Politalks.News/Gujarat/Gehlot. इसी साल 2022 के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर अब कांग्रेस पार्टी भी सक्रीय होती हुई नजर आ रही है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी पहले से प्रदेश में जीत का परचम लहराने की बात कह चुकी है तो वहीं कांग्रेस भी अब प्रदेश में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने दावा ठोक रही है. विधानसभा चुनाव के लिए गुजरात के सीनियर आब्जर्वर बनाए गए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर गुजरात के वड़ोदरा पहुंचे. वड़ोदरा में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचे सीएम गहलोत ने पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली और एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करने के बाद अब दिल्ली पहुंच गए हैं. इससे पहले अहमदाबाद में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने जहां गुजरात सरकार की नाकामियों को उजागर किया तो वहीं एक बार फिर 2020 में राजस्थान में आए सियासी संकट का जिक्र करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘राजस्थान में जो कुछ भी हुआ उसके लिए महात्मा गांधी के गुजरात में चल रहा मोदी मॉडल जिम्मेदार है.’
दो दिवसीय गुजरात दौरे के आखिरी दिन गुरूवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात के बाद अहमदाबाद में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘गुजरात में पिछली बार भी कांग्रेस की सरकार बनने वाली थी लेकिन अंत में हम रह गए. आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अभिनेता के रूप में काम करते हैं. एक वक़्त था जब लोग पीएम मोदी के विकास को गाली देने लगे थे लेकिन अंत में उन्होंने कहा कि मैं खुद ही विकास हूं. बाद में हम लोगों ने सोचा कि हम प्रधानमंत्री को तो गाली नहीं दे सकते, इसी कारण पिछले चुनाव में हमें कहना पड़ा की विकास पागल हो गया है इसलिए इसे छोड़ दो.’
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सीएम गहलोत ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘बीजेपी सिर्फ धर्म के नाम पर चुनाव जीत रही है क्योंकि उनकी ना तो कोई विचारधारा है और ना ही उनकी सरकार की कोई पॉलिसी है. लेकिन इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने वाली है और बीजेपी और कांग्रेस के बीच दिलचस्प मुकाबला होने वाला है.’ बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘भाजपा ने चुनी हुई सरकारों में तोड़फोड़ के लिए गुड़गांव के मानेसर में 200 लोगों की टीम बनाई हुई है. उसमें बाउंसर भी हैं और कार्यकर्ता भी हैं, नेता भी हैं. इन सब का काम है सरकार तोड़ने का.’ मध्यप्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन का जिक्र करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘जब मध्य प्रदेश के लोगों को मानेसर लेकर गए तो दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी एक बार हमारे नेताओं को समझा कर वापस ले आए. लेकिन फिर उन्हें बेंगलुरु ले जाया गया और कहते हैं कि उन्हें 30-35 करोड़ रुपये दिए गए.’
वहीं राजस्थान में आए सियासी संकट का जिक्र करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘देश में भाजपा के लोग मणिपुर, गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सरकार गिराने पर गर्व से सीना चौड़ा करके दिल्ली में चलते हैं. राजस्थान को हमने बचा लिया, वरना मैं आपके सामने यहां मुख्यमंत्री के तौर पर मैं नहीं बैठा होता. मुख्यमंत्री कोई दूसरा ही होता लेकिन आप सबके आशीर्वाद से मैं बच गया हूं. यह मेरे साथ प्रदेश की जनता की दुआएं थीं कि हमारी सरकार बच गयी. हमारे विधायकों की जो 34 दिन तक होटल में बैठे रहे उन विधायकों को होटल के बाहर आने पर पहली किश्त के तौर पर 10 करोड़ रुपये की पेशकश थी, लेकिन विधायक उस लालच में नहीं आए.’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि, ‘बीएसपी के साथी मुझसे जुड़े, उनको कभी एक रुपया नहीं दिया, निर्दलीय साथी हमारे साथ जुड़े उनको एक रुपया नहीं दिया, फिर भी वह 4 साल से हमारे साथ हैं. यही सरकार की गुडविल होती है, उसी आधार पर राजस्थान सरकार चलती है. गुजरात की तरह नहीं है, जो जीतने के बाद भी आप कांग्रेस के विधायकों को तोड़ रहे हो. गुजरात तो गांधी का प्रदेश है, यहां तो गांधी का मॉडल होना चाहिए, लेकिन गुजरात में यह मोदी का मॉडल कौन सा आ गया, जो सरकार गिरने की कोई संभावना नहीं है उसके बाद भी तोड़फोड़ हो रहा है. यहां तक कि राज्यसभा के चुनाव स्थगित करवा देते हैं. राज्यसभा का वो चुनाव हम कैसे भूल सकते हैं कि जब गुजरात के साथ हमारा भी चुनाव स्थगित हुआ था, क्योंकि इनकी हॉर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हुई थी.’
वहीं पीसी के दौरान जालौर में हुए दलित छात्र के निधन से जुड़ा सवाल पुछा जाने पर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘छुआछूत मानवता के लिए कलंक है. आरएसएस और बीजेपी हिंदुत्व की जो बात कर रहे हैं, उनको पहला काम यह करना चाहिए कि कम से कम शेड्यूल कास्ट के जो साथी हैं, वह भी तो हिंदू ही हैं. उनके साथ भेदभाव मिटाएं, छुआछूत को मिटाएं. राजस्थान में तो हमारी सरकार की यही सोच है और हम इसी पर काम करते हैं. जालौर में जो स्कूल है, उसका पार्टनर भी शेड्यूल कास्ट का था, स्कूल के 20-30 परसेंट बच्चे शेड्यूल कास्ट के पढ़ते हैं और 4-5 टीचर भी शेड्यूल कास्ट के हैं. इस मामले में जांच चल रही है, इसलिए कमेंट नहीं करना चाहूंगा. लेकिन वहां के दोनों एमएलए जो कांग्रेस के पूर्व एमएलए हैं और वर्तमान में भाजपा के एमएलए है, वो भी पानी के मटके वाली उस बात पर सवाल उठा रहे हैं.
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आज यह घटना नेशनल डिबेट बन गई है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज आईटी का जमाना है. इसमें कोई मुद्दा बन जाता है, वायरल हो जाता है तो वह मुद्दा नेशनल और लोकल मीडिया पर चलता रहता है. मैंने यहां आने से पहले एडीजी क्राइम जो खुद शेड्यूल कास्ट के हैं, उनको फिर भेजा है कि वो हकीकत मालूम करके आएं कि घटना क्या हुई है? क्योंकि कई तरीके की उलझन पैदा हो रही है. घटनाएं गुजरात में भी हुईं, यूपी में भी हुईं, लेकिन हमने राजस्थान में होने वाली हर घटना पर तत्काल एक्शन लिया है.