केंद्र के फैसले को सीएम गहलोत द्वारा महत्वहीन बताना संकीर्ण मानसिकता का परिचायक: राठौड

किसानों की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढाने का केन्द्र का फैसला स्वागत योग्य, इस ऐतिहासिक निर्णय का अगर सीएम गहलोत स्वागत करते तो हम उनका आभार व्यक्त करते, लेकिन संकीर्ण मानसिकता के कारण वो ऐसा कभी नहीं करते

Rajendra Rathore 01
Rajendra Rathore 01

पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. केंद्र सरकार द्वारा देश के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए बीते सोमवार कई अहम फैसले लिए गए. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने केन्द्र सरकार द्वारा 14 मुख्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कृषि मूल्य लागत आयोग की सिफारिशों पर 50 से 83 फीसदी बढ़ाए जाने के फैसले को स्वागत योग्य कदम बताया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बीते दिन केंद्र सरकार के फैसले पर दिए गए बयान कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी महत्वहीन है, इस पर राठौड ने पलटवार करते हुए सीएम अशोक गहलोत के बयान को संकीर्ण सोच व किसान विरोधी मानसिकता का प्रकटीकरण बताया.

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने कहा कि मोदी सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ किसानों की आमदनी दोगुनी करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए देश के करोड़ों अन्नदाताओं के हित में कृषि मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर 14 मुख्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 से 83 फीसदी की बढ़ोतरी एक अभूतपूर्व कदम है. राठौड़ ने आगे कहा कि बीते 4 दशक से अधिक समय तक देश और प्रदेश में शासन करने वाली कांग्रेस सरकारों में अनाज की खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कभी भी कृषि लागत आयोग की सिफारिशों के आधार पर घोषित नहीं किया था.

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राठौड़ ने कहा कि राजस्थान देश में सर्वाधिक बाजरा उत्पादक राज्य है. बाजरे की लागत में 83 फ़ीसदी मुनाफा जोड़कर 2150 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करके राज्य के 24 जिलों में उत्पादित बाजरे के कारण किसानों को संजीवनी मिली है. राज्य सरकार द्वारा घोषित 1 हजार करोड़ के किसान कल्याण कोष की राशि से केन्द्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर बाजरा, मूंग, मोठ व ग्वार जैसी फसलों का राज्य सरकार अपने संसाधनों से तुरंत क्रय करने की नीतिगत घोषणा करें.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 53 फीसदी, उड़द में 64 फीसदी, सोयाबीन में 50 फीसदी, अरहर में 58 फीसदी, सूरजमुखी में 50 फीसदी, जौ में 50 फीसदी की बढ़ोतरी होने से कोरोना संकट की विषम परिस्थिति में टूट चुके किसानों को आर्थिक रूप से संबल मिलेगा. राठौड़ ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ व रबी 2019 के प्रीमियम के राज्यांश की बकाया राशि 968 करोड़ रुपये सरकार शीघ्र जमा कराएं ताकि फसल बीमा क्लेम के वंचित लाखों किसानों की क्लेम राशि का भुगतान हो सके.

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सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए राठौड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में 2.5 करोड़ अतिरिक्त किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ने के लिए 2 लाख करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि का प्रावधान है. लघु व सीमांत किसानों के लिए सहकारी ऋण के लिए अतिरिक्त 30 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है. किसानों की फसल ऋण चुकाने की अवधि में ब्याज छूट को 31 अगस्त तक बढ़ाने के केन्द्र सरकार के ऐतिहासिक निर्णय का अगर मुख्यमंत्री गहलोत स्वागत करते तो वो उनका आभार व्यक्त करते, लेकिन संकीर्ण मानसिकता के कारण मुख्यमंत्री जी ऐसा कभी नहीं करते.

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