136 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली, आखिर कहां है विकास दुबे?

फरीदाबाद के एक होटल में मिली विकास दुबे के छिपे होने की सूचना, पुलिस के पहुंचने से पहले विकास हुआ फरार, मुखबरी के शक में चौबेपुर एसओ हिरासत में, आज एनकाउंट में मारा गया विकास दुबे का राइट हैंड

Vikas Debey Kanpur (विकास दुबे)
Vikas Debey Kanpur (विकास दुबे)

PoliTalks.News/UP. 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों को धोखे से मौत की नींद सुलाने वाले गैंगस्टर और मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे वारदात के 136 घंटे बाद भी यूपी पुलिस की पकड़ से बाहर है. हालांकि पुलिस भी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी हुई. यूपी पुलिस लगातार विकास दुबे के बाजुओं को कमजोर करते हुए पूरे एक्शन में है. जैसाकि  उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को बताया कि विकास दुबे के फरीदाबाद (हरियाणा) के एक होटल में छिपे होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने न्यू इंद्रानगर कॉम्पलेक्स स्थित होटल में छापेमारी की लेकिन विकास यहां से भाग निकला. यहां पुलिस और दुबे गैंग के साथियों में फायरिंग हुई जिसके बाद पुलिस ने विकास के साथियों को गिरफ्तार कर उनके पास से जिंदा कारतूस और हथियार बरामद किए हैं. सुबह पुलिस ने गैंग के शार्प शूटर को एनकाउंट में ढेर कर दिया.

CCTV में विकास के होने का शक, सकते में पुलिस

विकास दुबे को कानपुर की घटना के बाद फरार हुए पांच दिन हो गए हैं. लेकिन अब तक पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिला है. विकास दुबे पर इनाम की राशि अब बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है, लेकिन पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिलती दिख रही है. हालांकि पुलिस को फरीदाबाद के एक होटल में एक सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें दिख रहे शख्स को विकास बताया जा रहा है. वीडियो फुटेज में मास्क लगाकर एक आॅटो में बैठकर जाते हुए दिखाई दिया. इससे पहले विकास दुबे की आखिरी लोकेशन औरेया दिखाई दी थी, जिसके बाद पुलिस को उसके बीहड़ की ओर भाग जाने का शक हुआ था. लेकिन फरीदाबाद की सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस को सकते में डाल दिया.

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विकास की तलाश में एसटीएफ टीम शहडोल के बुढार पहुंची और उसके भतीजे आदर्श को उठा लाई. विकास के साले ने खुद थाने पहुंच अपने बयान दर्ज कराएं हैं. उसका कहना है कि विकास जीजा से उसके 14 साल से कोई संबंध नहीं हैं और विकास से तंग आकर ही वे काफी पहले बुढ़ार आ गए थे.

विकास दुबे के राइट हैंड को पुलिस ने किया ढेर

इससे पहले आज हमीरपुर के मौदाहा में पुलिस ने विकास दुबे का दाहिना हाथ माने जाने वाले अमर दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया. अमर को विकास दुबे गैंग का शातिर बदमाश और राइट हैंड माना जाता है. अमर दुबे विकास के चचेरे भाई संजय दुबे का बेटा है. गैंग के शार्प शूटर अमर दुबे पर 50 हजार का इनाम भी रखा हुआ था. अमर दुबे बाद पुलिस ने कानपुर में श्यामू वाजपेयी का एनकाउंटर किया. हालांकि पैर में गोली लगने से श्यामू घायल हो गया जिसके बाद उसे हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. श्यामू के सिर पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया है.

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इधर, फरीदाबाद पुलिस ने विकास दुबे के एक साथी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम श्रवण, अंकुर और प्रभात हैं. प्रभात दुबे गैंग का सदस्य है और उसके पास बरामद पिस्तौल वही है, जिसे कानपुर में पुलिस से लूटा गया था. फरीदाबाद में हुई छापेमारी में पुलिस से छीने गए कई हथियार भी मिले हैं, जिसकी जानकारी खुद उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. इन सभी के पास से पुलिस की दो सरकारी पिस्तौल, दो अन्य पिस्तौल और 44 ज़िंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. फरीदाबाद पुलिस की ओर से जो भी सबूत इकट्ठे किए गए हैं, उन्हें यूपी एसटीएफ को सौंप दिया गया है, जिसके आधार पर अब विकास दुबे की तलाश तेज हो गई है.

मुखबिरी के शक में चौबेपुर एसओ हिरासत में

इधर, कानपुर में विकास दुबे के मुखबिर होने के शक में चौबेपुर पुलिस स्टेशन के निलंबित एसओ विनय तिवारी को हिरासत में लिया गया है. साथ ही तत्कालीन चौकी इंचार्ज केके शर्मा से भी पूछताछ की जा रही है. केके शर्मा पर भी मुखबिरी का आरोप है. पुलिस की टीम विकास दुबे के सभी मददगारों के कॉल डिटेल खंगाल रही है. इस मामले में पूरे चौबेपुर थाने को लाइन हाजिर किया जा चुका है.

गौरतलब है कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का कथित लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और बदमाश विकास दुबे के बीच मिलीभगत की शिकायत तत्कालीन एसएसपी अनंत देव से की थी. पुलिस संदेह जता रही है कि जब विकास दुबे की तलाश में पुलिस टीम बिकारू जा रही थी, तभी एसओ विनय तिवारी ने फोन करके लाईट कटवाई थी.

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लैटर में इस बात का भी जिक्र है कि गैर जमानती अपराध होने के बावजूद भी विकास दुबे के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. जब पूछताछ की तो एसओ तिवारी ने FIR से 386 की धारा हटा कर पुरानी रंजिश की मामूली धारा लगा दी. तिवारी के विकास दुबे के पास जाने और लगातार संपर्क में रहने की बात भी पत्र में की गई है. तमाम आरोप के बाद विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया था. इसके बाद चौबेपुर थाने के दो दारोगा और एक सिपाही को भी सस्पेंड किया गया था. सभी से एसटीएफ पूछताछ की जा रही है.

यूपी पुलिस ने अब एनसीआर पर खास नजरें गढ़ाई हुई हैं. इसी वजह से बुलंदशहर से लेकर गौतमबुद्ध नगर तक छापेमारी हो रही है. कुछ इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे ​पूछताछ की जा रही है. याद दिला दें, 2 जुलाई की रात बिकरू गांव में जवाबी फायरिंग में पुलिस ने अमर के सगे चाचा अतुल और विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश को मार गिराया था. आज अमर दुबे का एनकाउंटर हो गया जो गैंग का मुख्य शूटर था. हफ्तेभर पहले अमर की शादी हुई थी.

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