गहलोत सरकार का फैसला- प्रदेश में नहीं लागू होंगे CAA और NRC, केबिनेट बैठक में हुई चर्चा

बुधवार को हुई गहलोत मंत्रिमंडल की बैठक में CAA और NRC के अलावा सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दलों के प्रकोप और कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई 100 से ज्यादा बच्चों की मौत पर भी हुई चर्चा

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर सिटीजन (NRC) को प्रदेश में लागू नहीं करने का फैसला लिया है. बुधवार को मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में इस संबंध में चर्चा हुई. कैबिनेट में कहा गया है कि राज्य में लागू करने से पहले केंद्र सरकार बताए कि असम में एनआरसी लागू करने में क्या-क्या कठिनाइयां हुई थी.

बता दें, कांग्रेस ने बीते साल 23 दिसंबर को CAA के खिलाफ महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट पर सत्याग्रह भी किया था. कांग्रेस के इस सत्याग्रह में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ-साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए थे. राजघाट पर कांग्रेस नेताओं ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी थी. कांग्रेस का रुख नागरिकता कानून पर पहले ही साफ है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुरू से इस कानून का कड़ा विरोध करते हुए कई बार इसे प्रदेश में लागू नहीं करने का एलान कर चुके हैं.

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बुधवार को हुई गहलोत मंत्रिमंडल की बैठक में सीमावर्ती जिलों लाखों-करोड़ों की संख्या में टिड्डी दलों के प्रकोप से फसलों के खराब पर भी चर्चा हुई कि राजस्थान में टिड्डी का प्रकोप ज्यादा है मगर राजस्थान में केंद्र सरकार की तरफ से भेजी गई मशीनें गुजरात भेज दी गई हैं क्योंकि गुजरात में भी टिड्डी दलों का प्रकोप ज्यादा था. ऐसे में केंद्र सरकार से गुजरात भेजी गई मशीनों के बदले राजस्थान में मशीन भेजने की मांग की गई.

इसके साथ ही केबिनेट की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कोटा में आखिर बच्चों की मौत क्यों हो रही हैं? बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अभी तक डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने नहीं आया है. शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के जेपी नड्डा की भेजी गई जांच टीम ने भी कोटा के अस्पताल के डॉक्टरों को क्लीन चिट दी है और कहा है कि किसी भी तरह की कोई क्लीनिकल लापरवाही नहीं हुई है. वहीं शर्मा ने यह भी बताया कि 10 दिन के अंदर कोटा के जेके लोन अस्पताल में सेंट्रलाइज ऑक्सीजन सिस्टम लगाया जाएगा और बैड भी बढ़ाए जाएंगे.

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गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में बच्चों के मरने का सिलसिला जारी है. अस्पताल में बीते दो दिनों में 9 और बच्चों की मौत हो गई, जिसके बाद पिछले एक महीने में बच्चों की मौत का यह आंकड़ा अब तक 100 हो गया है. हाल ही में 23-24 दिसंबर को 48 घंटे की अवधि के दौरान सरकारी अस्पताल में 10 बच्चों की मौत के बाद से राज्य की गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बच्चों की मौत के लिए अस्पताल में पर्याप्त संसाधनों की पूर्ति के लिए बजट स्वीकृति होने के बावजूद पैसा सैंक्शन नहीं करने को लेकर पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

लेकिन गहलोत केबिनेट की बैठक में जो सबसे महत्वपूर्ण निर्णय रहा वो CAA और NRC को प्रदेश में लागू नहीं करने का लिया गया फैसला है. नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ कांग्रेस शुरू से मुखर है. ऐसे में किसी भी कांग्रेस शासित राज्य में नागरिकता कानून लागू कर पाना केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए अब चुनौती बन गई है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता नागरिकता कानून को धार्मिक भेदभाव पर आधारित और संविधान की मूल आत्मा के विरुद्ध बता चुके हैं. ऐसे में राजस्थान की गहलोत सरकार का यह फैसला अप्रत्याशित नहीं है. कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने भी नागरिकता कानून पर विरोध जताया है.

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