पायलट ने बिना नाम लिए कटारिया और पूनियां को दी नसीहत, कहा- मुद्दों पर बात हो लेकिन किसी का नाम लेकर सीधे प्रहार करना गलत

'मैंने 5 साल विपक्ष में रहते हुए कभी वसुंधरा जी को चैन से सोने नहीं दिया प्रदेश के सभी मुद्दों को लेकर जमकर विरोध किया लेकिन उनके नाम पर कभी प्रहार नहीं किया'- पायलट

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. जयपुर के रविंद्र मंच पर आयोजित हो रहे 4 दिवसीय महिला फेडरेशन के 21 वे राष्ट्रीय सम्मेलन में शनिवार को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने शिरकत की. सम्मेलन को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा कि बहुत लोग कहते हैं कि आज के नौजवानो में जज्बा खत्म हो रहा है जबकि ऐसा नहीं है. इस देश के युवाओं में आज भी वो जज्बा है जो आजादी से पहले के युवाओ में था. आज के युवा पहले की पीढ़ी से कम देश भक्त नहीं है. पायलट ने कहा कि आज से 30 साल पहले आंदोलन होते थे, धरने होते थे. उन धरनों से नेता निकलते थे. दुर्भाग्य की बात है कि वे धरने अब कम हो गये है. विरोध करने का अधिकार हम सभी को है. मैं 26 की उम्र में संसद पहुचा था. अगर मैं युवाओ को आगे नहीं बढ़ाउगां तो उनकी राजनीति को खत्म करूगां. इसलिए लोगो की आवाज बनने का मौका मिले तो बनना चाहिए.

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सचिन पायलट ने बिना नाम लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को नसीहत देते हुए कहा कि, “हमारे देश की राजनीति बड़ी तीखी है पर मजेदार है. लोग अखबार में छपने के लिए सुर्खियों में आने के लिए कुछ भी बोलते है लेकिन किसी पर भी सीधा प्रहार नहीं करना चाहिए ओर मुद्दों पर बात करनी चाहिए. मैंने 5 साल विपक्ष में रहते हुए कभी वसुंधरा जी को चैन से सोने नहीं दिया प्रदेश के सभी मुद्दों को लेकर जमकर विरोध किया लेकिन उनके नाम पर कभी प्रहार नहीं किया. आज की राजनीति में लोग गलती नहीं मानते है लेकिन अपनी गलती मानने वाला ही लीडर होता है.”

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गौरतलब है कि बीते दिनों CAA के समर्थन में राजधानी में हुई बीजेपी की रैली के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए बहुत ही बेहुदा भाषण दिया था, वहीं सतीश पूनियां ने प्रदेशाध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद अपने पहले भाषण में कटारिया का समर्थन किया था.

प्रदेशाध्यक्ष पायलट ने आगे कहा आज कांग्रेस ने देशभर में एक पैदल मार्च निकाला जिसमें पार्टी ने नारा दिया भारत बचाओ संविधान बचाओ. आखिर क्या जरूरत पड़ी कांग्रेस को इस मार्च की और नारा देने कि भारत बचाओ संविधान बचाओ क्योकि देश को नये नये कानून लाकर भयभीत किया जा रहा है. इसलिए कांग्रेस पार्टी ने देशभर में मार्च निकाला आज संविधान बचाने की आवश्यकता है. देश में कितनी ही राजनीतिक पार्टियां हो लेकिन बाहरी ताकतों से लड़ने के लिए हम एक है.

वहीं सीएए और एनआरसी पर देश में चल रहे घमासान का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा कि आज पूरे देश में नकारात्मक माहौल है, युवाओं पर बल प्रयोग हो रहा है. देशभर में दहशत का माहौल है लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. बोलने की आज़ादी सबको है लेकिन जब कोई कानून को हाथ में लेता है तो मैं उसके सख्त खिलाफ हूं. संख्या बल के आधार पर कानून बनाना देश सेवा नहीं है. देश की समस्याओं का समाधान करना देशसेवा है. अगर कोई अच्छा काम केंद्र सरकार करेगी तो सबसे पहले मैं उसका समर्थन करूंगा. आप सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हम सबको एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए.

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