Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के जालौर के सुराणा गांव के एक स्कूल में कक्षा 3 के दलित छात्र के साथ शिक्षक द्वारा की गई मारपीट के बाद उसकी मौत का मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ में एक दलित शिक्षिका को सरेआम पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया. महिला बचाव के लिए आग की लपटों के बीच लोगों से मदद मांगती रही लेकिन बेशर्मी की हद है कि लोग जलती हुई शिक्षिका का वीडियो बनाने में मस्त रहे और आग बुझाने का किसी ने प्रयास नहीं किया. बीते 7 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझते हुए आखिर शिक्षिका ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. घटना को लेकर एक बार फिर बीजेपी ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
भाजपा बप्रदेशाध्यक्ष सतीश ने कहा कि कांग्रेस शासन में यह पहली घटना नहीं है, इस तरीके की घटनाएं साल में हजारों हो रही हैं और अबतक पूरे प्रदेश में 7 लाख से अधिक मुकदमे, औसतन 18 बलात्कार और 7 हत्याएं प्रतिदिन, यह अपने आप में एक आंकड़ा इस बात को प्रस्तुत करता है, इस बात का साक्ष्य है कि कांग्रेस सरकार के कामकाज की कानून व्यवस्था की यह बानगी है. वहीं राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान अपराधों में नंबर 1 बन गया है. गहलोत शासन में जंगलराज इस कदर पैर पसार चुका है कि अब जयपुर के जमवारामगढ़ स्थित रायसर गांव में बेखौफ बदमाशों ने महिला टीचर को जिंदा जला दिया.
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आपको बता दें कि झकझोर देने वाली यह शर्मनाक घटना जयपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित रायसर गांव में 10 अगस्त को घटित हुई थी, जिसका वीडियो कल शाम को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जानकारी के अनुसार रैगरों के मोहल्ले में वीणा मेमोरियल स्कूल की शिक्षिका अनीता रेगर (32) अपने बेटे राजवीर (6) के साथ बीती 10 अगस्त को सवेरे 8 बजे करीब स्कूल जा रही थी. इस दौरान कुछ बदमाशों ने घेरकर उस पर हमला कर दिया. अनीता खुद को बचाने के लिए पास ही में कालू राम रैगर के घर में घुस गई. उसने 100 नंबर और रायसर थाने को सूचना दी, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. इसके बाद आरोपियों ने पेट्रोल छिड़ककर अनीता को आग लगा दी. महिला चीखती, चिल्लाती रही, लेकिन लोग वीडियो बनाते रहे. आरोप है कि किसी ने भी उसकी मदद नहीं की. जानकारी के अनुसार मृतक महिला अनीता ने आरोपियों को ढाई लाख रुपए दिए हुए थे. महिला बार-बार जब उन से पैसों की मांग करती तो ये लोग उसके साथ अभद्रता और मारपीट किया करते थे.
वहीं घटना की जानकारी मिलने पर महिला का पति ताराचंद अपने परिवार के लोगों के साथ मौके पर पहुंचा. 70 प्रतिशत झुलसी अनीता को जमवारामगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां से उसे एसएमएस हॉस्पिटल के जयपुर के बर्न वार्ड में रेफर कर दिया गया. यहां करीब सात दिन तक वह मौत से जंग लड़ती रही, लेकिन मंगलवार रात उसकी मौत हो गई. सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि पुलिस ने अभी तक एक भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है यहां तक कि घटना से कुछ दिन पहले महिला शिक्षक द्वारा थाने में की गई शिकायत के बाद भी पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और पुलिस की लापरवाही के कारण आरोपियों ने सरेआम महिला को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया.
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इस घटना को लेकर मीडिया से बातचीत में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ गृहमंत्री अशोक गहलोत की नाक के नीचे हुई यह घटना और सुदूर किसी आदिवासी क्षेत्र में होती है, किसी सीमावर्ती क्षेत्र में भी होती है, कभी मेवात के क्षेत्र में होती है, घटनाएं तभी होती है कि जब अपराधी बैखोफ होता है, अपराधी को यह भरोसा होता है कि मैं कुछ भी करूंगा तो मेरा बाल बांका नहीं होगा, मैं सामान्य सी परिस्थिति में धारा में दर्ज होकर मुकदमें से बाहर आ जाऊंगा. पूनियां ने कहा कि राज्य सरकार की शिथिलता, लापरवाही और कानून व्यवस्था के प्रति उसकी संवेदनहीनता, यह ऐसे मामलों को और ज्यादा प्रेरित करती है और यह घटना भी जो जमवारामगढ़ के रायसर गांव में घटित हुई, एक दलित महिला शिक्षिका के साथ में यह समाज के लिए आंख खोलने वाली घटना है, पुलिस यदि तत्पर होती, प्रशासन यदि तत्पर होता, यदि उसकी सुनवाई होती तो यह घटना नहीं होती. पूनियां ने आगे कहा कि घटनाओं की लंबी फेहरिस्त है और दुभार्ग्य है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री इस तरीके की घटनाओं के प्रति न तो संवेदनशील हैं और उनको रोकने के लिए पूरे तरीके से नाकाम भी हैं.
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में अपराधी महिलाओं के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर रहे हैं. कांग्रेस ने चुनाव से पहले महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी लाने जैसे तमाम वादे किये थे. इनके झूठे वादों से सरकार भी बदल गई, लेकिन महिला अपराध के हालात नहीं बदले. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में लागू GPC यानी गहलोत पैनल कोड अपराधियों के लिए वरदहस्त बन चुका है. महिलाओं के साथ निरंतर हो रही ऐसी क्रूरतम घटनाओं से प्रमाणित हो रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी जो गृह विभाग के मुखिया भी है, वह राज्य में कानून व्यवस्था स्थापित करने में पूर्णतः विफल साबित हो रहे हैं. राठौड़ ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी जी का ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा भी सिर्फ ढकोसला बनकर रह गया है और इस गूंगी-बहरी गहलोत सरकार को बहन-बेटियों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है.