Politalks.News/Bihar. बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन को एक हफ्ता बीत चूका है लेकिन एक बार फिर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट तेज हो गई है. सूत्रों का कहना है अगर विधानसभा अध्यक्ष का पद भी राजद को मिलता है तो फिर सरकार में परिवर्तन तय है. बीजेपी लगातार कह रही है कि इस सरकार की कमान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के हाथ में है और कभी भी लालू नीतीश को झटका दे सकते हैं. प्रदेश में जहाँ एक तरफ इस तरह की चर्चाओं ने तूल पकड़ रखा है तो वहीं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘नीतीश कुमार के पास 45 एमएलए हैं और तेजस्वी के पास 115 एमएलए हैं. वो नीतीश कुमार की सरकार तोड़ सकते है.’ वहीं सुशील मोदी के बयान को पीके का भी साथ मिलता नजर आ रहा है. यही नहीं सरकार में कानून मंत्री बनाये गए कार्तिकेय सिंह के चयन पर भी मोदी ने सवाल उठाए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथ लिया.
पिछले बुधवार को नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ राजद के साथ गठबंधन में शामिल होकर सरकार बना ली. इस महागठबंधन सरकार को बने हुए एक सप्ताह का समय भी नहीं बिता है कि फिर से बिहार में सियासी सुगबुगाहट तेज हो गई है. सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में एक बार फिर बिहार में सत्ता परिवर्तन होगा. यही नहीं बीजेपी के दिग्गज नेता एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के बयान भी इसी ओर इशारा करते नजर आ रहे हैं. सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘नीतीश कुमार ने सत्ता के लिए समझौता करते हुए लालू के सामने सरेंडर किया है. लेकिन इसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी. नीतीश कुमार के पास 45 एमएलए हैं और तेजस्वी के पास 115 एमएलए हैं, वो कभी भी नीतीश कुमार की सरकार तोड़ सकते हैं.’
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सुशील कुमार मोदी ने आगे कहा कि, ‘ये सबकुछ उस दिन तय हो जाएगा जिस दिन विधानसभा अध्यक्ष चुना जाएगा. अगर स्पीकर आरजेडी का बन गया तो सरकार तोड़ने में बहुत समय नहीं लगेगा. आरजेडी की अपनी सरकार बनाने के लिए चार-पांच विधायक ही चाहिए. ऐसे में कौन मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहेगा.’ ऐसे में सुशील कुमार मोदी का सीधा इशारा है कि इस महागठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनना चाहिए था. लेकिन कमान नीतीश को मिल गई. मोदी के इस बयान को प्रेशर पॉलिटिक्स के तहत भी अहम माना जा रहा है.
सुशील कुमार मोदी ने आगे कहा कि, ‘लालू प्रसाद यादव भी चाहते हैं कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बनें. लालू जी नीतीश जी के बारे में अच्छे से जानते हैं. वो कहते रहे हैं कि कोई ऐसा सगा नहीं जिसको नीतीश ने ठगा नहीं. वो जानते हैं कि नीतीश कभी भी धोखा दे सकते हैं, हालांकि अब वो धोखा नहीं दे सकते हैं.’ सुशील कुमार मोदी ने आगे कहा कि, ‘अब अगर कोई बदला ले सकता है तो वह आरजेडी ही ले सकती है, क्योंकि वह बहुत नजदीक है बहुमत के.’ सुशील कुमार मोदी के साथ ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी बिहार की सियासत में परिवर्तन की बात को स्वीकारा.
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प्रशांत किशोर ने कहा कि, ‘अभी हमको आए हुए तीन महीने ही हुए और बिहार की राजनीति 180 डिग्री घूम गई. अगला विधानसभा चुनाव आते-आते अभी कई बार बिहार की राजनीति घूमेगी.’ यही नहीं पीके ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘अगर यह सरकार एक-दो साल में 5-10 लाख नौकरियां दे देती है तो मैं इसके समर्थन में अपना अभियान वापस ले लूंगा. लेकिन जो नियोजित शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, उन्हें तो सरकार समय पर तनख्वाह दे नहीं पा रही, यह और नई नौकरियां कहां से दे पाएगी?’ वहीं बिहार सरकार में कानून मंत्री बनाए गए कार्तिकेय सिंह को लेकर भी सुशील कुमार मोदी ने सरकार पर निशाना साधा.
दरअसल, नीतीश सरकार में कानून मंत्री बने कार्तिकेय सिंह को मंत्री पद मिलने को लेकर सियासत गर्म है. कानून मंत्री पद की शपथ लेने वाले कार्तिकेय सिंह अपहरण के मामले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ वारंट जारी हो चुका है. इस विवाद को लेकर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, ‘कार्तिकेय सिंह को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए. कार्तिकेय सिंह अनंत सिंह के बिजनेस पार्टनर हैं. कार्तिकेय सिंह अपहरण के एक मामले में फरार घोषित हैं. उनके खिलाफ वारंट जारी है. उन्हें 16 अगस्त को सरेंडर करना था, लेकिन वो सरेंडर करने की जगह शपथ लेने राजभवन चले गए. क्या नीतीश जी को यह बात नहीं मालूम थी कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट है.’ वहीं इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान कि ‘मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है’ पर मोदी ने कहा कि, मुख्यमंत्री जब किसी को शपथ दिलवाता है तो उसका पहले पुलिस वेरिफिकेशन होता है.
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सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, ‘जब कोई नेता मंत्री पद की शपथ लेता है तो उसका आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला जाता है. वहीं नीतीश जी खुद उसी बाढ़-मोकामा इलाके से आते हैं, जहां से कार्तिकेय सिंह हैं, तो क्या उनके बारे में नीतीश जी को पहले से नहीं पता था. उन्होंने ऐसे व्यक्ति को मंत्री वह भी कानून मंत्री बना दिया. कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री इसलिए बनाया गया ताकि आरजेडी के वो मंत्री जिन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, चाहें वह ललित यादव हों या सुरेंद्र यादव या रामानंद यादव, इन बाहुबलियों के मुकदमों को खत्म कराया जा सके. कार्तिकेय सिंह इसलिए ही मंत्री बनाए गए हैं, नहीं तो उनकी कोई योग्यता नहीं है.’