राजनीति में फिर से साबित हुआ ‘मोदी है तो मुमकिन है’, रातों-रात बनी महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार

कांग्रेस ने बताया देश की राजनीति में 'काला दिन', महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस बने मुख्यमंत्री, सुबह 8 बजे हुई शपथ ग्रहण, तड़के 5:30 बजे खुला राष्ट्रपति भवन, खत्म किया राष्ट्रपति शासन

Devendra4Maharashtra
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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र की राजनीति (Devendra4Maharashtra) में शुक्रवार की रात एक ऐसी रात रही जिसके लिए ‘भूचाल’ शब्द का इस्तेमाल किया जाए, वो भी कम होगा. शुक्रवार शाम तक शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक स्वर में कह रही थी कि प्रदेश में गठबंधन की सरकार बनेगी और उद्दव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. रात में सियासी चक्र उलटी दिशा में घूमा और सुबह 8:05 बजे देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने दूसरी बार राजभवन के एक बंद कमरे में मुख्यमंत्री और अजित पवार (Ajit Pawar) ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली. गहरी नींद से जागी महाराष्ट्र की जनता, तीनों पार्टियों के नेताओं सहित एक-आध मीडिया को छोड़कर ज्यादातर मीडिया तक को इस बात का पता नहीं चलता अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट करके दोनों नेताओं को बधाई नहीं देते. पीएम मोदी ने दोनों को बधाई देते हुए बताया कि फडणवीस नए मुख्यमंत्री और अजित पवार उप मुख्यमंत्री बन गए हैं’. ऐसा इसलिए क्योंकि न तो राष्ट्रपति और न ही राज्यपाल की ओर से इस बारे में कोई नोटिफिकेशन कहीं जारी किया गया.

ये सब कुछ ऐसा हुआ जैसे सिनेमा के परदे पर कोई फिल्म चल रही हो. कांग्रेस ने कहा ‘रात के अंधेरे में’ चोरों की तरह सुबह साढ़े पांच बजे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार राजभवन पहुंचे और सरकार बना ली. गौर करने की बात तो ये है कि जिस एनसीपी पार्टी के 35 विधायकों को बीजेपी के साथ मिलाने की बात अजित पवार कर रहे हैं, उस पार्टी के प्रमुख खुद शरद पवार हैं. वैसे तो इस पूरे घटनाक्रम (Devendra4Maharashtra) के पीछे शरद पवार की मौन स्वीकृति बताई जा रही है लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो शरद पवार तो राजनीति में नौसिखिया बन गए हैं. ये तो बिलकुल वैसा ही हो गया जैसे ‘सोते रह गए पवार, अजित ने बना ली सरकार’. इसी बीच केंद्र मंत्री रामदास अठावले ने एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को केंद्र में मंत्री पद देने के बयान से शक की सुई शरद पवार की तरफ घूम गई है.

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कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर अपनी जबरदस्त नाराजगी जाहिर कि और साधा प्रेस कॉन्फ्रेंस का बायकॉट कर दिया. बाद में शिवसेना प्रमुख उद्दव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अपनी बात रखते हुए कहा कि अजित पवार ने पार्टी और गठबंधन को धोखा दिया और उन पर एक्शन लिया जाएगा. शरद पवार ने कहा कि शुक्रवार शाम तक सरकार बनाने और उद्दव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनी लेकिन अजित पवार ने अचानक से शनिवार सुबह डिप्टी सीएम की शपथ ग्रहण कर ली, इसका सुबह पता चला.

