RBI के फैसले का प्रधानमंत्री ने किया स्वागत तो पूर्व वित्त मंत्री ने उठाया सवाल

केंद्रीय वित्तमंत्री ने भी रिजर्व बैंक के फैसले को सही ठहराते हुए बताया वित्तीय स्थिरता पर आश्वस्त करने वाला कदम तो चिदंबरम ने बताया अधूरे मन से किया गया निर्णय

रिजर्व बैंक

पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए रेपो रेट में भारी कटौती कर आमजन को राहत देने का प्रयास किया. रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस से बचाव के चलते देशभर में लॉकडाउन के बीच रेपो रेट में खासी कटौती की है. ये आरबीआई के इतिहास की सबसे बड़ी कटौती है. रिजर्व बैंक के इस फैसले का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वागत किया है. वहीं पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम ने रिजर्व बैंक के निर्णय पर सवाल उठाया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह अधूरे मन से किया गया है.

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पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘रेपो रेट में कटौती के आरबीआई के फैसले और नकदी के लिए उठाए कदमों का स्वागत करता हूं लेकिन ईएमआई की तिथि आगे बढ़ाने पर आरबीआई का निर्देश अस्पष्ट है. ऐसा लगता है कि यह अधूरे मन से किया गया है. सभी ईएमआई के भुगतान की तिथियां स्वत: आगे बढ़नी चाहिए.’ चिदंबरम के मुताबिक मैंने सुझाव दिया था कि सभी तिथियों को 30 जून तक बढ़ाया जाए. अब कर्ज लेने वालों को बैंकों पर निर्भर बना दिया गया है और वे निराश होंगे.

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दरअसल रिजर्व बैंक ने सभी कमर्शियल बैंकों को ब्याज और कर्ज अदा करने के लिए तीन महीने की छूट दे दी है लेकिन कस्टमर के विभिन्न लोन की ईएमआई की तिथि को आगे बढ़ाने का फैसला बैंकों पर छोड़ा है. जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर लोन की ईएमआई आगे बढ़ाने का निवेदन किया था. हालांकि अभी तक इस बारे में कोई घोषणा नहीं हुई है. आरबीआई के ये फैसला बैंकों पर छोड़ देने से अब गेंद सहयोगी बैंकों के पाले में चली गई है. अब ये उनकी इच्छा पर निर्भर करता है कि वे चाहें तो छूट दें या नहीं.

रिजर्व बैंक के रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट कम करने के फैसले का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आज RBI ने हमारी अर्थव्यवस्था को कोरोनावायरस के प्रभाव से बचाने के लिए विशाल कदम उठाए हैं. इन घोषणाओं से तरलता में सुधार होगा, धन की लागत कम होगी और मध्यम वर्ग और व्यवसायों को मदद मिलेगी’.

वहीं केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कमर्शियल बैंकों को ब्याज और कर्ज अदा करने के लिए तीन महीने की छूट देने वाले फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे वित्तीय स्थिरता पर आश्वस्त करने वाला कदम बताया. उन्होंने कहा कि टर्म लोन की किस्तों (ईएमआई) के भुगतान पर 3 महीने की मोहल्लत और वर्किंग कैपिटल पर ब्याज काफी वांछित राहत देता है. स्लेस्ड ब्याज दर को त्वरित प्रसारण की आवश्यकता है.

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