महाराष्ट्र: फडणवीस ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, कहा – गठजोड़ के दरवाजे अभी भी खुले हैं

कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे फडणवीस, कहा- जिस तरह की भद्दी और ओछी भाषा का इस्तेमाल शिवसेना ने किया, अगर वो ये समझते हैं कि हम इसका जवाब नहीं दे सकते तो वो गलत हैं

Fadnavis Devendra
Fadnavis Devendra

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Fadnavis Devendra) ने शुक्रवार को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर करते हुए देवेंद्र फडणवीस को कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहने को कहा. इस्तीफा देने के बाद फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें जनादेश मिलने के बाद भी राज्य में सरकार नहीं बना पाने का अफसोस है. उन्होंने कहा कि महायुति के पास जनाधार होने के बाद भी सरकार न बनना जनादेश का अपमान है. फडणवीस ने पांच साल सरकार चलाने के लिए जनता, सहयोगी पार्टी और सभी सरकारी कर्मचारियों का भी आभार जताया. उन्होंने मीडिया से अपनी वार्ता में ये भी कहा कि हालांकि हम शिवसेना के चलते सरकार नहीं बना सके लेकिन भविष्य में बीजेपी के बिना महाराष्ट्र में सरकार बनाना नामुमकिन है.

मीडिया को संबोधित करते हुए फडणवीस (Fadnavis Devendra) ने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है और वो मंजूर भी हो गया है. मैंने 5 साल महाराष्ट्र की सेवा की, जनता ने मुझे 5 साल तक सेवा का मौका दिया, उसका आभार. हमारे मित्रपक्ष का भी आभार. सरकार ने पूरी पारदर्शिता से कार्य किया और ईमानदारी से सरकार चलाई. पांच साल में मोदी सरकार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अच्छा विकास किया. प्रदेश की जनता को सूखे की समस्या से निजात दिलाने की भी कोशिश की गयी. पिछले 5 सालों में गांव व शहरी स्थलों पर काफी विकास किया गया. लंबित प्रोजेक्टस को पूर्ण किया. मौजूदा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली. जनता ने गठबंधन को जनादेश दिया लेकिन उम्मीद के मुताबिक सीट नहीं मिली.

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उन्होंने शिवसेना का जिक्र करते हुए कहा कि जनता ने गठबंधन को पसंद किया और वोट दिया जिसकी बदौलत 160 से अधिक सीटें हासिल हुई. चुनाव परिणाम के बाद जब मैंने उद्दव जी को फोन कर बधाई दी तो उन्होंने खुद मुझे सरकार बनाने को कहा था. लेकिन उसके बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके द्वारा दिये गए ‘सरकार बनाने के लिए और भी विकल्प खुले हैं और हम किसी के साथ भी जा सकते हैं’ जैसे बयान पर मैं बहुत हैरान था. मैंने तो अपनी पीसी में भी यही कहा था कि हम महायुति के साथ ही सरकार बनाएंगे.

प्रदेश में 50-50 फॉर्मूले पर उन्होंने (Fadnavis Devendra) कहा कि उद्दव ठाकरे ने हमें सरकार बनाने को कहा था, लेकिन मेरे सामने ढाई ढाई साल के मुख्यमंत्री के बारे में कोई वादा नहीं किया गया. अमित शाह और नितिन गड़करी से भी इस बारे में कोई बात नहीं हुई. फडणवीस ने कहा कि मैंने खुद शाह जी और नड्डा जी से इस बारे में मिलकर पूछा लेकिन उन्होंने भी इस तरह के किसी वादे से साफ तौर पर इनकार किया है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि ढाई-ढाई साल का सीएम शिवसेना का केवल एक बहाना है. उनकी इस तरह की बयानबाजी और संबंध तोड़ने से हम आहत हुए हैं. उन्होंने कहा कि शिवसेना के एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन की अफवाहें फैल रही थी लेकिन उद्दव ठाकरे ने इस बारे में हो रही किसी बयानबाजी के जवाब में एक भी बयान नहीं दिया. उद्दव के करीबियों के बयान और विचार अलग-अलग हैं. वें अलग-अलग बयानबाजी कर रहे हैं. विरोधी पार्टियां एक दूसरे पर बयानबाजी करें वो समझ आती है लेकिन सहयोगी पार्टियों की इस तरह की व्यक्तिगत बयानबाजी सहन करने लायक नहीं हैं. इस तरह की कट्टर बयानबाजी तो विरोधी भी नहीं करते.

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फडणवीस ने कहा कि पिछले 10 दिनों से शिवसेना जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं, जिस तरह की भद्दी और ओछी भाषा का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हम पर कर रहे हैं, अगर उन्हें लगता है कि हम उसका जवाब नहीं दे सकते तो वे गलत समझ रहे हैं. भाजपा ने कभी बाला साहेब और उद्दव ठाकरे के लिए कोई बयान नहीं दिया. भाजपा विधायक दल के नेता ने ये भी कहा कि शिवसेना ने हमने फोन तक पर बातचीत करना गवारा नहीं समझा. पिछले तीन दिन से कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं के पास जाकर बातचीत करने का समय उनके पास था लेकिन हमसे उन्होंने जब भी बात की, मीडिया से माध्यम से की.

अंत में फडणवीस (Fadnavis Devendra) ने कहा कि अगर शिवसेना से ऐसा कोई वादा किया भी कहा था तो उसे आपसी बात करके सुलझाया जा सकता था लेकिन उनका ये रवैया साफ तौर पर बताता है कि वे हमसे रिश्ता नहीं रखना चाहते. फडणवीस ने ये भी कहा कि हम रिश्ते बरकरार रखना चाहते हैं और मौका मिलेगा तो मिलकर सरकार बनाने में उन्हें कोई एतराज नहीं है. राजनीति में कोई भी पार्टी राजनीतिक शत्रु नहीं है.

वहीं फडणवीस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शिवसेना के प्रवक्ता और मुखपत्र ‘सामना’ के संपादक संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस के सभी आरोपों को झूंठलाते हुए कहा कि हमने कभी भी प्रधानमंत्री का न तो अपमान किया और न ही उनपर कोई बयानबाजी की. राउत ने भाजपा पर ये भी आरोप लगाया कि फडणवीस ने सरकार के मंत्रीमंडल के रोड मैप के बारे में कभी कोई बात ही नहीं की. राउत ने ये भी कहा कि जिस समय ढाई-ढाई साल के सीएम फॉर्मूले के समय नितिन गड़करी मौजूद नहीं थे. ये बात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने हुई थी.

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