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शरद पवार ने पार्टी के उन दो विधायकों राजेंद्र शिंगरे और संदीप क्षीरसागर से भी मीडिया की बात कराई जो अजित पवार के साथ गवर्नर हाऊस गए थे. दोनों विधायकों ने कहा कि हमें बैठक के बहाने बुलाया गया था. वहां हमें पता चला कि फडणवीस और अजित पवार शपथ ग्रहण कर रहे हैं. शरद पवार ने यह भी दावा किया कि नंबर अभी भी हमारे पास में है और 30 नवंबर तक बीजेपी बहुमत साबित नहीं कर पाएगी, उसके बाद हम सरकार बनाएंगे. वहीं उद्दव ठाकरे ने भाजपा पर लोकतंत्र का खेल (Devendra4Maharashtra) बना खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश एवं प्रदेश की जनता ये खेल देख रही. ठाकरे ने कहा कि उन्होंने रात के अंधेरे में खेल खेला जबकि हम दिन के उजाले में काम करते हैं, वो तोड़ने का काम करते हैं और हम जोड़ने का काम करते हैं.

वहीं एनसीपी और शिवसेना की साझा प्रेस कांफ्रेंस के बाद कांग्रेस ने अलग से प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमे कांग्रेस नेता अहमद पटेल (Ahmed Patel) ने कहा कि न बैंड, न बाजा और न बारात, जिस तरह फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की, महाराष्ट्र में इसका इतिहास काली स्याही से लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस तरह संविधान की नियमों की अवहेलना हुई, बेशर्मी की इंतेहा को भी पार कर दिया है. आज सुबह जो कांड हुआ, उसकी आलोचना के लिए शब्द नहीं है. पटेल ने बहुमत प्रस्ताव में शिवसेना और एनसीपी का साथ देने और बीजेपी के इस कदम पर कोर्ट जाने के भी संकेत दिए.

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इस घटनाक्रम (Devendra4Maharashtra) पर अजित पावर ने बयान देते हुए कहा कि प्रदेश में स्थिर सरकार देने के लिए ये कदम उठाया. वहीं देवेंद्र फडणवीस ने 174 विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए कहा कि हमने एनसीपी के 54 विधायकों के हस्ताक्षर युक्त चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी है. उधर शरद पवार ने इस चिट्ठी को केवल विधायकों की हाजरी वाली चिट्ठी बताई जो कल शाम हुई बैठक में किए गए थे. गौर करने वाली बात ये है कि इतना सब होने के बाद भी एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अजित पवार को न तो पार्टी से निकाला और न ही कोई एक्शन लिया. हालांकि उन्होंने पार्टी की अनुशासत्मक समिति द्वारा कदम उठाने की बात जरूर कही. वहीं संजय राउत ने भाजपा की तरफ गए विधायकों और खुद अजित पवार के वापिस लौटने का संकेत देते हुए कहा कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है.

संजय राउत की बात को इसलिए हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि अजित पवार के गले में कॉपरेटिव बैंक घोटाले की ईडी का फंदा लटका हुआ है. अपने चुनाव भाषणों में देवेंद्र फडणवीस खुद इस बारे में कई बार बयां कर चुके हैं कि अजित पवार के साथ ‘जेल में चक्की पीसिंग एंड पीसिंग एंड पीसिंग’ का खेल होने वाला है. ऐसे में NCP नेता दबे स्वर में ये भी कह रहे हैं कि केवल जेल जाने से बचने के लिए अजित पवार ने दवाब में ये कदम उठाया है.

खैर जो भी हो, महाराष्ट्र में रात के अंधेरे में जो भी हुआ, उसे ‘राजनीति का काला अध्याय‘ (Devendra4Maharashtra) कहा जाए तो गलत न होगा. बिना किसी नोटिफिकेशन जिस तरह सुबह 5:30 बजे राष्ट्रपति शासन खत्म किया गया, आधी रात को सरकार बनाने का दावा पेश किया गया, घटनाक्रम में दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली दिख रही है.

देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में 30 नवंबर तक बहुमत पेश करने का समय मांगा है. लेकिन शुक्रवार रात 8 बजे से लेकर शनिवार सुबह 8 बजे तक यानि बीते 12 घंटों में जो कुछ भी हुआ वो कुछ ऐसा ही है जैसा ‘वो जो आंखों से एकपल न ओछल हुए…क्या से क्या हो गया देखते देखते’. (Devendra4Maharashtra)

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