हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election-2019) से पहले जहां कई लोगों के अपनी पार्टियां छोड़कर भाजपा में जाने की खबरें आ रही हैं, वहीं एक खबर यह भी है गुड़गांव के भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल (Umesh Agarwal) ने पार्टी से बगावत कर दी है. इस बार उन्हें भाजपा का टिकट नहीं मिल रहा है, जिससे वह असंतुष्ट हैं. भाजपा ने इस बार गुड़गांव से सुधीर सिंगला (Sudhir Singla) को टिकट दे दिया है. उमेश अग्रवाल के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के संबंध पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रहे हैं. संभवतः इसी लिए अग्रवाल का टिकट कट गया.

इस बार उमेश अग्रवाल की पत्नी अनीता अग्रवाल (Anita Agarwal) ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. अनीता अग्रवाल सुधीर सिंगला को हराने का प्रयास करेंगी. सुधीर सिंगला पेशे से वकील हैं और उनके पिता सीताराम सिंगला हरियाणा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे हैं. सिंगला के घर आरएसएस के नेताओं का आना-जाना रहा है. नरेन्द्र मोदी भी कई बार सिंगला के घर ठहर चुके हैं और खट्टर भी अक्सर सिंगला के घर ठहरते रहे हैं.

कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गुड़गांव में सिंगला के घर गए थे. वहां सुधीर सिंगला के साथ उन्होंने लंबी बातचीत की थी. बाद में सिंगला को गुड़गांव से भाजपा का टिकट मिल गया. सुधीर सिंगला इससे पहले राजनीति में सक्रिय नहीं थे. उमेश अग्रवाल को अपनी जगह सिंगला को टिकट मिलना नागवार गुजर रहा है और उन्होंने चुनाव प्रचार में पार्टी का सहयोग नहीं करने के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, जिनमें उनका नाम नहीं है.

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उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही खट्टर ने ट्वीट किया, इस कुल्हाड़ी की धार देखिए, कुछ कट चुके हैं और कुछ कटने कटने के लिए तैयार हैं. सुधीर सिंगला उमेश अग्रवाल के भतीजे के ससुर बनने वाले हैं. इस तरह राजनीतिक कारणों से अब दो परिवार आमने-सामने हो गए हैं. अनीता अग्रवाल सिंगला को हराने के लिए चुनाव मैदान में उतर चुकी हैं. वह सिंगला के खिलाफ वोट मांगेंगी. सूत्रों के मुताबिक दोनों परिवारों के बीच सुलह कराने के प्रयास जारी हैं. अनीता अग्रवाल के नामांकन भरने के साथ ही बुधवार को उमेश अग्रवाल ने शक्ति प्रदर्शन भी किया. इस तरह उमेश अग्रवाल ने गुड़गांव में भाजपा को चुनौती दे दी है.

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