आदिवासी बच्चियों को गुजरात में बेचने के विरोध में उदयपुर कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे डॉ किरोड़ी मीणा

आदिवासी अंचल की महिलाओं की सुरक्षा के लिए आगे आए 'बाबा', कलेक्ट्रेट में डाला पड़ाव, बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाएं और बच्चे भी हैं साथ, गुजरात में आदिवासी महिलाओं और बच्चों के बेचने के मामले को लेकर बैठे धरने पर, पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की है मांग

आदिवासी अंचल की महिलाओं की सुरक्षा के लिए आगे आए 'बाबा'
आदिवासी अंचल की महिलाओं की सुरक्षा के लिए आगे आए 'बाबा'

Politalks.News/Rajasthan. राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी मीणा (Kirodi Lal Meena) ने उदयपुर (Udaipur) जिला कलेक्ट्रेट में पड़ाव डाल दिया है. किरोड़ी मीणा सोमवार को उदयपुर (Gujrat) के आदिवासी अंचल की युवतियों को लेकर जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचे. किरोड़ी मीणा ने आदिवासी अंचल में महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म, खरीद-फरोख्त और बंधक बनाकर विवाह करने जैसे मामलों की जानकारी कलेक्टर को दी और मामले की जांच सीबीआई (CBI) के करवाने की मांग की. किरोड़ी मीणा ने कहा कि, ‘मैं अभी उदयपुर कलेक्ट्रेट के सामने आदिवासी बच्चियों को लेकर धरने पर बैठा हूं इन आदिवासी बच्चियों को गुजरात बहला-फुसलाकर मजदूरी के नाम पर ले जाया जाता है उसके बाद इन नाबालिक बच्चियों के साथ जुर्म किया जाता है’.

आदिवासी अंचल की युवतियों को गुजरात में बेचा जा रहा- किरोड़ी
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, ‘आदिवासी अंचल की युवतियों की खरीद-फरोख्त का खेल लम्बे समय से जारी है. उदयपुर के आदिवासी अंचल की युवतियों को गुजरात में बेचा जाता है. इनमें से कई महिलाओं के बच्चे हो चुके हैं और कई नाबालिग हैं. इस खेल को लेकर लम्बे समय से कार्रवाई के आश्वासन मिलते रहे हैं, लेकिन कोई ठोस काम नहीं हुआ है’. किरोड़ी मीणा ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है.

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‘ठोस और त्वरित कार्रवाई की मांग’

जिला कलेक्टर के कक्ष से बाहर आकर किरोड़ी मीणा ने यह ऐलान किया कि, ‘जब तक कलेक्टर उन्हें ठोस रूप से आश्वस्त नहीं कर देते कि इस रैकेट को खत्म करने के लिए क्या त्वरित और बड़ी कार्रवाई की जाएगी और पीड़िताओं को क्या आर्थिक पैकेज दिया जाएगा, तब तक वे यहीं बैठे रहेंगे’. इस ऐलान के साथ ही किरोड़ी मीणा ने कलेक्ट्रेट में पड़ाव डाल दिया.

‘आदिवासी अंचल में लड़कियों की दलाली करने वाले रैकेट संचालित’

कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में लिखा गया कि, ‘सतीत्व-स्वाभिमान और अस्मत को बचाने में असफल रही हम आदिवासी बालाएं ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमणंते तत्र देवता’ की शास्त्रों की अवधारणा वाले अपने ही देश में दर्द को आभूषण बना नारकीय जीवन जीने को मजबूर है’. ज्ञापन में लिखा गया है कि आदिवासी अंचल में लड़कियों की दलाली करने वाले रैकेट संचालित हैं. ईसाई मिशनरियों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इस ज्ञापन में बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचार का भी जिक्र है साथ ही दो हजार आदिवासी बच्चों के गायब होने की बात कही गई है. जिनको देहव्यापार में धकेलने की बात लिखी गई है.

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पुलिस और प्रशासन मुस्तैद

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलेक्टर से मिलने की सूचना दोपहर से ही चल रही थी और उदयपुर में बरसों पहले कलेक्ट्रेट में पड़ाव डालने के अनुभव के मद्देनजर पुलिस का बंदोबस्त भी पूरा किया गया था, लेकिन किरोड़ी मीणा ने कलेक्टर कक्ष में एसपी को बुलाकर समस्या पर चर्चा की और पूरी बात करने के बाद कक्ष से बाहर निकलकर मीडिया के सामने वहीं बैठने का ऐलान कर दिया जिससे पूरे प्रशासन में हड़कम्प मच गया. फिलहाल खबर लिखे जाने तक किरोड़ी लाल मीणा कलेक्ट्रेट परिसर में ही हैं. अब गेंद प्रशासन के पाले में है कि वह क्या कदम उठाता है?

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