यूपी में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत, योगी ने कहा-कोरोना की तरह डटकर करेंगे मुकाबला

जानलेवा बरसाती ​बीमारी की रोकथाम के लिए चलाया जा रहा अभियान, विशेष सफाई दल को दिखाई हरी झंडी, अनलॉक को हल्के में न लेने और कोरोना काल में पूर्ण सावधानी बरतने की सलाह

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

पॉलिटॉक्स न्यूज. उत्तर प्रदेश में इन दिनों मौसमी बीमारी संचारी रोगों का बोलबाला है. ये बीमारी मुख्य तौर पर बारिश के दिनों में होती है. इसकी रोकथाम के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को डॉक्टर्स डे पर संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की. योगी ने कहा कोरोना की तरह की संचारी रोग से भी डटकर मुकाबला करेंगे. साथ ही उन्होंने आम लोगों से अपील की कि अनलॉक को हल्के में ना लें, क्योंकि लोग अगर सावधानी नहीं बरतेंगे तो करोना का प्रसार तेजी से बढ़ेगा.

एक महीने चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लॉन्च करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम में बीमारी की संभावना अधिक होती है. संचारी रोग लापरवाही के चलते किसी को भी हो सकता है. ऐसे में इसे सावधानी से रोका जा सकता है. इस दौरान उन्होंने उन्होंने विशेष सफाई दल को हरी झंडी दिखाई. यह सफाई दल पूरे प्रदेश में गांव और मोहल्ले में जाकर सफाई और सैनिटाइजेशन का काम करेगा. योगी ने कहा कि अभियान में लोगों को उल्टी, दस्त जेई व एईएस आदि संचारी रोग से बचाने के लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा. गौरतलब है कि साल 2016 और 2017 में संचारी रोगों से 600 लोगों की मौत हुई थी जबकि पिछले साल 126 लोगों को संचारी रोगों से हाथ धोना पड़ा था.

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सीएम योगी ने स्वास्थ्य विभाग की पीठ थपथपाते हुए कहा कि कोरोना महामारी में यूपी जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में बहुत बेहतर काम हुआ है. आज कोविड-19 अस्पतालों में करीब डेढ़ लाख बेड हैं. अभी प्र​तिदिन कोरोना के टेस्ट करने के लिए प्रति दिन 25000 टेस्ट करने की क्षमता है जबकि जल्द जांच को बढ़ाकर 30 हजार प्रतिदिन किया जाएगा. योगी ने कहा कि कल से मेरठ मंडल में डोर 2 डोर स्क्रीनिंग होगी. हम एक-एक व्यक्ति की स्क्रीनिंग करेंगे, टेस्टिंग के आंकड़े बढेंगे तो मौत के आंकड़े गिरेंगे.

बता दें, सीएम योगी ने मंगलवार को प्रदेश को 2,185 करोड़ की 12 ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजनाओं की सौगात दी थी. इन परियोजनाओं से 7 जिलों की 67 लाख आबादी की से प्यास बुझेगी. चार चरणों में परियोजनाएं पूरी होंगी, जिनकी कुल लागत 10131 करोड़ रुपए है.

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