जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी (JKNC) ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमला लोकल सपोर्ट के बिना नहीं हो सकता, क्योंकि आतंकवादी वहां कैसे आए, ये सवाल आज भी बना हुआ है. किसी लोकल ने उनकी मदद तो जरूर की है. उनका यह बयान सियासी गलियारों में एक अलग माहौल पैदा करता सा प्रतीत हो रहा है. क्या किसी खुफिया ऐजेंसी से उन्हें यह इनपुट मिला है या फिर उन्होंने बातों ही बातों में किसी पर निशाना साधा है? दोनों ही सवालों का जवाब मिलने में वक्त जरूर लगेगा लेकिन उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में गफलत की स्थिति जरूरी पैदा कर रहा है.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो अब्दुल्ला का ये बयान सीधे सीधे प्रदेश की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबुबा मुफ्ती पर निशाना है. अब्दुल्ला के इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा कि फारूक अब्दुल्ला का ऐसा बयान देश के बाकी हिस्सों में रह रहे कश्मीरी लोगों के लिए खतरा बन सकता है. इससे कुछ मीडिया चैनलों को कश्मीरियों और मुस्लिमों को बदनाम करने का मौका मिल जाएगा. वहीं अब्दुल्ला ने मुफ्ती पर आरोप लगाते हुए कहा था कि महबुबा मुफ्ती आतंकियों के घर जाती थी.
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JKNC सुप्रीमो ने पूर्व सीएम महबुबा मुफ्ती पर धावा बोलते हुए कहा, ’34 साल हो गए, इसकी शुरूआत किसने की. वे कौन लोग थे जो बाहर गए और वापस आ गए. वे कौन थे जिन्होंने हमारे पंडित भाईयों को यहां से निकाला. मैं जिन जगहों पर नहीं जा सकता था, वो वहां जाती थी…उन आतंकियों के घरों में.’ उन्होंने ये भी कहा कि हम कभी आतंकवाद के साथ नहीं रहे और ना रहेंगे. ना हम कभी पाकिस्तानी थे और ना हम होंगे. हम भारत का अटूट अंग हैं और हम भारत का मुकुट हैं.
फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले की मुख्य वहज सुरक्षा में चूक बताया. उन्होंने कहा, ‘1999 में जब भारत ने मौलाना मसूद अजहर को छोड़ा था, तब मैंने कहा था कि मत छोड़िए, लेकिन किसी ने मेरी बात मानी नहीं. अजहर कश्मीर को जानता है. उसने अपने रास्ते बना रखे हैं और क्या पता पहलगाम हमले में उसका हाथ भी होगा.’ उन्होंने ये भी कहा कि ये चीजे तब तक नहीं हो सकती, जब तक कोई उनकी मदद न करें.
पूर्व सीएम ने ये भी कहा कि भारत गांधी का देश है. हमने पाकिस्तान को धमकी दी है कि हम उनका पानी रोक देंगे, लेकिन हम उन्हें मारेंगे नहीं. हम उनके जैसे क्रूर नहीं हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इस हमले का बदला जरूर लिया जाएगा. आतंकवादी समझते हैं कि पहलगाम हमले से वे जीत जाएंगे लेकिन वे कभी नहीं जीतेंगे.