इस साल नेगेटिव रहेगी भारत की जीडीपी ग्रोथ! EMI चुकाने के लिए तीन महीने की छूट

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेपो रेट पर चलाई कैची, आम उपभोक्ताओं को भी मिल सकती है राहत, किस्त देने का दवाब नहीं डाल पाएंगे बैंक

Sashikant Das Governor Rbi
Sashikant Das Governor Rbi

पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना काल के विकट संकट और लॉकडाउन से जाम हुए अर्थव्यवस्था के पहिए के बाद सभी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर इस साल देश की जीडीपी का क्या होगा. अगर ये सवाल आपके भी मन में उठ रहा है तो इसका जवाब हम आपको बताए दे देते हैं. इस साल जीडीपी में गिरावट आएगी ही, और ये हम नहीं कह रहे हैं, ये कहना है रिजर्व बैंक का. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी आखिरकार यह स्वीकार कर लिया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ग्रोथ नेगेटिव रहेगी यानी इसमें गिरावट आएगी. आज हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने ये जानकारी दी. साथ ही रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट की कटौती के साथ आमजन को राहत देने वाला एक बड़ा ऐलान किया. रिजर्व बैंक के इस ऐलान के बाद होम लोन और अन्य लोन में भी कटौती हो सकती है.

इससे पहले तक कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इसके पहले लगातार कई रेटिंग एजेंसियां ऐसा आकलन कर चुकी हैं, लेकिन रिजर्व बैंक जीडीपी पर अपना कोई अनुमान पेश करने से बचता रहा था. कोरोना से उपजे हालात पर एक बार फिर विचार करने के लिए मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद शुक्रवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आएगी और यह नेगेटिव रह सकता है. इससे पहले क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स ने भी हाल में आशंका जताई थी कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक विकास दर शून्य रह सकती है.

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इसके अलावा, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट पर कैची भी चलाई है. इस कटौती के बाद आरबीआई की रेपो रेट 4.40 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो गई है. साथ ही रिजर्व बैंक इसके साथ ही मोरेटोरियम की सुविधा को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया है. यानि अगर उपभोक्ता अगले तीन महीने तक अपने लोन की ईएमआई नहीं देते हैं तो बैंक उन पर किस्त देने का दबाव नहीं डाल पाएगा. रिजर्व बैंक ने मार्च से मई तक मोरेटोरियम की सुविधा दी थी लेकिन अब इसे 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है.

मार्च से लेकर अगस्त तक जो भी उपभोक्ता अपनी ईएमआई जमा नहीं करा पाया है, उन पर बैंक की ओर से कोई पेनल्टी नहीं लगाई जाएगी. हालांकि इस अवधि का ब्याज उन्हें देना होगा. ऐसे लोगों की क्रेडिट रेटिंग भी खराब नहीं होगी और न ही उन्हें डिफॉल्टर माना जाएगा. इस तरह लोगों को कोरोना काल में कुल 6 महीने तक लोन की ईएमआई नहीं देने का विकल्प मिल गया है. यह सुविधा होम लोन, क्रेडिट कार्ड लोन जैसे टर्म लोन के लिए दी गई है. यह सुविधा सभी तरह के टर्म लोन ग्राहकों (आम लोगों, कॉरपोरेट, कारोबारियों) को मिलेगी.

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रिजर्व बैंक के अनुसार, वैसे तो यदि आप लोन की ईएमआई नहीं चुका पाते हैं तो बैंक अपने आप आपके लोन को मोरेटोरियम में भेज देंगे. लेकिन स्वचालित सिस्टम होने की वजह से ऐसा हो सकता है कि पहले आपके लोन डिफॉल्ट पर पेनल्टी कट जाए. यदि आप लोन की ईएमआई चुकाने की हालत में नहीं हैं तो खुद ही बैंक को सूचित कर लोन मोरेटोरियम सुविधा लेने के लिए आवेदन कर दें. इससे अनावश्यक परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा.

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