प्रदेश में आने वाले प्रवासी राजस्थानियों को क्वारेंटाइन पीरियड का करना ही होगा कड़ाई से पालन: रघु शर्मा

करीब 12 लाख राजस्थानी प्रवासियों ने घर लौटने के लिए कराया पंजीयन, डेस्टिनेशन-टू-डेस्टिनेशन लाया जाएगा सभी प्रवासियों को, चिकित्सा मंत्री ने दिए क्वारेंटाइन की कड़ाई से पालना के निर्देश

Raghu Sharma
Raghu Sharma

पॉलिटॉक्स न्यूज. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अथक प्रयासों के बाद अब प्रदेश में प्रवासी लोगों की घर वापसी होने लगी है. सीएम गहलोत की मांग पर अब केंद्र ने विशेष ट्रेन से प्रवासियों को भेजने और लाने की अनुमति भी दे दी है. इसके तहत राजस्थान से रोजाना 5 विशेष ट्रेन चलाई जा रही है. शुक्रवार रात से विशेष ट्रेनों का संचालन भी प्रारंभ हो गया है. शुक्रवार को कोटा से एक ट्रेन 1200 विद्यार्थियों को लेकर रांची तथा दूसरी ट्रेन जयपुर से नागौर में फंसे 1200 श्रमिकों को लेकर पटना के लिए रवाना हो गई है. प्रदेश में अब तक करीब  12 लाख प्रवासियों ने आवागमन के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराया है.

प्रदेश में आने वाले दिनों में लाखों की संख्या में प्रवासी लोग आएंगे जिससे प्रदेश में संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़ सकता है. इसको लेकर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि राज्य के बाहर से आने वाले प्रवासी राजस्थानी और प्रवासी श्रमिकों को 14 दिन का क्वारेंटाइन पीरिड का कड़ाई से पालन करना होगा. किसी भी कीमत पर क्वारेंटाइन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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मंत्री शर्मा ने बताया कि राजस्थान के बाहर रहने वाले लगभग 12 लाख लोगों ने राजस्थान में आने के लिए सरकार द्वारा जारी नंबर और पोर्टल के जरिए पंजीयन कराया है. मंत्री शर्मा ने आगे बताया कि बाहर से आने वाले प्रवासियों की स्क्रीनिंग से भी उनके पाॅजीटिव होने का पता लगना मुश्किल है क्योंकि बिना लक्षणों के भी मरीज पाॅजीटिव आ रहे हैं. ऐसे में संबंधित जिला कलेक्टर्स उनकी होम क्वारेंटाइन या सरकारी क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था करने के बाद ही क्षेत्र में भेजेंगे.

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मंत्री शर्मा ने आगे बताया कि देश के अन्य राज्यों में बस रहे राजस्थानियों को वापस घर में लाने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें ट्रेन के जरिए लाने का आग्रह किया था. भारत सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है. प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ रेलवे के अधिकारियों की बातचीत चल रही है. अंतिम निर्णय होने के बाद सभी प्रवासियों को डेस्टिनेशन टू डेस्टिनेशन लाया जाएगा.

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मंत्री शर्मा ने आगे कहा कि ग्रामीणों को कोई परेशानी ना हो तो स्थानीय टीम की निगरानी में उन्हें होम क्वारेंटाइन में रखा जा सकता है और यदि ग्रामीणों का विरोध हो तो गांव के बाहर सरकारी भवन में क्वारेंटाइन में रखा जाएगा. जो गरीब और बेसहारा हैं उनके लिए भी सरकारी क्वारेंटाइन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. मंत्री शर्मा ने आगे कहा कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को हर हाल में 14 दिन का होम या सरकारी क्वारेंटाइन पीरीयड का पालन करना ही होगा. किसी भी सूरत में राज्य को संक्रमित नहीं होने दिया जाएगा.

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