देश में 3 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, प्रधानमंत्री मोदी ने 7 बातों से मांगा देशवासियों का साथ

कोरोना संकट पर प्रधानमंत्री का देश के नाम 5वां संबोधन, 20 अप्रैल के बाद सशर्त कोरोना फ्री इलाकों में मिलेंगीं रियायतें, फेसकवर और सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ लक्ष्मणरेखा न लांघें

पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह राष्ट्र को संबोधन करते हुए देश में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया. साथ ही सात बातों पर देशवासियों का साथ भी मांगा. पिछले 25 दिनों में पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम ये 5वां संबोधन था. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी. 20 अप्रैल के बाद उन शहरों और इलाकों में कुछ रियायतें दी जा सकेंगी जो हॉट स्पॉट केटेगिरी में नहीं आएंगे या जहां कोई नया कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया जाएगा.

आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी ने किन सात बातों पर मांगा देशवासियों का साथ..

1. अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो. उनकी अतिरिक्त केयर करनी है और उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है.
2. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेन्सिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करना है और घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करना है.
3. अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना है. साथ ही गर्म पानी, काढ़ा आदि का निरंतर सेवन करना है.
4. कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें. अन्य लोगों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करना है.
5. जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें.
6. अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें. किसी को नौकरी से न निकालें.
7. देश के कोरोना योद्धाओं यथा हमारे डॉक्टर, नर्सेस, सफाईकर्मी एवं पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें.

देश की जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, आप उसे भली-भांति जानते हैं. अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जन्म जयंती पर हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन और ये संकल्प उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है.

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत की तुलना में बाकी देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया. उस समय भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया. भारत ने तेज फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्थिति कुछ और होती लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, वो सही है.

प्रधानमंत्री मोदी ने 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का ऐलान करते हुए कहा कि कोरेाना संकट पर विस्तृत गाइडलाइन कल जारी कर दी जाएगी लेकिन जिस तरह का वातावरण चल रहा है, उसे देखते हुए ये कदम उठाना जरूरी है. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी. 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा और अगर सही रिपोर्ट मिली तो वहां कुछ सीमित छूट दी जाएगी. ये छूट सशर्त दी जाएगी.

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि यह समय देश में उत्सवों का समय है, लॉक डाउन के बंधनों के बीच देशवासियों ने त्योहारों को मनाया है उसकी मैं प्रशंसा करता हूं. सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनिया भर में हो रही है. अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो अभी ये मंहगा जरूर लगता है लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना संकट में केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो. हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है. भारत में आज हम एक लाख से अधिक बैड की व्यवस्था कर चुके हैं. 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं. इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है.

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पीएम मोदी ने युवा वैज्ञानिकों से अनुग्रह करते हुए कहा कि भले ही आज भारत के पास सीमित संसाधन हों लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण के लिए और मानव कल्याण के लिए आगे आएं एवं कोरोना की वैक्सीन बनाने का बीड़ा उठाएं. वहीं प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि जो लोग रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो मेरा परिवार हैं. मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है. नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है.

अपने संबोधन को समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम धैर्य बनाकर रखेंगे और नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे. संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने सोशल डिस्टेन्सिंग बनाए रखने और घरेलू फेसकवर या मास्क अनिवार्य रूप से लगाने की अपील की.

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