प्रदेश में नाईट कर्फ्यू के साथ धार्मिक और सामाजिक आयोजनों से पूर्व अनुमति की बाध्यता हुई खत्म

निजी अस्पतालों में बेड्स की संख्या की गई कम, अब 800 की जगह ₹500 में होगा RT-PCR टेस्ट, 1.10 करोड़ लोगों को मिलेगा स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ, 30 जनवरी से शुरू होगा स्वास्थ्य बीमा योजना का नया चरण, 1 करोड़ 10 लाख परिवारों को होगा लाभ

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के व्यापारियों की मांग को और पिछले कुछ समय से कोरोना सक्रमण के मामलों में लगातार कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 13 जिला मुख्यालयों में जारी रात्रिकालीन कर्फ्यू तथा शाम 7 बजे बाजार बंद करने के प्रतिबंध को हटाने के निर्देश दिए, जिस पर गृह विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही विभिन्न सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक आयोजनों के लिए जिला कलेक्टर की पूर्वानुमति की अनिवार्यता के नियम में शिथिलता देते हुए अनुमति के स्थान पर सूचना देना जरूरी किया है, हालांकि इन आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या पूर्व की भांति ही रहेगी.

मुख्यमंत्री आवास पर वीसी के माध्यम से कोविड-19 संक्रमण की हुई समीक्षा बैठक के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के केसेज में गिरावट के बावजूद हमें मास्क पहनने, दो गज दूरी बनाए रखने, भीड़-भाड़ से दूर रहने के कोविड प्रोटोकॉल के पालन में कोई ढ़िलाई नहीं बरतनी है, तभी हम कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोक पाएंगे. इसके साथ ही सीएम गहलोत में हिदायत देते हुए कहा कि ऐसी नौबत न आए कि फिर से प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़े.

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अब 800 की जगह ₹500 में होगा RT-PCR टेस्ट
कोविड-19 की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने एक और राहत भरा फैसला लेते हुए निजी अस्पतालों एवं लैब्स में आरटी-पीसीआर जांच की दर 800 रूपए से घटाकर 500 रूपए करने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री गहलोत के इस निर्णय से प्रदेशवासियों को कम दरों पर जांच सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.

इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि बेहतरीन प्रबंधन और प्रदेशवासियों के सहयोग से राजस्थान में कोरोना की स्थिति काफी नियंत्रण में है. प्रदेश की रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत 96.58 के मुकाबले 97.53 प्रतिशत हो गई है. एक्टिव केसेज की संख्या भी लगातार घट रही है. सीएम गहलोत ने कहा कई जिलों में पॉजिटिव केस शून्य तक आ गए हैं, ऐसे में रात्रिकालीन कर्फ्यू तथा बाजार खुलने के समय पर पाबंदी हटाई गई है.

निजी अस्पतालों में बेड्स की संख्या की गई कम
इस क्रम में अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए निजी अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इसके लिए 100 बेड से अधिक क्षमता वाले निजी अस्पतालों में कोविड के लिए आरक्षित बेड की संख्या 40 प्रतिशत से घटाकर न्यूनतम 10 बेड करने ले निर्देश भी सीएम गहलोत ने दिए.

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कोरोना प्रबंधन की तरह ही हम टीकाकरण में भी अव्वल रहेंगे
सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोविड-19 के वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रदेश में पहले ही दिन शनिवार को राष्ट्रीय औसत 63.66 प्रतिशत से करीब 10 प्रतिशत अधिक कुल 73.79 प्रतिशत वैक्सीन लगवाया जाना उत्साहजनक है और यह इस बात का संकेत है कि कोरोना प्रबंधन की तरह ही हम टीकाकरण में भी अव्वल रहेंगे. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और प्राथमिकता के क्रम में जिन लोगों को यह वैक्सीन लगनी है वह बिना किसी हिचक के टीका लगवाएं.

वहीं, बैठक में मौजूद रहे शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया ने बताया कि भर्ती कोविड रोगियों की संख्या केवल 24 रह गई है. प्रदेश में पहले दिन 167 केन्द्रों पर 12 हजार 258 स्थास्थ्यकर्मियों ने टीका लगवाया जोधपुर, अजमेर, बूंदी तथा अलवर में तो टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया है. गालरिया ने बताया कि टीकाकरण को और गति देने के लिए प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. जिन्हें वैक्सीन लगनी है उन्हें मोबाइल एसएमएस तथा फोन कॉल्स के जरिए भी सूचित किया जा रहा है.

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1.10 करोड़ लोगों को मिलेगा स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ

बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नए चरण के शुभारंभ की तैयारियों की भी जानकारी ली. सीएम गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि आगामी 30 जनवरी को प्रदेश के 1 करोड़ 10 लाख परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया जाएगा. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के बाद स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से राज्य सरकार का यह एक प्रस्तुतीकरण में बताया कि आरयूएचएस बड़ा कदम होगा.

आपको बता दें, सीएम अशोक गहलोत ने आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के पैकेज की सूची में कोविड-19 और हीमोडायलिसिस रोगों को भी शामिल करने का निर्णय लिया. इस संबंध में वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन भी कर दिया है. इन दो बीमारियों के मरीजों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष लगभग 41 करोड़ रूपए अतिरिक्त वहन करेगी.

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