जम्मू कश्मीर में शिक्षा और इंटरनेट पर गुलाम नबी ने राज्यसभा में अमित शाह को घेरा

कश्मीर में धारा 370 हटने के 100 दिन बाद के मौजूदा हालातों पर गृहमंत्री ने राज्यसभा में पेश की गृह मंत्रालय की रिपोर्ट, कहा - स्कूल-कॉलेज, बैंकिंग सेक्टर, यातायात और सरकारी अस्पताल में व्यवस्थाएं सुचारू

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कश्मीर में धारा 370 हटने के 100 दिन पूरे होने के मौके पर राज्यसभा में जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालातों पर रिपोर्ट पेश की. उन्होंने मौजूदा सांसदों के प्रश्नों का भी उत्तर दिया. उन्होंने (Amit Shah on Kashmir) उच्च सदन में पेश की गई गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया कि स्कूल कॉलेजों में हाल में हुई परीक्षाओं में छात्र छात्राओं की उपस्थिति 99.7 फीसदी रही है. राज्य में शिक्षा के मुद्दे पर राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री अमित शाह को घेरा. गुलाम नबी ने प्रश्न करते हुए शाह से पूछा कि माननीय मंत्री महोदय ने परीक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति तो 99.7 फीसदी दिखा दी लेकिन 5 अगस्त से अब तक स्कूल और कॉलेजों में उनकी उपस्थिति 5 प्रतिशत से भी कम है. हालांकि उनके इस प्रश्न पर राज्यसभा में गहमा गहमी हो गयी. इसके देखते हुए राज्यसभा सभापति महोदय एम. वेंकैया नायडू ने दोनों की बैठने का आदेश दिया.

इससे पहले अमित शाह ने गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ते हुए सदन को बताया (Amit Shah on Kashmir) कि घाटी में अनुच्छेद 370 और 35ए हटने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में खासी कमी देखी गई है. जनवरी से 4 अगस्त तक पत्थरबाजी के 361 मामले दर्ज हुए हैं. इसके मुकाबले 5 अगस्त से 15 नवंबर तक केवल 190 पत्थरबाजी की घटनाएं हुई हैं जिनमें 765 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. ये आंकड़े पिछले सालों की तुलना में काफी कम है. 5 अगस्त से लेकर अब तक किसी भी नागरिक की जान पुलिस या सुरक्षा बलों की गोली से नहीं गई.

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अमित शाह ने बताया कि जम्मू कश्मीर में वर्तमान हालात सामान्य हैं और तेजी से सुधर रहे हैं. किसी भी इलाके और थाना क्षेत्र में कर्फ्यू की स्थिति नहीं है जबकि 195 थानों में 144 लागू नहीं है. J&K में सभी सरकारी कार्यालय, सरकारी अस्पताल और सरकारी के साथ प्राइवेट स्कूल कॉलेज खुले हुए हैं जहां बिना किसी डर के कार्य हो रहा है. शिक्षा संस्थानों में सभी परीक्षाएं समय पर आयोजित हुई हैं और परीक्षाओं में स्कूल कॉलेजों के छात्र छात्राओं की उपस्थिति 99 फीसदी से भी ज्यादा रही है.

उन्होंने (Amit Shah on Kashmir) कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद यातायात सुविधा सुचारू हो चुकी हैं और बैंकिंग सिस्टम और फोन सुविधा शुरू कर दिया गया है. सभी अस्पतालों में दवाईयां मौजूद हैं. बाजारों की सभी दुकाने रोजाना खुल रही हैं और किसी चीज की या आने जाने में कोई दिक्कत नहीं है. पर्यटकों की संख्या में खास इजाफा हुआ है. पिछले 6 महीने में 34 लाख से अधिक पर्यटक जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं जिनसे 25 करोड़ से ज्यादा की कमाई हुई. सेबों की भारी खपत भी प्रदेश से बाहर भेजी जा रही है.

जम्मू कश्मीर में इंटरनेट की बहाली पर अमित शाह (Amit Shah on Kashmir) ने जवाब देते हुए कहा कि इस बारे में स्थानीय प्रशासन फैसला लेगा. गृहमंत्री ने कहा कि फिलहाल इंटरनेट चालू करने का फैसला गलत साबित हो सकता है. बिना किसी का नाम लिए उन्होंने बताया कि पड़ौसी देश की आंखें जम्मू कश्मीर और यहां के हालातों पर गढ़ी हुई है. सुरक्षा दृष्टि से देखते हुए ऐसा करना फिलहाल के लिए गलत हो सकता है. इसी बात पर पलटवार करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पड़ौसी मुल्क तो 1947 से ऐसा कर रहा है लेकिन खास स्थितियों में भी इंटरनेट और फोन सेवाएं केवल एक दिन के लिए बंद हुई हैं लेकिन अब तो तीन महीने से भी अधिक हो गए हैं. इस मुद्दे पर जैसे ही अमित शाह जवाब देने के लिए खड़े हुए, राज्यसभा स्पीकर ने दोनों को अपनी जगह पर ​बैठने का आदेश दिया.

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एनआरसी के मसले पर भी गृहमंत्री ने राज्यसभा में सांसदों के सवालों का का उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि असम में ऐसा करना सफल रहा है. जिन लोगों का नाम नागरिकता की सूची में नहीं आया है, उन्हें ट्रिबिनल में जाने की छूट दी गई है. जिन लोगों के वकील और केस लड़ने के लिए पैसे नहीं है, उनके लिए ट्रिबिनल में वकील और केस का तमाम खर्चा राज्य सरकार के वहन करने की व्यवस्था की जा रही है.

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