अमित शाह ने राहुल गांधी सहित केजरीवाल सरकार पर उठाया सवाल, भड़की ‘आप’

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के 'सरेंडर मोदी' वाले बयान पर गृहमंत्री का पलटवार, पार्लियामेंट की होने वाली चर्चा पर दो दो हाथ करने को कहा, मनीष सिसोदिया पर शाह ने बोला हमला तो आप नेताओं ने दिया जवाब

पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. लद्दाख में LAC पर गलवान घाटी में चीन से झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद से सियासत भी जोरों पर है. इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों के साथ मन की बात की. इसके तुरंत बाद गृहमंत्री अमित शाह ने एक समाचार एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में राहुल गांधी सहित दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा. यहीं नहीं, अमित शाह ने राहुल गांधी से दो दो हाथ करने की बात कही. साथ ही दिल्ली की आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कोरोना के चलते राजधानी में स्थिति खराब हो गई, तब केजरीवाल ने केंद्र से सहायता मांगी. पूर्व बीजेपी अध्यक्ष ने दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या 5.5 लाख हो सकती है. अमित शाह के बयान पर आम आदमी पार्टी भड़क गई है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘सरेंडर मोदी’ वाले बयान पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि चर्चा से कोई नहीं डरता है. मगर जब देश के जवान संघर्ष कर रहे हों, सरकार स्टैंड लेकर ठीक कदम उठा रही है, उस वक्त पाकिस्तान और चीन को खुश हो इस प्रकार के बयान ठीक नहीं है. पार्लियामेंट होनी है. चर्चा करनी है तो आएं, करेंगे. 1962 से आज तक दो-दो हाथ हो जाए.

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गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने कोरोना के खिलाफ अच्छी लड़ाई लड़ी है. मैं राहुल गांधी को सलाह नहीं दे सकता, यह उनकी पार्टी के नेताओं का काम है. कुछ लोग ‘वक्रद्रष्टा’ हैं, वे सही चीजों में भी गलत देखते हैं. भारत ने कोरोना के खिलाफ अच्छा संघर्ष किया और हमारे आंकड़े दुनिया की तुलना में बहुत बेहतर हैं. कोरोना और लद्दाख की गलवान घाटी में चीन से तनाव के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दोनों जंग जीतने जा रहा है.

सिसोदिया के बयान पर अमित शाह का हमला

दिल्ली में कोरोना के हालात पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जून के दूसरे सप्ताह में दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बयान दिया कि 31 जुलाई तक दिल्ली में 5.5 लाख कोरोना के मामले होंगे, इससे दिल्ली की जनता में बहुत भय आया. दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली के बाहर के लोगों का दिल्ली में इलाज नहीं होगा, इस निर्णय को केंद्र सरकार ने बदला. मैंने 14 तारीख को कॉर्डिनेशन की बैठक की. दिल्ली सरकार, एमसीडी और भारत सरकार के बीच समन्वय के लिए ये बैठक जरूरी थी. भारत सरकार इसमें बहुत मदद कर सकती है. कई विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है. कोरोना के खिलाफ व्यापक अभियान के लिए हमने ये बैठक की.

गृह मंत्री ने कहा कि आज मैं कह सकता हूं कि दिल्ली के डिप्टी सीएम का जो 5.5 लाख कोरोना केस वाला जो बयान था, वो स्थिति अब दिल्ली में नहीं आएगी. दिल्ली में 30 जून तक कंटेनमेंट जोन के हर घर का सर्वेक्षण हो जाएगा. हमने टेस्टिंग को काफी बढ़ाया है. बाद में दिल्ली में घर-घर सर्वेक्षण किया जाएगा.

गृह मंत्री ने कहा कि हमने दिल्ली सरकार को तत्काल 500 ऑक्सीजन सिलेंडर, 440 वेंटिलेटर दिए हैं. एंबुलेंस के लिए दिल्ली सरकार को कहा है कि प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर आप इनकी जरूरत पूरी कर सकते हैं. आने वाले समय में और मदद भी दिल्ली सरकार को दी जाएगी. दिल्ली में अस्पतालों की स्थिति ठीक करने के लिए एम्स से टेलीफोनिक गाइडेंस की व्यवस्था की. डेडिकेटेड नंबर पर कॉल करने पर एम्स के डॉक्टर गाइंडेंस देते. हमने 3 टीमों का गठन किया, जिसमें दिल्ली सरकार के और एम्स के डॉक्टर हैं, और आईसीएमआर के विशेषज्ञ हैं. उन्होंने सभी जगह की कमियों को ठीक करने का हर प्रयास किया है.

गृहमंत्री के बयान पर भड़की आम आदमी पार्टी

इधर, गृहमंत्री के बयान पर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. उनके इस बयान पर पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब कोरोना फैलना शुरू हुआ तब दिल्ली की स्थिति देश से काफी अलग थी. फरवरी से मार्च तक 35 हजार लोग उस देश से दिल्ली आए जहां कोरोना का संक्रमण फैला हुआ था.

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि कहा, ‘केंद्र सरकार ने उन्हें लेकर आई, दिल्ली सरकार ने उनका स्वागत किया. जब लॉकडाउन था तब स्थिति ठीक थी लेकिन लॉकडाउन खुलते ही कोरोना के मामले बढ़ गए. फिर बेड्स की कमी का आभास हुआ. तब दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सभी से मदद मांगी क्योंकि ये लड़ाई बिना मदद के जीती नहीं जा सकती, न लड़ी जा सकती है. केंद्र सरकार से मदद मांगी गई और मदद मिली भी है. आज कॉमन एफर्ट्स से दिल्ली में कोरोना कंट्रोल करने में सक्षम हुए हैं.’

वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने भी कहा कि भारत सरकार ने कोरोना संक्रमित देश इटली, फ्रांस में विमान भेजे, वहां से भारतीय दिल्ली आए, और लौटकर आये 35 हजार लोग दिल्ली के कोने कोने में ठहरे. इन लोगों की वजह से दिल्ली में कोरोना मामले बढ़ने शुरू हुए.

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