पहलगाम में आतंकी हिंसा के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी ने ‘खून बहेगा’ टिप्पणी की थी. इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पड़ौसी देश को जवाबी की कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दे दी. अब शशि थरूर की ये बयानबाजी उन पर ही भारी पड़ रही है क्योंकि कांग्रेस को थरूर का यह जवाब पार्टी को पसंद नहीं आ रहा है. बयानवीर बनने की वजह से कांग्रेस की ओर से थरूर को पार्टी की जगह कांग्रेस का प्रवक्ता बताया जा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने थरूर के रुख पर सवाल उठाते हुए उनकी राजनीति निष्ठा पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया है. उदित राज ने थरूर से पूछा है कि उन्हें देश को बता देना चाहिए कि उनकी निष्ठा किसके साथ है?
कांग्रेस नेता उदित राज ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा, ‘क्या थरूर कांग्रेस या भाजपा से जुड़े हैं? क्या वह ‘भाजपा प्रवक्ता’ हैं? क्या वह ‘सुपर-भाजपा मैन’ बनने की कोशिश कर रहे हैं?’ उदित राज ने ये भी कहा कि भुट्टो के बयान पर थरूर का यह जवाब पार्टी को पसंद नहीं आया, क्योंकि उदित राज ने सवाल उठाया कि क्या वह ‘सुपर-भाजपा मैन’ बनने की कोशिश कर रहे हैं.
सिंधु जल संधि के निलंबन पर दिया था बयान
पहलगाम आतंकवादी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, पर कूटनीतिक जवाबी कार्रवाई में भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दी थी. इस पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने धमकी भरी टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर सिंधु नदी का पानी नहीं बहेगा तो वह अपना खून बहा देंगे. इसका जवाब देते हुए तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘बिलावल भुट्टो का बयान भड़काऊ बयानबाजी है. पाकिस्तानियों को समझना होगा कि वे भारतीयों को बिना किसी दंड के नहीं मार सकते. पाकिस्तान के खिलाफ़ हमारी कोई योजना नहीं है. लेकिन अगर वे कुछ करते हैं, तो उन्हें जवाब के लिए तैयार रहना चाहिए. अगर खून बहेगा, तो संभवतः यह हमारे मुकाबले उनकी तरफ़ ज़्यादा बहेगा.’ थरूर ने ये भी कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ हमारी कोई साजिश नहीं है, लेकिन अगर वो कुछ करते हैं, तो उन्हें जवाब के लिए तैयार रहना चाहिए.
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कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि एक पैटर्न है. लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है, ट्रेनड किया जाता है, हथियार दिए जाते हैं और अक्सर सीमा पार से निर्देशित किया जाता है. फिर पाकिस्तान सभी जिम्मेदारी से इनकार करता है. आखिरकार, विदेशी खुफिया एजेंसियों सहित जिम्मेदारी स्थापित और सिद्ध हो जाती है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ये भी बताया कि 2016 के उरी हमलों और 2019 के पुलवामा हमलों के बाद भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई थी, और सुझाव दिया कि इस बार पाकिस्तान को भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है. बयानवीर बनते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि उरी के बाद, सरकार ने सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक की और पुलवामा के बाद, बालाकोट हवाई हमला किया. आज, मुझे लगता है कि हम इससे कहीं ज्यादा देखने जा रहे हैं. यह स्पष्ट है कि हमारे पास कई विकल्प हैं, कूटनीतिक, आर्थिक, खुफिया जानकारी साझा करना, गुप्त और प्रत्यक्ष कार्रवाई. किसी तरह की स्पष्ट सैन्य प्रतिक्रिया अपरिहार्य है.
केंद्र सरकार का किया था बचाव
पहलगाम में सूचना तंत्र के फैल होने पर शशि थरूर ने केंद्र की मोदी सरकार का पूर्ण रूप से बचाव किया था. उन्होंने कहा था कि यह तय है किसी भी देश के पास फूलप्रूफ खुफिया जानकारी नहीं हो सकती है. हमास के हमले से अपनी सशक्त खुफिया तंत्र के लिए जाना जाने वाला इजरायल भी स्तब्ध रह गया था. पहलगाम आतंकी हमले की वजह से खुफिया जानकारियां जुटाने में असफलता हो सकती है. कांग्रेस नेता ने इस तरह के बयान देकर भले ही देश के प्रति अपनी नागरिक जवाबदेही तय की हो लेकिन बीजेपी के किसी प्रवक्ता की तरह सरकार की ओर से दिए जाने वाले इस बयानबाजी पर उन्हें अपने ही पार्टी की नेताओं की आलोचना का शिकार हो पड़ रहा है.