गहलोत के राज में जंगलराज से भी घटियाराज हो गया है राजस्थान में- कटारिया के निशाने पर मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री आप बाकी बातें तो बहुत बोलते हो कि चोरी का पैसा आता है, बीजेपी कार्यालय पहुंचता है तो आप क्या कर रहे हो, राज चला रहे हो या मजाक कर रहे हो, राजस्थान की जनता पूछ रही है कानून व्यवस्था की धज्जियां जब उड़ रही हैं तब राजस्थान का मुख्यमंत्री मौन क्यों है- गुलाब चंद कटारिया

'राज चला रहे हो या मजाक कर रहे हो'
'राज चला रहे हो या मजाक कर रहे हो'

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में लगातार बढ़ते अपराध के बाद प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है. जालौर में दलित छात्र के मौत की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि अलवर के गोविंदगढ़ में हुई मोब लिंचिंग की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया. लेकिन हद तो तब हो गई जब राजधानी जयपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर रायसर गांव में एक दलित महिला टीचर को जिंदा जला दिया गया. इन घटनाओं से आम जान में तो दहशत व्याप्त है ही वहीं सरकार के उन दावों की भी लगातार पोल खुल रही है जिसमें वह प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अपनी पीठ थपथपाती नहीं थकती. एक के बाद एक आपराधिक घटनाओं के बढ़ते क्रम को देखते हुए सूबे की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी के साथ साथ RLP ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इसी कड़ी में आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं बीजेपी के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, ‘अब तो राजस्थान में जंगलराज से भी घटिया राज हो गया है.’

राजस्थान में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है तो वहीं बिगड़ती कानून व्यवस्था एवं बढ़ते अपराध के चलते प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी को इन मुद्दों के साथ प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार को घेरने का मौका मिल गया है. एक के बाद एक होती घटनाओं को लेकर विपक्ष तो मुद्दा बना ही रही है लेकिन जनता के मन में भी अब सरकार के खिलाफ रोष दिखाई देने लगा है. प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं बीजेपी के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘देश में अपराधों में बढ़ोतरी को लोग जंगल राज की कैटेगरी में लेते हैं लेकिन मैं मुख्यमंत्री गहलोत से पूछना चाहता हूँ कि जंगल राज से भी कोई कोई घटिया शब्द है क्या, जिसका प्रयोग राजस्थान की जनता करे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में राजस्थान में जंगलराज से भी घटिया राज हो गया है.’

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गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, ‘राजस्थान का मुख्यमंत्री ही खुद गृहमंत्री है. पिछले कुछ दिनों से लगातार साधुओं की हत्या-मौतें हो रही है. हनुमानगढ़ के सांगरिया में साधु की हत्या हुई है. इससे पहले जालोर और भरतपुर में साधुओं की हत्या या मौतों पर सरकार स्पष्टीकरण नहीं दे पाई. जालोर में बच्चे के मटके से पानी पीने का कारण हत्या के मामले में भी पुलिस अब तक मौन बैठी हुई है. लोगों की जो बातें निकलकर आ रही हैं, उससे प्रदेश में बहुत बड़ा भ्रम फैल रहा है. पुलिस को जो भी हकीकत पता है और जो उसकी जानकारी में आया है, वही बोलेगी तो उसे सच माना जाएगा. अलवर की घटना ने तो सबका दिल दहला दिया है. मॉब लिंचिंग कर एक निर्दोष व्यक्ति को खेत में शौच के वक्त हमला करके पीट-पीटकर मार डाला. इससे ज्यादा और किसी प्रदेश में जंगल राज नहीं हो सकता.’

कटारिया ने आगे कहा कि, ‘मुख्यमंत्री आप बाकी बातें तो बहुत बोलते हो कि चोरी का पैसा आता है, बीजेपी कार्यालय पहुंचता है तो आप क्या कर रहे हो. राज चला रहे हो या मजाक कर रहे हो. अगर आपको लगता है किसी गाड़ी, ट्रक या आर्मी के व्हीकल से पैसा बीजेपी कार्यलय में आया है तो उसका खुलासा करके काम करो ना, केवल बोलने से नहीं होगा. आप पर जो आरोप लगा है उसके बारे में कौन बोलेगा. राजस्थान की जनता पूछ रही है कानून व्यवस्था की धज्जियां जब उड़ रही हैं तब राजस्थान का मुख्यमंत्री मौन क्यों है, मुंह खोलकर बोलें. मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से तो पूछते हैं बोलो, पहले वह तो प्रदेश के बारे में बोलें. जंगलराज से भी घटिया कोई राज हो सकता है तो वो राजस्थान का है. कृपा करके अपना मुंह खोलो और राजस्थान को सम्भालो.’

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बता दें कि अलवर जिले के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र में चोरी के शक में समाज विशेष के लोगों ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी. रामबास में एक व्यक्ति अपने नित्य कर्म के लिए खेत में गया था. उसी दौरान अलवर के सदर थाना क्षेत्र से चोर एक ट्रैक्टर को चोरी करके आ रहे थे. सदर थाना पुलिस और ट्रैक्टर मालिक चोरों का पीछा कर रहे थे. चोरों ने अपने आप को पुलिस और ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को बिजली घर के पास स्थित एक खेत में छोड़ दिया और वहां से भाग गए. इतने में ही पुलिस से पहले ट्रैक्टर के मालिक खेत में पहुंच गए. 20 से 25 लोगों ने नित्य क्रिया करने गए चिरंजी को चोर समझकर बुरी तरह से पीट दिया. जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, चिरंजी बुरी तरह घायल हो गया. पुलिस ने घायल को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से चिकित्सकों ने उसे प्राथमिक उपचार देकर जयपुर रेफर कर दिया. इलाज के दौरान चिरंजी ने दम तोड़ दिया. अब इस मुद्दे को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है.

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