Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में पिछले दिनों में एक के बाद एक हुई तीन बड़ी घटनाओं ने पहले से लचर चल रही प्रदेश की कानून व्यवस्था को पूरी तरह से कटघरे में खड़ा कर दिया है. जालौर में दलित बालक की पिटाई के बाद हुई मौत और राजधानी में एक दलित महिला शिक्षिका को सरेआम जिंदा जलाकर मारने का मामला हो या 15 अगस्त को अलवर में एक सब्जी बेचने वाले शख्स के साथ मॉब लिंचिंग की घटना के बाद मुख्यमंत्री के साथ गृहमंत्री अशोक गहलोत की कानून व्यवस्था पर पकड़ को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इसी बीच दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के अलवर में हुई मॉब लिंचिंग समेत अन्य मुद्दों पर गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया, तो वहीं शेखावत के आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पीसीसी में प्रेसवार्ता कर पलटवार किया. इस दौरान डोटासरा ने यहां तक कह दिया कि राजस्थान में गहलोत सरकार गिरा कर मुख्यमंत्री नहीं बन पाने की खीज मिटा रहे शेखावत आज भाजपा संसदीय बोर्ड में नितिन गड़करी को शामिल नहीं किए जाने की खुशी में ऐसा बोल रहे हैं.
आपको बता दें, बीते रोज बुधवार को पहले दिल्ली भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि, ‘बलात्कार के मामले में आज राजस्थान नंबर एक है और नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त के मामले में वह दूसरे स्थान पर है. गज्जू बना ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रियंका वाड्रा जैसी कांग्रेस की शीर्ष नेता राजस्थान में छुट्टियां मनाने तो आती हैं, लेकिन यहां की बिगड़ी कानून-व्यवस्था पर एक शब्द नहीं बोलती हैं. शेखावत ने कहा, ’15 अगस्त को जब देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था तब राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले और सब्जियां बेचकर अपना व परिवार का गुजारा करने वाले चिरंजी लाल नाम के एक शख्स की समाज विशेष के लोगों द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.’
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केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने आगे गहलोत सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछले तीन सालों में राजस्थान ने ‘भीड़ द्वारा की गई हत्याओं, महिलाओं के खिलाफ अपराध और एक धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ अपराध के मामले में नया रिकार्ड’ बना दिया है. गज्जू बना ने सवाल किया कि राजस्थान में इतनी बड़ी घटनाएं हो रही हैं और सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मानवाधिकार के पैरोकार कहां है? शेखावत ने कहा कि हाथरस और उन्नाव की घटनाओं को लेकर ‘घड़ियाली आंसू’ बहाने वाले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को राजस्थान पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए. यही नहीं गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से कुछ दिन राजस्थान में गुजारने की अपील भी की.
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वहीं गजेन्द्र सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह पर अनर्गल बयानबाजी करने के आरोप लगाया और कहा कि राजस्थान में शेखावत राजनीतिक उठापटक कर गहलोत सरकार को गिरा नहीं पाए, जिससे उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना अधूरा रह गया. यही कारण है कि वह अपनी खीज मिटाने के लिए हमारी सरकार पर इस तरह के अनर्गल आरोप लगाते हैं.
पीसीसी चीफ डोटासरा ने आगे कहा कि चाहे अलवर की घटना हो, जयपुर की घटना हो या जालोर की घटना, सरकार ने तुरंत एक्शन लिया और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया. डोटासरा ने कहा कि गजेन्द्र सिंह शेखावत न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा के नेताओं का भी अपमान कर रहे हैं, क्योंकि वह दो बार की मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे ही नहीं बल्कि गुलाबचंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ को भी कुछ नहीं समझते. डोटासरा ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि नितिन गडकरी को आज भाजपा की संसदीय चुनाव समिति से हटाने से शेखावत खुश थे और इसी के चलते उन्होंने दिल्ली में इस तरह अपनी बात रखी.
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मुद्दों को ERCP से जोड़ते हुए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने आगे कहा कि आज जब गजेंद्र सिंह शेखावत दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तो ऐसे लगा जैसे कि वह ईस्ट राजस्थान कैनाल योजना को लेकर कोई घोषणा करेंगे, लेकिन ऐसा करने की जगह शेखावत ने केवल आरएसएस की पाठशाला में जो झूठ बोलना सिखाया जाता है वही बात रखी. डोटासरा ने कहा कि शेखावत केवल राजनीति से प्रेरित होकर बयानबाजी करते हैं, जिसकी हम निंदा करते हैं, पता नहीं क्या कारण है कि सीकर के होने के बावजूद भी वो झूठ बोलते हैं.