कैलाश विजयवर्गीय ने सरेआम दी एक अधिकारी को धमकी, कहा- इंदौर शहर में लगा दूंगा आग

जिन्होंने अवैध कब्जे कर रखे है उनके खिलाफ निगम कार्यवाही ना कर सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है, राजनेता और अधिकारी मुगालते में ना रहें, मेरा कमर के नीचे वार न करने का संकल्प टूट भी सकता है- विजयवर्गीय

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. देश हो चाहे प्रदेश, छोटा हो या बड़ा, हर नेता विधायक सांसद इन दिनों अपने बड़बोले बोल के कारण सोशल मीडिया पर चर्चा में है. ऐसा ही कुछ नजारा मध्यप्रदेश के इंदौर में देखने को मिला, अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर सुर्खियों में हैं. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश के इंदौर को आग के हवाले करने की धमकी दी है. दरअसल, बीजेपी नेता इंदौर के डिविजनल कमिश्नर आकाश त्रिपाठी से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. जिसके बाद कैलाश विजयवर्गीय आपा खो बैठे और इंदौर को आग के हवाले करने की धमकी दे डाली.

दरअसल इंदौर में प्रशासन की ओर से शहर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही जारी है. इस पर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने नगर निगम और प्रशासन के खिलाफ नियमों के अनुसार काम ना करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि शहर में नियमों के विरुद्ध मकान तोड़े जा रहे है, खासतौर पर साजिश के तहत बीजेपी कार्यकर्ताओं को ही निशाना बनाया जा रहा है. मैंने ऐसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सूची प्रशासन को दी है जिन्होंने अवैध कब्जे कर रखे है. विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि जिन्होंने अवैध कब्जे कर रखे है उनके खिलाफ निगम कार्यवाही ना कर सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है.

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आपको बता दें, इंदौर में भू-माफियाओं के खिलाफ चर्चा करने के लिए ही कैलाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को मुलाक़ात करने के लिए रेसीडेंसी कोठी पर बुलाया था. लेकिन विजयवर्गीय के संदेश के बावजूद डीआईजी, कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त आदि अधिकारी रेसीडेंसी कोठी नहीं पहुंचे. इसके बाद विजयवर्गीय बिफर पड़े और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ रेसीडेंसी कोठी के बाहर ही धरने पर बैठ गए. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अब सरकार से सीधा मुकाबला किया जाएगा. अगर हमारे कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गयी तो हम विरोध करेंगे. राजनेता और अधिकारी मुगालते में ना रहें. उन्होंने अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा कि मेरा कमर के नीचे वार न करने का संकल्प टूट भी सकता है.

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इंदौर रेसीडेंसी कोठी के बाहर हुई इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय भड़कते नजर आ रहे हैं. यही नहीं इस वीडियो में वह इंदौर शहर को जलाने की धमकी भी दे रहे हैं. वीडियो में विजयवर्गीय सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर धमकाते हुए यह कहते सुनायी पड़ रहे हैं कि “हमारे संघ के पदाधिकारी (यहां) हैं, नहीं तो आज आग लगा देता इंदौर में.” बता दें, भाजपा महासचिव का यह वीडियो तब सामने आया है, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आंतरिक बैठकों के लिये संगठन के प्रमुख मोहन भागवत और इसके अन्य शीर्ष पदाधिकारी शहर में ही हैं.

वायरल वीडियो में विजयवर्गीय कहते सुनायी पड़ रहे हैं, “क्या वे (आला अधिकारी) इतने बड़े हो गये? क्या उनकी इतनी औकात हो गयी? अधिकारियों को समझना चाहिये कि वे जनता के नौकर हैं.” क्रोधित विजयवर्गीय को शांत करने की कोशिश करते हुए एक प्रशासनिक अधिकारी भाजपा महासचिव से कहते सुनायी पड़ रहे हैं कि आला अफसरों से भाजपा नेताओं के पत्र व्यवहार के बारे में उन्हें न तो कोई जानकारी है, न ही उनसे किसी तरह की चर्चा की गयी है. बिफरे विजयवर्गीय वीडियो में आगे कहते सुनायी पड़ रहे हैं, “आखिर कोई प्रोटोकॉल होता है या नहीं? हम सरकारी अधिकारियों से लिखित निवेदन कर रहे हैं कि हम उनसे मिलना चाहते हैं. क्या वे हमें यह सूचना भी नहीं देंगे कि वे शहर से बाहर हैं? यह अब हम बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारे संघ के पदाधिकारी यहां हैं, नहीं तो आज आग लगा देता इंदौर में.”

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कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में घमासान भी मच गया. कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान को बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय बताते हुए कहा कि इससे उनकी व उनकी पार्टी की विचारधारा सामने आ गयी है. उन्होंने कहा कि यह शिवराज जी की नहीं सिंघम कमलनाथ जी की सरकार है, इसमें शहर को आग लगाने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है. विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल के भी प्रभारी है और वहां भी जब-जब वे जाते हैं हिंसा होती है. इसी से समझा जा सकता है कि उस हिंसा के पीछे क्या कारण है?

सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने वायरल वीडियो के आधार पर भाजपा महासचिव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, “सरकारी अधिकारियों को खुलेआम धमकाते हुए शहर में आग लगाने की बात करने वाले विजयवर्गीय पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिये.” गौरतलब है कि कैलाश विजयवर्गीय की गिनती बीजेपी के बड़े नेताओं में होती है. उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय भी इंदौर के एक अधिकारी को बेट से मारने के बाद चर्चा में आए थे. इस घटना के बाद पुलिस ने आकाश को गिरफ्तार कर 5 दिन की हिरासत मे भेज दिया था, जिसके बाद भोपाल की विशेष अदालत ने उन्हें जमानत दी थी.

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