सावरकर को समझना है तो अंडमान की कालकोठरी में जाकर बैठिए- गजेंद्र सिंह का राहुल गांधी पर बड़ा हमला

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का राहुल गांधी पर बड़ा हमला, बोले -उन्हें आदतन अपराधी की तरह काम करते हुआ देखा है, वीर सावरकर को समझना है तो जेल में दी जाने वाली यातनाएं महसूस करें राहुल, खुद को लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं से ऊपर समझते हैं राहुल गांधी, शेखावत ने कांग्रेस पार्टी पर लगाया संविधान और न्यायपालिका में नहीं होने विश्वास

gajendra singh on rahul gandhi
gajendra singh on rahul gandhi

Gajendra Singh’s big attack on Rahul Gandhi: राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद से कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गई है. दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं. वही शनिवार को राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर और PM मोदी पर निशाना साधा था और सावरकर को लेकर बयान दिया था जिसपर अब बीजेपी के नेता कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमलावर हो गए है. राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते हैं. इसी कड़ी में अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वीर सावरकर को समझना है तो जेल में दी जाने वाली यातनाएं महसूस करें राहुल, कांग्रेस के कुछ नेताओं के लिए गांधी परिवार ही सब कुछ हैं.

आज दिल्ली में प्रेस वार्ता करते हुए केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राहुल की सदस्यता रद्द होने पर कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी व उनका परिवार स्वयं को इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं से ऊपर समझने लगे हैं, इसलिए वे न्यायपालिका के फैसले का भी सम्मान नहीं कर रहे. शेखावत ने आगे कहा कि गांधी और कांग्रेस में उनके नेताओं को लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजाक उड़ाने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.

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राहुल वीर सावरकर को समझने के लिए जाएं अंडमान
वही राहुल गांधी के वीर सावरकर को लेकर दिए बयान पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रेस वार्ता में कहा कि राहुल गांधी ने वीर सावरकर का नाम अप्रासंगिक रूप से घसीटा है, इससे उनके करोड़ों समर्थकों को ठेस पहुंची है. उन्होंने आगे कहा कि राहुल यदि सावरकर को जानना चाहते हैं तो एक बार अंडमान की कालकोठरी में जाकर बैठिए, वे दीवारें आज भी सावरकर की यातनाओं की साक्षी है. शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी देश के बाहर जाकर देश का अपमान करते हैं प्रधानमंत्री को हटाने में सहयोग मांगते हैं, सेना का मनोबल गिराते हैं न्यायापालिका के निर्णय में संदेह जताकर उसकी अवमानना करते हैं. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडियाकर्मियों की खिल्ली उड़ाते हैं, चीन से अपनी पार्टी के लिए चंदा हासिल करते हैं ऐसे लोग लोकतंत्र के लिए खतरा है.

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पहली गलती से नहीं लिया सबक
राहुल गांधी पर हमला जारी रखते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी आदतन अपराधी की तरह काम कर रहे हैं, जब 2018 में सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी उसके बाद भी वे अनर्गल आरोप लगाते रहे हैं. केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट में माफी मंगाने के बाद उन्होंने अपने आपको बचाया था, लेकिन उन्हें याद करना होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने उस समय कहा था कि वे भविष्य में इस तरह की गलती नहीं करें. ऐसा यदि एक ही बार हुआ होता तो शायद देश उन्हें माफ कर सकता था, लेकिन हर बार वे बड़ी गलती करते है.

अदालत ने दिया था माफी मांगने का मौका
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने प्रेस वार्ता में आगे बताया कि इस मामले में न्यायालय ने सजा सुनाने से पहले उन्हें माफी मांगने का मौका दिया था, लेकिन वे अहंकार में इतना डूबे थे कि उन्होंने माफी मांगना भी अपना अपमान समझा. न्यायालय द्वारा माफी मांगने के लिए दिए गए मौके का उन्होंने अनादर किया. मंत्री शेखावत ने आगे कहा कि अब सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस नेता न्यायपालिका और न्यायाधीश की क्षमता पर ही प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस के नेता अदालत को लेकर जिस तरह से अनर्गल बयान दे रहे हैं, इससे स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस का न संविधान में न ही संविधान की संस्थाओं में विश्वास रह गया है.

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ओबीसी वर्ग का राहुल ने किया अपमान
ओबीसी वर्ग के मुद्दे पर शेखावत ने राहुल पर हमला करते हुए कहा कि राहुल ने देश के प्रधानमंत्री को जाति सूचक अपमान भरे शब्दों से संबोधित किया, साथ ही, पूरे समाज को लेकर टिप्पणी की, जिससे देश का पूरा ओबीसी वर्ग आहत हुआ है. गज्जू बना ने आगे कहा कि इसी आहत भावना के चलते जो वाद दायर किया था, उसका भाजपा और भाजपा सरकार से कोई लेना-देना नहीं था. मामला 2018 से चल रहा था, लेकिन मामले में राहुल गांधी ने अपना पक्ष ठीक से नहीं रखा, अदालत ने माफी का अवसर दिया था, वह भी नहीं मांगी.
शेखावत ने आगे अपने बयान में कहा कि इससे लगता है कि वे और गांधी परिवार अपने आप को देश के न्यायालयों और अन्य व्यवस्थाओं से भी ऊपर मानते हैं. इससे न्यायपालिका उनके खिलाफ कोई निर्णय नहीं करेगा, यह अहंकार राहुल गांधी में था. जोधपुर सांसद शेखावत ने आगे कहा इसके चलते उन अवसरों को गवां दिया, इसके बाद सजा मिलने पर जो कानून अपना काम करता है, जिस कानून को सुप्रीम कोर्ट ने मोहर लगाई है कि किसी भी सांसद को दो साल या इससे अधिक की सजा मिलने पर उसकी सदस्यता स्वत: ही खत्म हो जाएगी. इस कानून के तहत लोकसभा अध्यक्ष के पास किसी भी प्रकार का विवेकाधीन अधिकार नहीं है कि वे किसी सांसद को उसके निलंबन पर कोई फैसला करें.

कांग्रेस कर रही है लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का अपमान
प्रेस वार्ता में शेखावत ने कहा कि अब इस फैसले के बाद कांग्रेस नेताओं द्वारा लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ अमर्यादित बातें कही जा रही है. इससे स्पष्ट होता है कि गांधी परिवार अहंकार में है और अपने आपको व्यवस्थाओं से ऊपर समझता है.

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