एमपी में श्रम कानूनों में संशोधन, सुबह 6 से रात्रि 12 बजे तक खुलेंगी दुकानें, मुख्यमंत्री ने जारी किए आदेश

फेसबुक लाइव के जरिए श्रम कानूनों में किए गए बदलावों की दी जानकारी, बंद आर्थिक गतिविधियों को गति देने की ऐसी अभिनव पहल करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य, लाइसेंस भी एक दिन में मिलेगा

Shivraj Singh Cm Of Madhya Pradesh
Shivraj Singh Cm Of Madhya Pradesh

पॉलिटॉक्स न्यूज/एमपी. कोरोना संकट और देशव्यापी लॉकडाउन से मध्य प्रदेश में उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने, उद्योगों को जरूरी रियायतें देने और फैक्ट्री मालिकों और मजदूरों के बीच सहयोग का वातावरण बनाने के लिए के लिए प्रदेश के श्रम कानूनों में संशोधन किया गया है. नए नियमों के अनुसार, प्रदेश की दुकानों के खुले रहने का समय सुबह 8 से रात्रि 10 के स्थान पर सुबह 6 से रात्रि 12 बजे तक रहेगा. साथ ही कारखानों में काम की पाली 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है. रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस का काम भी तुरंत हो जाएगा जिसके लिए पहले 30 दिन का समय लगता था. नए आदेशों के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों के हित से कोई समझौता नहीं होगा. श्रम कानूनों में जो संशोधन किए गए हैं, इसके बाद प्रदेश को आगे बढ़ाने में सहयोग मिलेगा.

फेसबुक लाइव के माध्यम से श्रम कानूनों में किए गए बदलावों की जानकारी देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि बंद आर्थिक गतिविधियों को गति देने की ऐसी अभिनव पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है. कोरोना संकट के बाद उद्योगों को जरूरी रियायतें देने और फैक्ट्री मालिकों और मजदूरों के बीच सहयोग का वातावरण बनाने के लिए श्रम कानून में संशोधन किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में आर्थिक गतिविधियों की पुन: शुरूआत की गयी है. नए उद्योगों को अनुकुल वातावरण उपलब्ध करवाया जा रहा है. श्रम सुधारों के पीछे मुख्य उद्देश्य अन्य स्थानों से शिफ्ट हो रहे उद्योगों और नए उद्योगों को आकर्षित करना है. प्रदेश में सरलता से नए उद्योग लग सकेंगे, लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और मजदूरों के हित सुरक्षित हो सकेंगे.

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मुख्यमंत्री ने विस्तारपूर्वक श्रम सुधारों की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना ने सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व से परिचित करा दिया है. नए श्रम नियमों के अनुसार, इस तरह से बदलाव किए गए हैं..

  • बाजारों में भीड़ न हो, इस उद्देश्य से प्रदेश की दुकानों के खुले रहने का समय सुबह 8 से रात्रि 10 के स्थान पर सुबह 6 से रात्रि 12 बजे तक रहेगा.
  • कारखानों में काम की पाली 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है.
  • अब कारखाना मालिक खुद शिफ्ट परिवर्तित कर सकेंगे. हालांकि 8 घंटे के बाद बशर्ते श्रमिक श्रमिक काम करना चाहे.
  • सप्ताह में 72 घंटे ओवरटाइम कर सकेंगे, लेकिन इसका नियमानुसार मजदूरों को भुगतान करना होगा.
  • रजिस्ट्रेशन के लिए अब 30 दिन के बजाए एक दिन में किया जाएगा.
  • रिन्यूअल के नियम को खत्म कर दिया गया है, अब एक बार ही रजिस्ट्रेशन होगा और वह भी ऑनलाइन होगा.
  • किसानों को घर बैठे फसल बेचने की सुविधा के साथ ही निजी मंडियों में फसल बेचने जैसे विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं.

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मुख्यमंत्री ने बताया कि रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस का काम भी 30 दिन में होने के बजाए एक दिन में होगा. इससे कारखानों, दुकानों, ठेकेदारों, बीड़ी निर्माताओं, मोटर परिवहन कर्मकार, मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य निर्माण कर्मकार अधिनियम में आने वाली निर्माण एजेंसियों का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस एक दिन में मिलेगा. कारखाना लाइसेंस रिन्यूअल अब एक साल की बजाय 10 साल में कराने का प्रावधान किया गया है. ठेका श्रम अधिनियम में एक कैलेंडर वर्ष की जगह ठेका की पूरी अवधि के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा.

किसानों का हित ध्यान में रखते हुए मंडी अधिनियम में कुछ बदलाव किए गए हैं. सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में मंडी अधिनियम में परिवर्तन कर किसानों को घर बैठे फसल बेचने की सुविधा दी गई है. साथ ही निजी मंडियों में फसल बेचने जैसे विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं. प्रतिस्पर्धा बढ़ने से किसानों को अच्छे दाम मिल सकेंगे.

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