राजस्थान (Rajasthan) में हुए एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बाद अब अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार का बहुमत ओर अधिक मजबूत हो गया है. प्रदेश के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सभी छह विधायक कांग्रेस (Congress) में शामिल हो गये हैं. बसपा (BSP) विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) को बड़ा झटका लगा है. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या जहां पहले 100 सदस्यों की थी अब वो 106 हो गई है.

राजस्थान में सोमवार देर रात बहुजन समाज पार्टी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए. सभी बसपा विधायकों ने कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद रात 10:30 बजे विधानसभा पहुंच कर अध्यक्ष सीपी जोशी को विलय पत्र सौंपा. इनमें राजेन्द्र गुढा (विधायक, उदयपुरवाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (विधायक, नदबई), वाजिब अली (विधायक, नगर), लाखन सिंह मीणा (विधायक, करोली), संदीप यादव (विधायक, तिजारा) और बसपा विधायक दीपचंद खेरिया हैं जिन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली.

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अभी तक ये सभी बसपा विधायक कांग्रेस को बाहर से समर्थन दे रहे थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य हित में हमने फैसला किया है कि बहुजन समाज पार्टी के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया जाए. इस विलय के बाद अब कांग्रेस की सरकार बहुमत से छह विधायक ज्यादा हो गई है. जहां पहले कांग्रेस के पास 100 सीटें थीं अब वो बढ़कर 106 हो गई हैं.

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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था. वह 200 विधानसभा सीटों में से 99 पर आकर रुक गई थी, मगर उपचुनाव में 100 का आंकड़ा छुआ था. अब तक सरकार पर तलवार लटकती रहती थी, मगर अब बहुजन समाज पार्टी के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर अशोक गहलोत ने राजस्थान में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है.

गौरतलब है कि 2008 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को 96 सीटें ही मिलीं थी जिससे सरकार पर सत्ता परिवर्तन की तलवार लटकी रहती थी. ऐसे में उस समय भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अप्रैल 2009 में बसपा के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया था और कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 102 हो गई थी.

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