जासूसी मामले में 22 जुलाई को राज्यपाल का घेराव, डोटासरा बोले- ‘विपक्ष को खत्म करने का कुचक्र’

पैगासस जासूसी मामले में गर्माई सियासत, डोटासरा ने कहा- पीएम अनुमति के बिना अमित शाह की हिम्मत नहीं की वो सभी के फोन टेप करवा ले, मोदी से की शाह के इस्तीफे और खुद की भूमिका की जांच की मांग, डोटासरा ने वसुंधरा राजे के खिलाफ साजिश की जताई आशंका, पूछा- क्यों राजे को 'दूध में से मक्खी' की तरह साइड लाइन किया जा रहा है

पैगासस जासूसी मामले में गर्माई सियासत
पैगासस जासूसी मामले में गर्माई सियासत

Politalks.News/Rajasthan. पैगासस जासूसी मामले ने भारत की राजनीति को गर्मा दिया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले को लेकर प्रेसवार्ता की और केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा, डोटासरा ने कहा कि, ’22 जुलाई को राज्यपाल का घेराव किया जाएगा और ज्ञापन सौंपा जाएगा’ डोटासरा ने जासूसी मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से करवाने की मांग की और साथ ही देश के गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा भी मांगा. डोटासरा ने इस मामले में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम आने पर उनके खिलाफ साजिश होने की बात कही.

मोदी सरकार ने किया राष्ट्रदोह- डोटासरा
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि- मोदी सरकार ने लोकतंत्र के सभी स्तंभों की जासूसी करवाई है. विपक्षी पार्टियों के प्रमुख नेताओं, अपनी पार्टी के नेता, केन्द्रीय मंत्री, पत्रकारों की निगरानी करवाई है. केन्द्र सरकार ने निजता का हनन किया है. ये मोदी सरकार का राष्ट्रदोह है. मोदी सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को भी नही बख्शा है. पीएम मोदी, अमित शाह के नेतृत्व में जासूसी होना और इस पर किए जा रहे सवालों का जवाब नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण है. सत्ता में बैठे ये लोग किसी वर्ग को नहीं बख्श रहे हैं. राहुल गांधी और उनके निजी स्टाफ के भी फोन टेप हुए हैं. यहां तक की वसुंधरा राजे के निजी सचिवों के फोन टेप किए गए है.

पीएम की अनुमति के बिना शाह की नहीं हो सकती हिम्मत’

कांग्रेस की ओर से डोटासरा ने मांग कि- ‘सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से मामले का जांच करवाई जानी चाहिए और गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए’ डोटासरा ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री की अनुमति के बिना गृहमंत्री अमित शाह की हिम्मत नहीं हो सकती की वो सभी के फोन टेप करवा ले. जासूसी की खबरों से संवेदनशील देश की एकता खतरे में है. मोदी सरकार किस तरह शासन कर रही है यह एक बानगी है. पूरी साजिश से जब तक पर्दा नहीं उठ जाए, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अपने आप को पाक साफ साबित नहीं कर दे, तब तक गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए’.

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‘मोदी सरकार को सवालों का देना चाहिए जवाब’

डोटासरा ने कहा कि, ‘जासूसी के मामले में आईटी मंत्री कह रहे हैं- ऐसी कोई बात नहीं हुई है. दूसरी तरफ पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद बोल रहे हैं जासूसी का प्रमाण नहीं है. साल 2019 लोकसभा में बताया गया था कि NSO को नोटिस दिए गए हैं, NSO केवल सरकार को अपना सॉफ्टवेयर बेचती है’. डोटासरा ने कहा कि सरकार को सवालों के जवाब देने चाहिए. अपने आप को राष्ट्रवादी, देश प्रेमी और चौकीदार कहने वाले ये लोग निजता का हनन करने में लगे थे. लोकसभा चुनाव से पहले भी केन्द्र सरकार ने जासूसी की. जैसे जैसे इस मामले में खुलासे हो रहे हैं. देश के लोगों के मन में आशंका होने लगी है कि हम सुरक्षित नहीं है, निजता का कोई मायना नहीं रह गया है.’

‘क्यों हटाए गए मंत्री, सच आना चाहिए सामने’

डोटासरा ने कहा कि ‘जासूसी मामले में हो रहे खुलासे से न्यायपालिका की ओर से आ रहे फैसलों पर सवाल उठने शुरू हो जाएंगे. देश के आईटी मंत्री की जासूसी हुई है. केन्द्र सरकार को मंत्रियों को हटाने के पीछे का सच सामने आना चाहिए’ डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा कि- ‘मोदी और अमित शाह की तानाशाही से अलोकतांत्रिक सरकार के फैसलों से ये क्या मंत्री नाखुश थे, क्या जासूसी के आधार पर मंत्रियों को हटाया गया है’.

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‘राजे को ‘दूध में से मक्खी’ की तरह क्यों किया गया साइडलाइन’

जासूसी मामले में राजस्थान के तार जुड़ने पर डोटासरा ने कहा कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निजी सचिव के फोन भी टेप हुई है. तंज कसते हुए डोटासरा ने कहा कि, ‘किस साजिश के तहत वसुंधरा राजे को साइड लाइन किया गया है. क्या जासूसी के बाद ही वसुंधरा राजे को दूध से मक्खी की तरह से निकाल दिया गया है. वसुंधरा राजे उनकी पार्टी की मुख्यमंत्री और केन्द्र सरकार में मंत्री रही हैं. राजे ने जीवन भर भाजपा की सेवा की है’. डोटासरा ने कहा कि वसुंधरा राजे के निजी सचिव का फोन टेप किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. देश के प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इसमें संलिप्त हैं. इन दोनों से शपथ के विरोध कार्य किया है.

‘विपक्ष को समाप्त करने का कुचक्र’

गोविंद सिंह डोटासरा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘जासूसी करवा कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी की गई, दबाव डालकर फैसले करवाने के षडयंत्र रचे हैं. पूर्व सीजेआई पर आरोप लगाने वाली महिला के परिजनों की जासूसी की गई है. पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का नाम भी लिस्ट में है. जिससे बीजेपी की सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ गया है. महंगाई से आमजन परेशान है, किसान आंदोलित हैं, और बेरोजगारी से युवा परेशान हैं, मोदी सरकार विपक्ष को समाप्त करने का कुचक्र रच रही है. जब बाड़ ही खेत हो खाए तो कुछ नहीं बचता. पूरे देश में विरोध का माहौल बन रहा है, पूरी दुनिया में देश की थूंथू हो रही है.

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