हरियाणा में जीत के प्रति निश्चिंत भाजपा को 40 सीटों पर कांग्रेस से कड़ी चुनौती

दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी सात सीटों पर मजबूत, 18 सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला, एकदम आसान भी नहीं है भाजपा के लिए चुनावी मुकाबला

Haryana Election 2019

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. हरियाणा (Haryana) में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक हालात करीब-करीब स्पष्ट हैं. तमाम चुनाव पूर्व सर्वे भाजपा को आगे बता रहे हैं. हरियाणा की सत्ता में भाजपा की सरकार फिर से बनना तय माना जा रहा है, लेकिन कांग्रेस विधानसभा की कुल 90 में से 40 सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही है. भाजपा और कांग्रेस, दोनों के वार रूम बने हुए हैं, जहां से चुनाव अभियान से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखा जा रही है.

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) की ओर स्थापित वार रूम की तरफ से भाजपा की स्थिति के विश्लेषण के बाद दावा किया जा रहा है कि कम से कम 18 सीटों पर भाजपा की जीत पक्की है. इन सीटों पर मतदान औपचारिकता मात्र ही रहेगा. हरियाणा (Haryana) की सीमाएं तीन तरफ दिल्ली से घिरी हुई हैं, इसलिए दिल्ली में भी विभिन्न पार्टियों के कार्यालयों से हरियाणा की रणनीति तय हो रही है.

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चुनावी माहौल का विश्लेषण करने के बाद यह तय है कि 40 सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से कड़ी चुनौती है. दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) सात सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही है. जगधारी सीट पर बहुजन समाज पार्टी मजबूत स्थिति में है, जबकि 18 सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. भाजपा ने इस बार हरियाणा में कम से कम 75 सीटें जीतने का दावा पेश कर रखा है. करीब 50 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं, जिससे भाजपा की दुबारा सरकार बनाने की उम्मीदें बरकरार हैं.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के लिए करनाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अंबाला कैंट सीटों पर मुकाबला एकतरफा है. दोनों जीतने की स्थिति में हैं. कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सांपला-किलोई सीट पर और वरिष्ठ नेता किरण चौधरी तोषाम सीट पर मजबूत स्थिति में हैं. उनके सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं है. हरियाणा की 20 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार मामूली बढ़त बनाए हुए हैं.

2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हरियाणा (Haryana) में 47 सीटें जीतकर पहली बार सरकार बनाई थी. इन चुनावों में हरियाणा की जनता मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल पर अपना फैसला देगी. हालांकि भाजपा हरियाणा के स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की बजाए जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के पराक्रम के आधार पर वोट मांग रही है.

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भाजपा के मुताबिक जिन 18 सीटों पर भाजपा की जीत पक्की है, उनमें अंबाला, पानीपत, हांसी, बटवाला, यमुना नगर, बघखल, बल्लभगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम, जुलाना और अन्य सीटें शामिल हैं. हरियाणा में चार प्रमुख पार्टियों की मौजूदगी है, जिनमें भाजपा और कांग्रेस के अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (INLO), जननायक जनता पार्टी (JJP) शामिल हैं. इनके कई बड़े नेता कड़े संघर्ष में फंसे हैं.

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