पूनियां का कांग्रेस पर कटाक्ष-‘नोटिस से हिल गए, कार्रवाई हुई तो क्या होगा’

राजस्थान में राजनीति घमासान चरम पर, फोन टेपिंग, जासूसी और बयानबाजी से परेशान कांग्रेस-भाजपा के आलाकमान, सतीश पूनिया ने कांग्रेस को घेरा, तो अपनी पार्टी के बयानवीरों को किया सचेत, साथ ही भाजपा में नेतृत्व के झगड़े को नकारते हुए कहा की पार्लियामेंट्री कमेटी जो निर्णय करेगी वो फाइनल होगा.

पूनियां का कांग्रेस पर कटाक्ष-'नोटिस से हिल गए, कार्रवाई हुई तो क्या होगा'
पूनियां का कांग्रेस पर कटाक्ष-'नोटिस से हिल गए, कार्रवाई हुई तो क्या होगा'

Politalks.News/Rajasthan– एक नोटिस से हिल गई कांग्रेस, कार्रवाई होगी तब क्या होगा? बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने फोन टेपिंग मामले में कांग्रेस पर कटाक्ष किया. आपातकाल की 46वीं बरसी पर आयोजित प्रेसवार्ता में पूनिया मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. पूनिया ने कहा कि राजस्थान में पहली बार द्वेष की राजनीति की शुरुआत गहलोत सरकार ने की है. गजेंद्र सिंह शेखावत पर मुकदमे का कोई औचित्य ही नहीं है, सीएम गहलोत का दर्द झलक रहा है क्योंकि गजेन्द्र जी ने उनके बेटे वैभव को जोधपुर से चुनाव हराया था’, साथ ही पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को नोटिस के मामले में पूनिया ने इशारों इशारों में और भी नोटिस जारी होने के संकेत दे दिए.आपातकाल की 46वीं बरसी पर हुई प्रेस वार्ता में पूनियां कांग्रेस पर जमकर बरसे. फोन टैपिंग, जासूसी सहित कई मुद्दों को लेकर पूनिया ने सरकार को घेरा.

एक नोटिस से ही कांग्रेस इतनी हिल गई, कार्रवाई हो गई तो क्या होगा?– मुख्य सचेतक महेश जोशी को दिल्ली क्राइम ब्रांच के नोटिस पर मचे बवाल को लेकर भी सतीश पूनियां ने कहा कि एक नोटिस से ही कांग्रेस हिल गई है. कार्रवाई होगी तो क्या होगा? सीएम गहलोत ने सरकार को बचाने के लिए फोन टैपिंग, जासूसी, सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया. कांग्रेस ने अपने लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं. राजस्थान में प्रतिशोध की राजनीति की शुरुआत कांग्रेस ने की है ये सारा किस्सा कर्सी का है. कुर्सी सुरक्षित रहे. बाकी चीज सुरक्षित रहे या ना रहे, इस बात पर कोई ध्यान नहीं है.

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जब एफआर लगा दी तो वॉयस सैम्पलिंग क्यों?- मुख्य सचेतक महेश जोशी के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉयस सैम्पलिंग नहीं देने के आरोपों पर सतीश पूनिया ने कहा कि जब मामले में एफआर लगा दी तो वे सैम्पलिंग के लिए क्यों बुलाना चाहते हैं. केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को लेकर सीएम गहलोत का दर्द झलक रहा है क्योंकि गजेन्द्र शेखावत ने उनके बेटे वैभव को जोधपुर से चुनाव हराया था’,

देखते रहिए आज तक, इंतजार कीजिए कल तक- राजस्थान भाजपा ने पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने वाले नेताओं को नोटिस देना शुरू कर दी है. अभी और कई नेताओं को नोटिस जारी किए जा सकते हैं. इसे लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा- जहां पार्टी को लगेगा, कार्रवाई करेंगे, अगर आपके हिसाब से कार्रवाई करेंगे तो सूची लंबी हो जाएगी. कार्रवाई कब होगी इसके लिए देखते रहिए आज तक, इंतजार कीजिए कल तक.

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रोहिताश्व के बयानों को किया खारिज- भाजपा ने पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने वाले नेता और पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को नोटिस जारी किया गया है. पार्टी सूत्रों की माने तो अभी कई और नेताओं को भी नोटिस जारी किए जा सकते हैं. भाजपा मुख्यालय पर प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने प्रेस वार्ता में रोहिताश्व शर्मा की ओर से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया. पूनिया ने कहा कि अगर कार्यकर्ता फील्ड में नहीं गए तो 600 कार्यकर्ताओं की मौत कैसे हो गई? पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद राजस्थान के कामों की तारीफ की है. भाजयुमो के सोशल मीडिया कार्यक्रम को पार्टी ने सराहा है. उनका यह आरोप पार्टी के कार्यकर्ताओं का अपमान है. पूनिया ने नेताओं को फिर चेताया कि बयानबाजी से बचना चाहिए. अगर कोई बात है तो पार्टी के फोरम पर उसे रखना चाहिए.

भाजपा में झगड़ा नहीं, पॉर्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है नाम- भाजपा में चेहरे को लेकर चल रही खींचतान पर पूनिया ने कहा कि हमारे यहां नेतृत्व को लेकर कोई झगड़ा नहीं है. जब प्रभारी ने कह दिया कि पॉर्लियामेंट्री बोर्ड चेहरा तय करता है तो वो जिसे बनाएंगे, उसके पीछे हम चलेंगे.

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तीसरी लहर की कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं, इंतजार करना चाहिए
कोरोना काल में पंचायत चुनाव को लेकर पूनिया ने कहा कि निगम के चुनाव न्यायालय के निर्देश से हुए थे. इसके बाद न्यायालय ने परिस्थितयां देखी और कहा कि चुनाव उचित नहीं है. जब चर्चा चली तो पीसीसी चीफ और हमने कहा कि कोरोना के कारण चुनाव प्राथमिकता नहीं है. अब चुनाव आयोग को तय करना है, चुनाव जरूरी है या नहीं है. तीसरी लहर को लेकर प्रामाणिक तौर पर कोई जानकारी नहीं है. इसलिए अभी इंतजार करना चाहिए.

कांग्रेस ने इतिहास से सबक नहीं लिया- इससे पहले आपातकाल को लेकर सतीश पूनिया ने कहा- आज आपातकाल के 46 वर्ष पूरे हो गए. भारत के इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी गलती आपातकाल थी. इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र पर चोट की थी. बेगुनाहों को जेल में ठूंसा गया. आखिर 1977 में आपातकाल को वापस लेना पड़ा. मगर कांग्रेस ने इतिहास से सबक नहीं लिया, जिसकी वजह से वह आज कुछ जगहों पर सिमटकर रह गई है.

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