मध्य प्रदेश में झाबुआ विधानसभा सीट (Jhabua Assembly Seat) पर कांग्रेस और भाजपा, दोनों की अपनी पूरी ताकत लगाएंगी. यह उप चुनाव मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की प्रतिष्ठा पर लड़ा जा रहा है. कांग्रेस विधानसभा में बहुमत से दो विधायक दूर है. अगर वह झाबुआ सीट जीत लेती है तो उसे बहुमत के लिए सिर्फ एक विधायक की कमी रहेगी. इसलिए कांग्रेस ने इस क्षेत्र के कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया को उम्मीदवार बनाया है, जो पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं.

पिछले विधानसभा चुनाव में झाबुआ सीट से भाजपा के टिकट पर गुमान सिंह डाभोर विधायक चुने गए थे. उन्होंने कांतिलाल भूरिया के पुत्र विक्रांत भूरिया को हराया था. बाद में भाजपा ने डाभोर को लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बना दिया था और वह जीत गए थे. डाभोर के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने से झाबुआ सीट खाली हुई है. पहले इस आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस का वर्चस्व हुआ करता था. अब यहां भाजपा ने पकड़ मजबूत कर ली है.

भाजपा ने झाबुआ से एकदम नए उम्मीदवार भानु भूरिया को टिकट दिया है, जिन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है. फिलहाल 36 वर्षीय भानु भूरिया भारतीय जनता युवा मोर्चा के झाबुआ जिला अध्यक्ष हैं. भाजपा झाबुआ में मुख्य रूप से कश्मीर से धारा 370 हटाने और पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को मोदी की जीत बताते हुए प्रचार कर रही है. इस प्रकार भाजपा के पास चुनाव लड़ने के लिए स्थानीय मुद्दे नहीं है.

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दूसरी तरफ कांग्रेस कमलनाथ सरकार के अब के किए गए कार्यों का प्रचार करते हुए चुनाव लड़ रही है. पांच बार के सांसद कांतिलाल भूरियां को उसने विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है और वह कमलनाथ की प्रतिष्ठा को भी मुद्दा बना रही है. इस तरह झाबुआ में भाजपा और कांग्रेस, दोनों पार्टियों ने अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है. भाजपा लोगों से कहने लगी है कि झाबुआ विधानसभा सीट पर हार मोदी की हार होगी.

झाबुआ में भाजपा ने अपने 40 स्टार प्रचारक घोषित किए हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राकेश सिंह, नरेन्द्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, साध्वी प्रज्ञा जैसे नाम शामिल हैं. कांग्रेस को जीत तक पहुंचने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री कमलनाथ पर है और उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया खुद वहां के कद्दावर नेता हैं. उन्हें ज्यादा प्रचार की जरूरत भी नहीं है. वह क्षेत्र के जाने-पहचाने पुराने नेता है. झाबुआ विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को मतदान होगा.

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