सीएम गहलोत खरीद फरोख्त के प्रमाण पेश कर दें तो मैं भी अपनी बात के प्रमाण पेश कर दूंगा- पूनियां

राजस्थान के शिक्षा के ढांचे पर शिक्षा मंत्री अपनी विफलताएं छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर दोषारोपण करते हैं, यह मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री की आदत है, अपनी विफलताएं छिपाने में दोनों माहिर हैं- सतीश पूनियां

सतीश पूनियां
सतीश पूनियां

Politalks.News/Rajasthan. विशेषाधिकार हनन के मामले में प्रथम दृष्टया दोषी ठहराए जाने पर सतीश पूनियां ने कहा है कि विधानसभा की मर्यादा में मुझसे जो जानकारी मांगेगें मैं समय पर उसका जवाब दूंगा. राज्यसभा चुनाव के दौरान राजनीति में और प्रदेश में जो परिस्थितियां पैदा हुई उसके हिसाब से यह सामान्य बात थी. एक प्रक्रिया के तहत ये प्रस्ताव लाया गया है और प्रक्रिया के तहत मैं जवाब दूंगा. सतीश पूनियां ने आगे कहा मेरे ऊपर जिस आधार पर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया उसको लेकर नेता प्रतिपक्ष कह चुके है मुख्यमंत्री गहलोत पर भी खरीद फरोख्त के भाजपा पर आरोप लगाने को लेकर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा सकता है. मुझसे पहले तो मुख्यमंत्री जी खुद कह चुके थे की 35 करोड में खरीद फरोख्त हो रही है. मुख्यमंत्री जी अगर खरीद फरोख्त के अपने प्रमाण दे देंगे तो मै भी अपने प्रमाण पेश कर दूंगा. सदन के भीतर कही हुई बात का सदन का सदस्य जवाब देह होता है. सदन के बाहर बहुत सी राजनीतिक बाते कही जाती है उसी का यह हिस्सा था. मैं अपने जवाब में सारी बाते स्पष्ट करूंगा.

वहीं सीबीएसई द्वारा पाठयक्रम में किए गए बदलाव को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा केंद्र सरकार पर निशाना साधने के सवाल पर बोलते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान के शिक्षा के ढांचे पर शिक्षा मंत्री अपनी विफलताएं छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर दोषारोपण करते है. यह मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री की आदत है, अपनी विफलताएं छिपाने में दोनों माहिर हैं. अभी तक बहुत सी चीजे शिक्षा मंत्री तय नहीं कर पाए यह तो गनीमत थी कि केंद्र सरकार ने दूरदर्शन और आकाशवाणी के जरिए उनको बच्चों की पढाई के लिए स्लॉट आवंटित किए जिससे प्रदेश के स्कूली बच्चों को बडी सहूलियत मिली है. लेकिन राज्य में पिछले कुछ दिनों में जिस तरीके से पाठयक्रमों को लेकर विसंगतियां बनी हुई है उसको लेकर गहलोत सरकार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाने के बजाय खुद के गिरेबान में झांकने की आवश्यकता है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना काल में घोषित किए गए 20 हजार करोड रूपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत किए जा रहे कार्यों को लेकर गुरूवार को देश की सभी राजधानियों में बीजेपी प्रदेशाध्यक्षों ने पत्रकारों से वार्ता की. राजस्थान के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत देश में व राजस्थान में किए गए कार्यों का लेखा जोखा पेश किया. इस दौरान पूनियां ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज से देशवासियों को संबल दिया. राजस्थान की गहलोत सरकार भी इस पैकेज के तहत किए जा रहे कार्यों में सकारात्मक सहयोग करेगी, मैं उम्मीद करता हूं लेकिन गहलोत सरकार पर भरोसा नहीं है.

