CM गहलोत ने लगाई PM मोदी से गुहार- ‘ऑक्सीजन नहीं है, राजस्थान को है केन्द्र की मदद की दरकार’

राजस्थान में लगभग बेकाबू हो चुका है कोरोना, राजस्थान को चाहिए 466 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, जबकि मिल रही है सिर्फ 265 MT, सीएम गहलोत का आग्रह- जो राज्य करना चाहते हैं मदद, उन्हें तो करने दें, प्रदेश में तीन मई बाद भी सख्त पाबंदियां रहेंगीं लागू

'ऑक्सीजन नहीं है, राजस्थान को है केन्द्र की मदद की दरकार'
'ऑक्सीजन नहीं है, राजस्थान को है केन्द्र की मदद की दरकार'

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में कोरोना लगभग बेकाबू हो चुका है. अस्पतालों में ऑक्सीजन, रेमेडिसिवर और वैक्सीन को लेकर जबरदस्त मारामारी मची हुई है. जिसके चलते एक्टिव मामलों में कहीं भी कोई कमी नहीं आ रही है. वहीं दूसरी ओर बार-बार राजस्थान सरकार की ओर से मदद मांगे जाने के बावजूद केन्द्र से कोई मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की मोदी सरकार से गुहार लगाई है कि ‘राजस्थान की सहायता करें, राजस्थान को मदद की दरकार है‘. सीएम गहलोत ने मांग के अनुसार ऑक्सीजन की सप्लाई करने का फिर से निवेदन किया है. बता दें, राजस्थान को अभी 466 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है जबकि मिल रही है केवल 265 मीट्रिक टन. ऐसे में सीएम गहलोत ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि जो राज्य अपने स्तर पर राजस्थान की मदद करना चाहते हैं उन्हें केन्द्र अनुमति प्रदान करे.

सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्र और राज्य सरकार द्वार साझे प्रयास किए जाने पर जोर दिया है. सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा है- हमारा प्रयास है कि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर कोविड महामारी का मुकाबला करें. ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी बेहद व्यथित करने वाली है. हम केन्द्र सरकार से बार-बार निवेदन कर रहे हैं कि अन्य राज्यों और विदेशों से मदद लेकर राजस्थान एवं अन्य राज्यों की भी सहायता करें.

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राजस्थान में कोरोना के भयावह हालातों की जानकारी देते हुए सीएम ने लिखा है कि- राजस्थान में लगभग 1 लाख 70 हजार एक्टिव केसेज हैं. मानकों के अनुसार करीब 12% मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. यानी राजस्थान में करीब 20,400 मरीजों को आज ऑक्सीजन की आवश्यकता है. एक्टिव केसेज की गणना के आधार पर आज प्रदेश को 466 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है लेकिन फिलहाल सिर्फ 265 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिल पा रही है.

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आज राजस्थान में करीब 201 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की कमी है. राज्य में संक्रमित केस देश के कुल संक्रमितों का 5% है लेकिन ऑक्सीजन आवंटन सिर्फ 1.6% है. प्रदेश को एक सप्ताह के अन्दर ही कुल 550 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी. अत: केन्द्र सरकार से पुन: अनुरोध है कि इमरजेंसी के तौर पर प्रदेश को 201 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आज ही आवंटित की जाए.

सीएम गहलोत ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए आग्रह किया है कि- हो सकता है कि केन्द्र सरकार ने बेहतर प्रबंधन की दृष्टि से ऑक्सीजन और दवाइयों का कंट्रोल अपने हाथ में लिया हो. लेकिन राज्य यदि एक दूसरे की मदद करना चाहते हैं तो भारत सरकार की देखरेख में उन्हें इसकी छूट दी जाए. हम पुन: केन्द्र से निवेदन करते हैं कि राजस्थान की सहायता करें. राजस्थान को केन्द्र सरकार की मदद की दरकार है.

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प्रदेश में तीन मई के बाद भी जारी रहेंगी सख्तियां
वहीं राजस्थान में 3 मई के बाद भी लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू रखने पर अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मुहर लगा दी है. 3 मई के बाद भी कर्फ्यू जारी रहेगा और इस बार पाबंदियों को और बढ़ाया जाएगा. नियमित कोविड समीक्षा बैठक में गहलोत ने गृह विभाग के अफसरों को मौजूदा गाइडलाइन को और सख्त बनाने और इसे आगे भी लागू रखने के आदेश दिए.

मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के अफसरों से कहा कि जरूरतमंद तबके की आजीविका का ध्यान रखते हुए ऐसी गाइडलाइन तैयार करें, जिससे लोगों का गैर-जरूरी आना-जाना न हो और संक्रमण की रफ्तार पर लगाम लग सके, नहीं तो स्थिति और विकट हो सकती है. सीएम गहलोत ने कहा कि चिकित्सा मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी तमाम स्थितियों को ध्यान में रखकर गाइडलाइन तैयार करें. हमारी कोशिश यह होनी चाहिए कि संक्रमण की चाल हर हाल में धीमी हो, चाहे इसके लिए और सख्त कदम उठाने पड़ें. बता दें राजस्थान में कर्फ्यू की मौजूदा गाइडलाइन 3 मई तक के लिए है और 4 मई से नई गाइडलाइन लागू होंगी.

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