सुरजेवाला ने प्रश्न पूछते हुए पोस्ट किया…

3. यदि राज्यपाल ने अलग-अलग पार्टियों को बुलाया तो उन्होंने INC को क्यों नहीं बुलाया?

4. समय का पूरी तरह से मनमाना आवंटन क्यों? बीजेपी को 48 घंटे, शिवसेना को और राकांपा को 24 घंटे भी नहीं, उससे भी पहले राष्ट्रपति शासन. यह अनजाने में बेईमानी और राजनीति से प्रेरित है.

फैसले के बाद रात 8 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्दव ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी को एक दयालू गवर्नर (Dayaloo Governor) बताते हुए तंस कसते हुए कहा कि हमने उनसे सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए 48 घंटे का समय मांगा लेकिन उन्होंने हमें 6 महीने का समय दे दिया. राजनीति में 6 महीने का समय काफी अहम है और कुछ भी हो सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर भाजपा हिंदूत्व पर चुनाव लड़ रही है तो जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में क्यों गठबंधन सरकार बनायी. कांग्रेस-एनसीपी के बारे में उन्होंने कहा कि पहले कुछ मुद्दों पर वार्ता होगी, उसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा. (Dayaloo Governor)

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वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यसभा के कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्यपाल कोश्यारी के इस निर्णय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में लिया गया फैसला बताया.

वहीं शरद पवार ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शिवसेना-रांकपा–कांग्रेस गठबंधन के सरकार बनाने के संकेत देते हुए कहा कि हम महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) के तहत तीनों पार्टियां आपस में बात करेंगी. इस पीसी में अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल राव भी मौजूद रहे.

वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण राणे ने कहा कि वे सरकार बनाने के लिए जो भी करना पड़ेगा, करूंगा. जब हमारे पास 145 विधायकों का समर्थन आ जाएंगा, हम तभी राज्यपाल के पास जाएंगे. पूर्व शिवसेना नेता ने कहा कि साम, दाम, दंड, भेद की नीतियां शिवसेना से सीखी लेकिन इस बार उनको उल्लू बनाया जा रहा है. अन्य किसी प्रश्न पर उन्होंने चुप्पी साधे रखी.

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