टोंक-मालपुरा में ‘पलायन’ पर ‘भूचाल’, भाजपा ने बनाई जांच कमेटी, जोशी बोले- सबको मिलेगी सुरक्षा

सुर्खियों में टोंक का मालपुरा कस्बा, राजनीतिक भूचाल आना तय!, 'पलायन के लिए मजबूर' पोस्टर से हड़कंप, बहुसंख्यक परिवार पलायन की मजबूर!, एक मकान का बिकना है पूरे मसले की जड़!, स्थानीय लोगों ने निकाली रैली, पुलिस ने सुरक्षा की मांग कर लोगों के खिलाफ दर्ज किया मामला, बीजेपी ने बनाई जांच कमेटी, विधानसभा सत्र में गहलोत सरकार के खिलाफ खोला जाएगा मोर्चा

सुर्खियों में टोंक का मालपुरा कस्बा
सुर्खियों में टोंक का मालपुरा कस्बा

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के टोंक जिले का मालपुरा कस्बा फिर चर्चा में हैं. दरअसल यहां के बहुसंख्यक समुदाय की और कथित ‘असुरक्षा’ को लेकर हाल ही एक रैली निकाली गई. इस रैली में ‘हम असुरक्षा के कारण परिवार सहित पलायन करने के लिए मजबूर हैं‘ के पोस्टर के साथ महिलाएं, पुरुष और बच्चों ने भी प्रदर्शन किया. यही नहीं, सैकड़ों घरों के बाहर ऐसी ही ‘पलायन‘ की मजबूरी वाले पोस्टर चिपकाए गए हैं. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने यहां ‘सुरक्षा की मांग’ करने वाले लोगों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. पुलिस के इस एक्शन से मामले ने और ज्यादा तूल पकड़ लिया है.

मालपुरा में हुए इस मामले को लेकर प्रदेश भाजपा भी एक्शन में आ गई है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने तीन सदस्यों की एक कमेटी बना दी है जो मालपुरा कस्बे में हिन्दू परिवारों के पलायन और हिन्दू परिवारों की असुरक्षा के मुद्दों पर जांच करेगी. मालपुरा का यह घटनाक्रम जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है यहां राजनीतिक भूचाल आना तय है. सोमवार से विधानसभा की कार्यवाही शुरू होनी है. भाजपा ने पूरे मसले को विधानसभा में जोरशोर से उठाने की तैयारी कर ली है. आपको बता दें कि आजादी के बाद से अब तक मालपुरा में हिंदू-मुस्लिम आबादी के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल कई बार बिगड़ चुका है.

मालपुरा में पूरे फसाद की जड़!
1992 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद से टोंक का यह कस्बा संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है. यहां बहसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच पिछले तीन दशक में कई बार दंगे हो चुके हैं. यही कारण है कि लोग भविष्य में ऐसी परिस्थितयों से आशंकित हैं. ताजा मामला जैन समाज और मुश्लिम समाज के इलाकों के बीच एक मकान से हिंदू परिवार के पलायन का है. प्रदर्शनकारी बहुसंख्यक समाज के लोगों का कहना है कि इस मकान को अल्पसंख्यक समुदाय ने खरीदा है. ऐसा पहले भी होता आया है. लेकिन इस मकान के कारण अब उसके आसपास रहने वाले परिवारों को भी असुरक्षा के कारण पलायन करना पड़ेगा.

मकानों की रजिस्ट्री पर रोक की मांग

बहुसंख्यक परिवारों की महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने अपनी आवाज उठाते हुए, पिछले दिनों कस्बे में रैली निकाली. एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन भी सौंपा. इसमें कहा गया कि वार्ड 12 और 21 के मकानों की रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाए. लोगों ने अपने आपको पलायन के लिये मजबूर होना बताते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए सुरक्षा की मांग की.

यह भी पढ़ें: FIR दर्ज होने पर बोले गुंजल- मेरे लिए यह कोई पहला मुकदमा नहीं है, इस बार यह सरकार घबराई हुई है

200 घरों में पलायन की चेतावनी के पोस्टर

राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा कस्बे में दो दिन पहले लोगों ने प्रदर्शन किया था. एक इलाके में हिंदुओं ने दूसरे समुदाय से डर का हवाला देकर सुरक्षा की मांग की. करीब 200 ज्यादा घरों पर पीएम और सीएम से सुरक्षा की मांग और पलायन की चेतावनी वाले पोस्टर पर चस्पा कर रखे हैं. इन लोगों ने घर के बाहर लगाए ‘पलायन के लिए मजबूर’ होने के पोस्टर लगाए हैं. पीड़ितों का आरोप है कि उनके मोहल्ले में दूसरे समुदाय के लोगों ने एक मकान खरीदा. उन्हें परेशान किया जा रहा है. जिससे उनको सुरक्षा को लेकर डर है. मालपुरा कस्बे के 6 वार्डों में बहुसंख्यक समुदाय के करीब 200 मकानों पर पलायन के लिये मजबूर होने के पोस्टर लगे हुये हैं. इनमें वार्ड नंबर 12,19,20,21,23 और 27 शामिल हैं.

