मंदिर तोड़ने के मामले में औरंगजेब और बाबर की राह पर CM गहलोत- पूनियां और राठौड़ ने साधा निशाना

राजगढ़ में मंदिर पर चला बुलडोजर तो बीजेपी हुई हमलावर- कांग्रेस विधायक मिनी मुख्यमंत्री बनकर प्रदेश में फेला रहे है अराजकता, कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के शासन में बहुसंख्यकों को दबाया जा रहा, उसी का नतीजा है हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक 300 वर्ष पुराने भगवान शिव मंदिर को तोड़ा जाना, अपनी तुष्टिकरण की नीति के अनुसार उनका वोट बैंक खुश तभी होगा जब हिन्दुओं की आस्था पर चलेगा बुलडोजर, ब्यूरोक्रेट्स कांग्रेस सरकार के दबाव में या फिर चाटूकार बनकर काम कर रहे

पूनियां-राठौड़ के निशाने पर गहलोत
पूनियां-राठौड़ के निशाने पर गहलोत

Politalks.News/Alwar/Gehlot. अलवर जिले के राजगढ़ कस्बे में दुकानों मकानों के साथ तोड़े गए 3 मंदिरों को लेकर प्रदेश की सियासत चरम पर है. एक तरफ जहां बीजेपी नेता प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रही है. तो वहीं कांग्रेस नेता इसको लेकर बीजेपी पर ही आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि, बीजेपी नेता झूठ बोल रहे हैं क्योंकि राजगढ़ नगरीय निकाय बोर्ड का चेयरमैन बीजेपी का है और उन्हीं के कहने पर यह कार्यवाही हुई है. वहीं इस पुरे मामले को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने उदयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘राजस्थान के अलवर जिले में स्थित राजगढ़ कस्बे में 300 वर्ष पुराने भगवान शिव मंदिर पर पब्लिक डोमेन में बुलडोजर चलता हुआ दिखाई देता है, इसके बारे में कांग्रेस के नेता अलग-अलग बयानबाजी कर रहे हैं. कांग्रेस सरकार व मुख्यमंत्री की तुष्टिकरण की जो नीति है उसके अनुसार उनका वोटबैंक खुश तभी होगा जब बुलडोजर चलेगा हिन्दुओं की आस्था पर, करौली की घटना के बाद यह अपने आप में बड़ा प्रमाण है.

सतीश पूनियां ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘राजगढ़ में 300 वर्ष पुराने शिव मंदिर को तोड़ने की घटना सुर्खियों में है. जो सनातन परंपरा के लोग हैं उनको पता है कि प्राचीन मंदिर प्रदेश, देश और समाज की पूंजी हैं, उनको कांग्रेस सरकार के शासन में निर्दयता से तोड़ना, उसके बाद चोरी और सीनाजोरी. कांग्रेस सरकार के लोग इन सारी चीजों की तोहमत भाजपा के नगर पालिका बोर्ड पर लगाते हैं, क्या अकेला बोर्ड ही अतिक्रमण को तोड़ने का फैसला करता है? डीएलबी, प्रशासन, सरकार, अधिकारी यह पूरी प्रक्रिया है जिसके आधार पर ऐसे निर्णय लिये जाते हैं.’ पूनियां ने आगे कहा कि, ‘राजगढ़ में वर्ष 2013 में गौरवपथ का बनना, गौरवपथ के बीच में जो अतिक्रमण थे, उनके बारे में नोटिस जारी होना, लेकिन फिर भी गौरवपथ वहीं रुक गया, जहां अतिक्रमण का विरोध हुआ.’

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पत्रकारों से बात करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘क्या 300 वर्ष पुराना मंदिर अतिक्रमण है? कांग्रेस सरकार ने यह कार्रवाई की, उससे यह बात साफ तौर पर नजर आती है कि, उस जगह के स्थानीय कांग्रेस विधायक ने वहां के लोगों के बीच कहा कि, नगर पालिका के 34 पार्षद मेरे साथ खड़े हों, वरना कोई ना कोई कार्रवाई होगी. दूसरी तरफ इसके पर्दे के पीछे एक और चौंकाने वाली बात है कि, कांग्रेस विधायक के पुत्र के खिलाफ नाबालिग ने गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया, उसमें कुछ लोग पकड़े गये, कुछ लोग फरार हैं, जिसमें विधायक का पुत्र भी शामिल है. विधायक के पुत्र पर कार्रवाई नहीं हो, इसके लिये सरकार पर दवाब है, उसी विधायक के दवाब पर कस्बे के लोगों को भयाक्रांत करने के लिये उनके दवाब में मुख्यमंत्री के इशारे पर यह कार्यवाही होती है और 300 वर्ष पुराना मंदिर तोड़ दिया जाता है.’