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत राजस्थान की गहलोत सरकार भी सकारात्मक सहयोग करके इन योजनाओं की क्रियान्विती में सहयोग करेगी, ऐसी में उम्मीद करता हूं. भरोसा तो नहीं है, क्योंकि प्रदेश में 37 ऐसी श्रेणियां है जिनको कोरोना काल में मुफ्त राशन देने की आवश्यकता थी. इस श्रेणी में पुजारी भी शामिल थे तो भिखारी भी शामिल थे. कोरोना काल में बाकी सभी ने तो काम चला लिया होगा लेकिन भिखारियों ने कैसे काम चलाया होगा इसका जवाब गहलोत सरकार आज तक नहीं दे पाई. लॉकडाउन के दौरान बहुत सी जगह राशन वितरण में भेदभाव की शिकायतें आईं. मैं चाहूंगा कि केंद्र की योजनाओं को ठीक तरीके से गहलोत सरकार प्रदेशवासियों के हक में लागू करें ताकि प्रदेशवासियों का उसका लाभ मिले.

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पूनियां ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा गरीब, जरूरतमंदों एवं प्रवासियों को निःशुल्क अनाज उपलब्ध करवाया जा रहा है. वहीं गहलोत सरकार बीपीएल, एनएफएसए के अन्तर्गत दिये जाने वाले राशन का 1 रूपये किलो, 2 रूपये किलो से पैसा वसूल रही है. इस महामारी काल में गहलोत सरकार से आग्रह है कि जनता से प्रति किलो लिया जाने वाला पैसा ना लिया जाये, क्योंकि इसके जरिए लगभग 37 करोड़ से भी ज्यादा का भार राजस्थान की जनता पर पड़ेगा. केंद्र सरकार का अनुसरण करते हुए गहलोत सरकार को यह सुविधा नि:शुल्क देनी चाहिए ताकि राजस्थान की जनता को इस कोरोना महामारी के दौरान राहत मिल सके.

केंद्र सरकार द्वारा मध्यम वर्ग का ध्यान नहीं रखने, छात्र व अभिभावक हित में स्कूल फीस माफ नहीं करने, बिजली बिल माफ नहीं करने के सवाल पर सतीश पूनियां ने कहा कि इस पैकेज में सभी वर्गो का खास ध्यान रखा गया है. जहां तक स्कूल फीस और बिजली के बिलों का सवाल है तो कुछ विषय सीधे सीधे राज्यों की सूची के होते है. कुछ चीजे ऐसी होती है जो राज्य सरकारों को अपने स्तर पर करनी चाहिए. बिजली के बिलों को माफ करने की अनेकों राज्यों में मांग होती है. पिछले दिनों प्रियंका गांधी बिजली के बिल माफ करने की योगी जी से तो मांग कर रही थी लेकिन गहलोत जी को बिजली के बिल माफ करने के निर्देश नहीं दिए. मध्यप्रदेश की सरकार ने निर्देश दिया कि बिजली के बिलों वो सिर्फ सौ रूपए जमा करेंगे. ऐसा कोई प्रावधान राज्य सरकार को भी करना चाहिए. पूरे राजस्थान में इसकी मांग है. स्कूल फीस माफी को लेकर सरकार को संचालक और अभिभावकों के बीच तालमेल बैठाकर कोई रास्ता निकालना चाहिए. जब स्कूल पिछले 3 महिने से नहीं खुली है तो ऐसे में स्कूल फीस का भुगतान करना यह थोडा असंगत लगता है. मेरी गहलोत सरकार से मांग है कि स्कूल की फीस और बिजली के बिल को लेकर कोई योग्य रास्ता निकाले.

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केंद्र के आत्मनिर्भर भारत पैकेज को लेकर सतीश पूनियां ने कहा 12 मई, 2020 को घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का विजनरी आइडिया है. आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अन्तर्गत मोदी जी ने देश की कुल जीडीपी का 10 प्रतिशत के बराबर 20 लाख करोड़ से अधिक के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. वहीं वोकल फॉर लॉकल के अन्तर्गत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिये जाने का आहृान किया. जिससे स्थानीय उद्यमियों को लाभ मिले, देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो और भारत आत्मनिर्भर बने. पूनियां ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसमें पीपीई किट सहित तमाम उत्पादों का देश में निर्माण होने लगा है. आत्मनिर्भर भारत के प्रदेश में सफल क्रियान्वयन को लेकर पूनियां ने प्रदेश के पांच वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी भी गठित की है. यह कमेटी अब जिला स्तर पर टीम गठित करेगी.

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