रामगंज में कोरोना को हराने के लिए सरकार ने बनाई खास रणनीति, प्रदेश के 23 जिलों में 383 संक्रमित

अकेले जयपुर में हुए 129 कोरोना संक्रमित, रामगंज में एक व्यक्ति से हुए 86 संक्रमित, महामारी विशेषज्ञों की टीम ने बनाई रामगंज के लिए खास रणनीति, प्रदेश में 45 मरीज हुए पॉजिटिव से नेगेटिव, 42 को किया डिस्चार्ज

Curfew Areas Sealed In Jaipur
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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. भीलवाडा में भले ही कोरोना का संक्रमण धीरे धीरे खत्म करने में गहलोत सरकार सफल रही हो, लेकिन जयपुर के रामगंज में तेजी से बढ रहे संक्रमण को रोकने में सरकार अभी तक कामयाब नहीं हो पायी है. एक तरफ भीलवाडा मॉडल की दुनिया भर में तारीफ हो रही है वहीं राजधानी का अकेला रामगंज इलाका सरकार के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. प्रदेश में बुधवार को 40 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सामने आने के बाद कुल संख्या बढ़कर 383 हो गई है जिसमें अकेले जयपुर 23 ने कोरोना संक्रमित मिलने के बाद यहां संख्या बढ़कर 129 हो गई है. जयपुर के रामगंज में बढ रहे संक्रमण को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि रामगंज में कोरोना की रोकथाम के लिए महामारी विशेषज्ञों की सलाह पर खास रणनीति बनाई गई है. इसके तहत जनगणना के अनुसार रामगंज को क्लस्टर्स में बांटकर प्रतिदिन सैंपल लिए जाएंगे और उनकी पीसीआर टेस्टिंग करवाई जाएगी, ताकि क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव की संख्या का सही आकलन हो पाए. बता दें, रामगंज में ओमान से लौटे एक व्यक्ति के कारण 86 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.

महामारी विशेषज्ञों की टीम ने बनाई विशेष रणनीति

मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि महामारी विशेषज्ञों की टीम ने लगातार रामगंज के घटनाक्रम पर नजर रखते हुए मैपिंग के अनुसार रणनीति बनाई है. इसके तहत रामगंज को 30 क्लस्टर्स में बांटा गया है. प्रत्येक क्लस्टर से 21 सैंपल प्रतिदिन लिए जाएंगे. ज्यादा मामले सामने आने पर ज्यादा सैंपल भी लिए जा सकते हैं. मंत्री शर्मा ने आगे बताया कि रामगंज में सोशल डिस्टेंसिंग रखना मुश्किल काम है, ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को क्वारेंटाइन भी किया जा सकता है. इसके अलावा क्षेत्र में स्क्रीनिंग का काम भी तेज कर दिया गया है. सरकार को विश्वास है कि आने वाले दिनों में रामगंज में हालात ठीक होने लेगेेंगे.

प्रदेश में पौने 6 करोड़ से अधिक की हुई स्क्रीनिंग

मंत्री शर्मा ने आगे बताया कि कोरोना के खिलाफ पूरे देश में जितनी सतर्कता और सजगता राजस्थान ने दिखाई है, शायद ही किसी और राज्य ने दिखाई हो. राज्य का प्रशासनिक अमला, पुलिस और चिकित्सा विभाग के बेहतर तालमेल का ही परिणाम है कि राजस्थान में हालात पूरी तरह काबू में है. प्रदेश में अब तक पौने 6 करोड़ लोगों का सर्वे और स्क्रीनिंग हो चुकी है. देश में कोरोना की मृत्यु दर के मुकाबले प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर काफी कम है.