पूनियां ने आगे कहा कि, ‘जानकारी में यह भी सामने आया है कि बहुत सारे अतिक्रमण तोड़ दिये गये और बहुत बचा लिये जाते हैं, यहां भी विभेद है, अब कांग्रेस पार्टी के पास बचाव का कोई रास्ता नहीं है, ऐसे में पीसीसी अध्यक्ष व मंत्री आनन-फानन में बेतुके बयान दे रहे हैं. मुझे लगता है कि यह चीजें शीशे की तरह साफ हैं. हमने मौके पर भाजपा का प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है, जो तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाकर हमें सौपेंगे. मुझे लगता है कि कांग्रेस सरकार व मुख्यमंत्री की तुष्टिकरण की जो नीति है, दूसरा बड़ा कारण है, उनको अपने वोट बैंक को खुश करना है, वो खुश तभी होंगे जब बुलडोजर चलेगा हिन्दुओं की आस्था पर, करौली की घटना यह अपने आपमें बड़ा प्रमाण है. केवल करौली ही नहीं, क्यों रामनवमी पर 144 लगती है कि प्रदेश के लगभग 17 जिलों में, क्यों बड़े पैमाने पर 107 और 116 की कार्रवाई होती है? यह अपने आपमें प्रमाण है कि किस तरह से बहुसंख्यक लोगों को राजस्थान में दबाने की कोशिश की जा रही है.

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पूनियां ने कहा कि, हिन्दु की आस्था के प्रतीक को इस तरह से तोड़ा जाना इसी बात का नतीजा है. कांग्रेस नेता व कांग्रेस सरकार कुछ भी तर्क दें, वो इस पाप से नहीं बच सकते हैं, उनको आज नहीं तो कल इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.’

वहीं राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय से पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘राजस्थान सरकार ने हिंदु समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने का काम किया है, प्रदेश कांग्रेस सरकार लगातार 3 सालों से धार्मिक भावनाओं को आहत करती आ रही है.’ राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘मंदिर तोड़ने के मामले में औरंगजेब और बाबर की राह पर है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. गहलोत सरकार की सरपरस्ती में प्रदेश में आस्था के केन्द्रों पर हो रहे लगातार हमलों को किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं करेगी भाजपा.

राजगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा पर आरोप लगाते हुए बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘उनके पुत्र दीपक मीणा पर दुष्कर्म के आरोप है, लेकिन पुलिस ने कार्यवाही करने की बजाए उनके पुत्र को क्लीन चिट दी. अब जौहरी लाल सत्ता के मद में चूर मंदिरों पर बुलडोजर चलवा रहे है.’ विधायक जौहरी लाल मीणा का एक वायरल वीडियो दिखाते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘इस वीडियों में जौहरी लाल मीणा खुद स्वीकार कर रहे है कि यदि 34 पार्षद उनके आगे नत मस्तक होकर कांग्रेस सदस्यता ग्रहण कर लें तो वह इस कार्यवाही को रूकवा सकते हैं. कांग्रेस विधायक मिनी मुख्यमंत्री बनकर प्रदेश में अराजकता फैला रहे है.

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वहीं कांग्रेस द्वारा नगर पालिका पर लगाए जा रहे है आरोपों का खंडन करते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘8 फरवरी 2022 को राजगढ़ नगर पालिका ने गौरव पथ योजना के संदर्भ में प्रस्ताव लेकर आयी थी कि इस सड़क पर स्थित मंदिर न टूटे, इसलिए इस सड़क की चौडाई 60 फीट नहीं की जानी चाहिए, इसकी चौड़ाई 30 फीट रखी जाए, जिससे मंदिर सुरक्षित रहे. नगर पालिका के प्रस्ताव में यह कही भी उल्लेखित नहीं था कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर 300 साल पुराना मंदिर तोड़ा जाए. इस मामले में अलवर डीएम कांग्रेस प्रवक्ता की तरह बात कर रहे है, इससे लगता है कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेट्स कांग्रेस सरकार के दबाव में या फिर चाटूकार बनकर काम कर रहे है.

बता दें कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने राजगढ़ (अलवर) मंदिर मामले की तथ्यात्मक जांच हेतु पार्टी की 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जिसमें सांसद सुमेधानंद सरस्वती, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक चंद्रकांता मेघवाल, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सिंह शेखावत, राजनीतिक प्रतिपुष्टि व फीडबैक विभाग के प्रदेश सह संयोजक बृजकिशोर उपाध्याय, भवानी मीणा शामिल हैं.

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