पुलिस का सुरक्षा मांगने वालों पर ही एक्शन!

बताया जा रहा है कि टोंक की मालपुरा पुलिस ने इस मामले में सुरक्षा की मांग करने वाले लोगों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने 13 लोगों के विरुद्ध कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है. वहीं पुलिस ने 8 लोगों को पाबंद करवाने के लिए एसडीएम न्यायालय में इस्तगासा पेश किया है. साथ ही अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है.

साथ ही इस रैली के बाद उपखंड प्रशासन भी हरकत में नजर आया और उसने इसे शहर का सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाली करतूत बताते हुए बहुसंख्यक समुदाय के लोगों को अपने अपने घरों से इस तरह के पोस्टर हटाने की चेतावनी दी है. हालांकि इस ज्ञापन के तुरंत बाद पुलिसकर्मी इन दोनों वार्डों में पहुंचे और चिपकाए गए पोस्टरों को हटाए जाने की कोशिश की, लेकिन लोगों के विरोध के चलते उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. मालपुरा पुलिस की इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में आक्रोश है.

यह भी पढ़ें: BJP-RSS पर डोटासरा का हमला- देश से इन ठगों को हटाने के लिए देशभर में अभियान चलाएगी कांग्रेस

गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीति बड़ी वजह- पूनियां

मालपुर से जुड़ी इस मामले में भाजपा भी एक्शन में आई है. पूरे मामले में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘विधायक दल की बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई. गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीति से ऐसा हो रहा है’. पूनियां का कहना है कि इस मामले को बीजेपी विधानसभा में जोरशोर से उठाएगी.

सांसद के नेतृत्व में बनाई जांच कमेटी

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने मालपुरा के पूरे मसले की जानकारी जुटाने के लिए एक सांसद के नेतृत्व में एक कमेटी भी गठित कर दी है. सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती के नेतृत्व वाली इस कमेटी में सोजत से विधायक शोभा चौहान और अलवर के पूर्व विधायक बनवारीलाल सिंघल को भी शामिल किया गया है. कमेटी के मालपुरा दौरे पर के दौरान मालपुरा विधायक कन्हैयालाल चौधरी और पार्टी के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र पराणा भी इनके साथ मौजूद रहेंगे. यह कमेटी जल्द से जल्द मालपुरा का दौरा करेगी और स्थानीय लोगों और प्रशासन से बात कर एक रिपोर्ट तैयार करेगी. कमेटी यह रिपोर्ट बीजेपी प्रदेशाध्य्क्ष पूनियां को सौंपेगी.

सरकार दे रही है सभी को सुरक्षा- महेश जोशी

मालपुरा में हिंदुओं की असुरक्षा औऱ पलायन के सवाल पर राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि, ‘सरकार सभी को सुरक्षा दे रही है. सरकार के पास मालपुरा में असुरक्षा की कोई शिकायत नहीं आई है.

यह भी पढ़ें- खुद को मोदी भक्त बताने वाली प्रतापगढ़ नगर परिषद सभापति ने 7 माह में ही BJP छोड़ जॉइन की कांग्रेस

टोंक एसपी ने कुछ लोगों पर अफवाह फैलाने का लगाया आरोप

टोंक के एसपी ओम प्रकाश ने कहा है कि, ‘मालपुरा में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. एक व्यक्ति ने अपना घर दूसरे समुदाय के किसी व्यक्ति को बेचा तो इसमें गलत क्या है ? ये संविधान में अधिकार है. एसपी ने कुछ लोगों पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया. एसपी ने कहा कि, ‘यहां लोग असुरक्षित नहीं है. जिन्होंने ये अफवाह फैलाई उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है. जिसकी जमीन बिकी है, अगर उसको कोई आपत्ति नहीं तो दूसरों को क्यों है? हां, अगर जमीन डराकर खरीदी जाती तो आपत्ति हो सकती है. असुरक्षा और पलायन की बात गलत और बेहूदा है.हमारी जानकारी में ऐसा मामला नहीं आया है’. एसपी की बयान पर स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर एसपी साहब कह रहे हैं तो पुलिस पोस्टर हटाने क्यों पहुंची थी.

मालपुरा का यह घटनाक्रम जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है यहां ‘राजनीतिक भूचाल’ आना तय है. सोमवार से विधानसभा की कार्यवाही शुरू होनी है. भाजपा ने पूरे मसले को विधानसभा में जोरशोर से उठाने की तैयारी कर ली है. टोंक जिले का मालपुरा कस्बा यह वो जगह है जिसने आजादी के बाद से कई साम्प्रदायिक झगड़े देखे हैं. इनमें अलग-अलग समय में एक के बाद एक अब तक 50 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. कई परिवार पलायन कर शहर के बाहर जा चुके हैं. अब एक बार फिर से यह कस्बा सुर्खियों में है.

Leave a Reply