खुशखबर: 45 हुए पॉजिटिव से नेगेटिव

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि राज्य में यह सुखद है कि विभाग ने कोरोना की रोकथाम के साथ पॉजिटिव आए मरीजों पर विशेष ध्यान दिया. पॉजिटिव मरीजों को सोशल डिंस्टेंसिंग के साथ आइसोलेट रखा गया. उचित उपचार और विशेष ध्यान देने से प्रदेश में अब तक 45 लोगों को पॉजिटिव से नेगेटिव किया जा चुका है. इनमें से 42 लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है. चिकित्सकों की मेहनत और उपचार से भीलवाड़ा में अधिकांश लोग पॉजीटिव से नेगेटिव हो चुके हैं.

हर कदम पर सरकार ने दिखाई मुस्तैदी

मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार शुरू से ही सजग रही है. देश में सबसे पहले राजस्थान से लॉकडाउन की घोषणा की. प्रदेश में जहां भी पॉजीटिव मरीज मिले, उसके संपर्क में आए सभी लोगों का कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम व्यापक स्तर पर करवाया जा रहा है. कंटेंमेंट प्लान के तहत 1, 3 और 5 किलोमीटर के क्षेत्र में तुरंत कर्फ्यू लगाया जा रहा है. आईएलआई केसेज में ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेकर उनकी जांचें करवाई जा रही हैं. इसके साथ ही क्लस्टर सैंपलिंग, ड्रोन से निगरानी जैसी प्रयोग कर सरकार पूरी सजगता से काम कर रही है.

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क्या है भीलवाड़ा मॉडल

भीलवाडा मॉडल चिकित्सा विभाग, पुलिस और प्रशासनिक अमले द्वारा किए गए बेहतर कार्य का समन्वय भर है, यह कहना है मंत्री डॉ रघु शर्मा का, उन्होंने बताया कि विदेशों के हालात को देखकर मुख्यमंत्री ने दूरदर्शिता दिखाते हुए सभी मेडिकल कॉलजों में रेपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन कर दिया था. कोरोना पॉजीटिव की सूचना मिलते ही पहले से गठित रेपिड रेस्पॉन्स टीम को तुरंत क्षेत्र में भेजा गया. क्षेत्र में 1, 3 और 5 किलोमीटर के दायरे में कर्फ्यू और फिर महाकर्फ्यू लगाया गया. हर घर के सदस्य की 2-2, 3-3 बार स्क्रीनिंग की गई. कुछ लक्षण मिलने पर उन्हें तुरंत 14 दिनों के क्वारेंटाइन में भेजा गया और उन पर निगरानी रखी गई. जांच की रिपोर्ट आते ही पॉजीटिव मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया और तुरंत उपचार कर दिया. पॉजीटिव लोगों के संपर्क में आए व्यक्तियों की सघन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की गई और उनकी भी व्यापक स्तर पर स्क्रीनिंग और जांच करवाई गई. सभी स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे. अंत में उपचार के बाद जो पॉजीटिव से नेगेटिव आए उनकी भी कई बार जांच करने के बाद ही डिस्चार्ज किया गया.

आपको बता दें, राजस्थान के अब 23 जिलों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल चुका है. जिसमें जयपुर में सर्वाधिक 129, जोधपुर में 31, भीलवाडा में 27, झुंझुनू में 24, टोंक और बीकानेर में 20-20, कोटा में 15, जैसलमेर में 14, चुरू में 11, बांसवाडा में 10, भरतपुर 8, दौसा में 6, अजमेर, डूंगरपुर और अलवर में 5-5, उदयपुर में 4, प्रतापगढ, करौली, झालावाड और पाली में 2-2, सीकर, धौलपुर और नागौर एक एक कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया है. वहीं प्रदेश में इरान से रेस्क्यू कर लाये गये भारतीयों में से 36 पॉजिटिव है. इसके अलावा जयपुर में इटली के 2, इन सभी को मिलाकर अब प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 383 हो गई है. वहीं 6 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की प्रदेश में अब तक मौत हो चुकी है जिनमें 2 जयपुर, 2 भीलवाड़ा, एक बीकानेर और एक कोटा से है. इसके साथ ही अब तक प्रदेश में 45 लोग पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके है जिनमें से 42 को अब तक डिस्चार्ज भी किया चुका है.

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