Politalks.News/Rajasthan. देश के अन्य राज्यों की तरह अब राजस्थान में बुलडोजर की एंट्री हो गई है. लेकिन राजस्थान में ये बुलडोजर अपराधियों के घरों पर नहीं बल्कि 300 साल पुराने तीन मंदिरों पर चला है. जी हां अलवर जिले के राजगढ़ में स्थित सराय मोहल्ला में स्थानीय प्रशासन ने मास्टर प्लान के तहत करीब 85 मकानों-दुकानों को ध्वस्त किया है, इसी कार्रवाई में रास्ते मे आ रहे तीन मंदिरों पर भी बुलडोजर चलाया गया है, जिसके बाद से प्रदेश की सियासत गरमा गई है. मंदिरों पर हुई बुलडोजर की कार्रवाई का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हो गई. बीजेपी ने जहां प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो वहीं कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भाजपा के निर्देश पर ये कार्रवाई हुई. यहां आपको बता दें राजगढ़ नगरीय निकाय बोर्ड और चेयरमैन भी बीजेपी का ही है.
पूरे देश में इस समय बुलडोजर पॉलिटिक्स चर्चा में हैं. कई राज्यों में जहां अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, वहीं अब तो मंदिरों पर भी बुलडोजर चलने लगा. दरअसल राजस्थान के अलवर जिले राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सराय मोहल्ला में नगर पालिका द्वारा नगरीय मास्टर प्लान के नाम पर की गई कार्यवाही में करीब 85 मकानों और दुकानों को तोड़ा गया और इसी में तीन मंदिरों पर चले बुलडोजर से सियासत गरमा गई है. यह घटना 17 अप्रैल की बताई जा रही है. सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें साफ देखा जा सकता है कि कर्मचारी शिवालय पर जूते पहनकर चढ़े हैं और मूर्तियों पर कटर मशीन चला रहे है. इन वीडियो के सामने आने के बाद देश के हिंदूवादी संगठन भड़क गए हैं.
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मंदिरों पर हुई इस कार्रवाई के विरोध में बीजेपी नेताओं ने प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘सरकार को रास्ता निकालकर मंदिर को बचाना चाहिए था. करौली की घटना के बाद सरकार की नीयत साफ नजर आ रही है. कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करके अपने वोट बैंक को खुश करना चाहती है, इसीलिए 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ दिया गया.’ वहीं राज्यसभा सांसद एवं बीजेपी के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘यह स्पष्ट है कि अशोक गहलोत सरकार हिंदुविरोधी है. मंदिरों को तोड़कर वह हिन्दू आस्था पर चोट मारती रहती है. अलवर के राजगढ़ में 17 अप्रेल को नगर प्रशासन ने विकास की आड़ में 300 साल पुराने मंदिर को ध्वस्त कर दिया. आखिर मुख्यमंत्री जी को हिंदू व उनकी आस्था से इतनी चिढ़ क्यों है?
वहीं BJP की नेशनल आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा कि, ‘राजस्थान के अलवर में विकास के नाम पर तोड़ा गया 300 साल पुराना शिव मंदिर… करौली और जहांगीरपुरी पर आसूँ बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुँचना – यही है कांग्रेस का सेक्युलरिज़म.’ वहीं बीजेपी के प्रदेश महासचिव मदन दिलावर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘याद करिये जिस प्रकार से औरंगजेब ने हिन्दू मंदिरो को तोड़ा था उसी प्रकार शीर्ष नेतृत्व के आदेश के बाद अलवर में अशोक गहलोत जी ने प्राचीन मंदिर में ड्रील करवाके शिवलिंग को उखाड़ दिया है. अरे आप ईश्वर से तो भय खाइए.’
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वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं के बयान पर पलटवार करते हुए गहलोत सरकार में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, ‘बीजेपी झूठ बोल रही है. राजगढ़ नगरीय निकाय बोर्ड का चेयरमैन बीजेपी का है. उन्हीं ने बोर्ड में प्रस्ताव लाकर चौड़ीकरण के लिए मंदिरों और घरों को गिराया है. उन्हीं के इशारे पर मंदिर को तोड़ा गया है जबकि हमारा यानी कांग्रेस का विधायक विरोध करते रह गया.’ इस दौरान प्रताप सिंह खाचरियावास ने वादा किया कि अगर कोई कानूनी अड़चन नहीं आई तो हम मंदिर दोबारा बनवाएंगे.
वहीं राजगढ़ प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर हिंदू संगठनों में रोष व्यापत है. हिंदू संगठनों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा, एसडीएम केशव कुमार मीणा और नगर पालिका के ईओ बनवारी लाल मीणा के खिलाफ साजिश करते हुए दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए पुलिस को लिखित शिकायत दी है. वहीं हिंदू संगठन राजगढ़ में विरोध प्रदर्शन करने में जुट गए हैं.