राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) अपनी हर चुनावी सभा में आरसीए विवाद पर जमकर बोल रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस द्वारा कद्दावर जाट नेता रामेश्वर डूडी (Rameshwar Dudi) के साथ किए जा रहे अन्याय के बारे में जोर शोर से पोस्ट किए जा रहे हैं. बेनीवाल दरअसल रामेश्वर डूडी के बहाने जाटलैंड कहे जाने वाले खींवसर विधानसभा में होने जा रहे उपचुनाव में अपने भाई नारायण बेनीवाल के लिए समर्थन हासिल करने की कोशिश में लगे हैं. अपनी चुनावी सभाओं में एक दफा भी ऐसा नहीं हुआ जब उन्होंने डूडी का जिक्र नहीं किया हो. यहां तक की जब रामेश्वर डूडी आरसीए में पर्चा दाखिल करने गए थे, तब उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को वहां इक्ठ्ठा कर दिया जिनकी बाद में पुलिस प्रशासन से जमकर झड़प भी हुई.

राजस्थान में खींवसर और मंडावा में 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए चुनावी सभाओं का दौर अपने चरम पर है. इसी के चलते शनिवार को भी हनुमान बेनीवाल खींवसर विधानसभा (Khivnsar Assembly) के दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने दर्जनभर पंचायतों में अपनी सभा को संबोधित करते हुआ प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर निशाना साधा. बेनीवाल ने कहा कि इस उपचुनाव में हमें गहलोत से बदला लेना है. यह चुनाव गहलोत वर्सेज किसान के बेटों का चुनाव है. अगर हम खींवसर के साथ मंडावा सीट भी जीतने में कामयाब होते हैं तो जिस तरह गहलोत के बेटे वैभव की विदाई लोकसभा चुनाव में जोधपुर से की थी, उसी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विदाई कर उन्हें परमानेंट दिल्ली भेज देंगे.

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खींवसर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए RLP चीफ ने कहा बेनीवाल ने कहा कि सीएम गहलोत ने अपने बेटे को आरसीए अध्यक्ष बनाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया और किसान के बेटे रामेश्वर डूडी को दादागिरी कर फॉर्म भरने से रोकने का प्रयास किया. गहलोत ने अपने बेटे को आरसीए का अध्यक्ष बनाने के लिए सारे नियमों की धज्जियां उड़ा दी और उसे अध्यक्ष बनवा दिया. वहीं रामेश्वर डूडी को सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर न केवल नामांकन से रोका बल्कि उनका फार्म भी निरस्त करवा दिया. उन्होंने हज़ारों पुलिसकर्मी लगाकर जबरन वोट डलवा दिए. लोकतंत्र की इससे बड़ी हत्या नहीं हो सकती.

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आरसीए अध्यक्ष पद पर वैभव गहलोत के चुने जाने के बाद हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा और रामेश्वर डूडी के साथ खड़े होते नजर आए बेनीवाल ने कहां की रामेश्वर डूडी को पुलिस और लाठीचार्ज के दम पर उन्हें क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यालय में रोकने का प्रयास किया उन्हें अध्यक्ष पद से वंचित रखने के लिए दमनकारी नीति अपनाई जिसका बदला दोनों उपचुनाव में राजस्थान के किसान समुदाय के लोग लेंगे.

आपको बता दें कि इससे पहले 2 अक्टूबर को हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए अपने कार्यकर्ताओं को रामेश्वर डूडी के समर्थन में जुटने का आह्वान किया था. बेनीवाल की इस अपील पर रालोपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने डूडी के समर्थन में दिन भर एसएमएस स्टेडियम पर प्रदर्शन भी किया था. बेनीवाल ने अपने फेसबुक पेज से इस अपील को करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तानाशाह मुख्यमंत्री बताते हुए जाट नेता रामेश्वर डूडी की राजनीतिक हत्या के आरोप भी मुख्यमंत्री पर लगाए.

रामेश्वर डूडी के आरसीए चुनाव से नामांकन रद्द किए जाने के बाद हनुमान बेनीवाल अपनी फेसबुक पेज से 2 अक्टूबर को एक वीडियो रिलीज कर उन्होंने कहा था आरसीए से रामेश्वर डूडी की इस लड़ाई में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी उनके साथ है. डूडी को न्याय दिलाने के लिए उनकी पार्टी लड़ाई लड़ेगी.

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गौरतलब है कि खींवसर विधानसभा सीट से रालोपा अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल 2008, 2013 व 2018 में विधायक बन जीत की हैट्रिक पूरी कर चुके हैं. हाल में हुए लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल के नागौर से सांसद चुने जाने से खींवसर सीट खाली हुई है. यहां से उनके भाई नारायण बेनीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा हैं. वहीं मंडावा सीट से बीजेपी की सुशीला सिंगड़ा और कांग्रेस की रीटा चौधरी आमने-सामने है.

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