गर्भवती बिलकिस बानो से गैंगरेप व 7 लोगों के हत्यारों को रिहा कर क्या संदेश देना चाहती है गुजरात सरकार?

इस कदम ने न्याय के प्रति मेरे विश्वास को हिलाकर रख दिया है और दो दिन पहले, 15 अगस्त 2022 को मेरा पिछले 20 साल का दर्द फिर से उभर आया, मेरा गम और डगमगाता भरोसा केवल मेरे लिए नहीं, बल्कि हर उस महिला के लिए है जो अदालतों में न्याय के लिए कर रहीहैं संघर्ष- बिलकिस बानो, पीएम को बताना पड़ेगा क्योंकि उन्होंने लाल किले से भाषण दिया था, ये क्या है, ये इज़्ज़त की बात करते हैं, ये तो सभी महिलाओं की बेइज़्ज़ती है, ये नाइंसाफ़ी नही बल्कि ज़ुल्म है- असदुद्दीन ओवैसी

दोषियों की रिहाई पर बोली बिलकिस बानो
दोषियों की रिहाई पर बोली बिलकिस बानो

Politalks.News/Gujarat/BilkisBano. गुजरात में गोधरा कांड के दौरान 2002 में बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषी सोमवार को गोधरा उप कारागार से रिहा हो गए. गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत सभी दोषियों की रिहाई को मंजूरी दे दी. मुंबई में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को 21 जनवरी 2008 को सामूहिक बलात्कार और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानों का पहला बयान सामने आया है. बिलकिस ने बुधवार को कहा कि इस कदम ने न्याय के प्रति उनके विश्वास को हिलाकर रख दिया है और दो दिन पहले, 15 अगस्त 2022 को मेरा पिछले 20 साल का दर्द फिर से उभर आया. वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है.

अपने साथ हुए गैंगरेप और परिवार के सात लोगों की हत्यारों की रिहाई की खबर सुनने के बाद का अनुभव शेयर करते हुए खुद बिलकिस बानो ने बताया कि जब मैंने सुना कि जिन 11 दोषियों ने मेरे परिवारा और मेरी जिंदगी को तबाह किया था और मेरी 3 साल की बेटी को मुझसे छीना था, वो आजाद हो गए हैं, तो मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं. मैं स्तब्ध हूं. मैं केवल यही कह सकती हूं कि किसी महिला के लिए न्याय आखिर इस तरह कैसे खत्म हो सकता है? मैंने अपने देश की सर्वोच्च अदालत पर भरोसा किया, मैंने सिस्टम पर भरोसा किया और मैं धीरे-धीरे इस बड़े ‘आघात’ के साथ जीने की आदत डाल रही थी.

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बिलकिस बानो ने आगे कहा कि, ‘इन दोषियों की रिहाई ने मेरे जीवन की शांति छीन ली है और न्याय के प्रति मेरे विश्वास को हिला डाला है. मेरा गम और डगमगाता भरोसा केवल मेरे लिए नहीं है, बल्कि हर उस महिला के लिए है जो अदालतों में न्याय के लिए संघर्ष कर रही है. इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण फैसला लेने के पहले किसी ने भी मेरी सुरक्षा और भले के बारे में नहीं सोचा. मैं गुजरात सरकार से अपील करती हूं कि फैसले को वापस लें और बिना किसी भय और शांति से मेरे जीने का अधिकार वापस दें.’

वहीं गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने और उसके परिवार के सात लोगों की हत्या करने वाले दोषियों की सजा माफ करने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए असदुद्दीन आवैसी ने कहा कि, ‘हम सब देश में आज़ादी के 75 साल मना रहे हैं और पीएम लाल किले से महिलाओं के सशक्तीकरण की बात कर रहे हैं. उसी दिन एक क्राइम में, बिलकिस बानो केस में जिन लोगों को सज़ा मिली थी, उसके दोषी जेल से रिहा हुए. बिलकिस का रेप हुआ, वह गर्भवती थी. जघन्य क्राइम हुआ था जिसके दोषी इसी दिन छूटे. ये हम क्या संदेश दे रहे हैं, इससे बड़ा तुष्टिकरण और क्या होगा? पीएम भाषण देते हैं कि उस पर अमल नहीं करते.’

AIMIM सुप्रीमो ओवैसी ने आगे कहा कि, ‘जो महिला सालों तक लड़ी, पति अपनी पत्नी के साथ खड़ा रहा, उस केस में आखिर ये क्या संदेश दिया जा रहा है. परिवार की चार और महिलाओं का रेप हुआ, ये भाजपा क्या संदेश दे रही है.’ ओवैसी ने आगे कहा कि मुस्लिम महिलाओं को बुलाकर रक्षाबंधन के दिन राखी बंधवाई गई. जो महिलाएं बु्रका पहने हुए थीं, ये सब झूठ है. भाजपा तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है.

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यही नहीं असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि, ‘अजमेर बम ब्लास्ट केस में भी RSS के दो लोगों को सज़ा हुई थी, उनको भी पेरोल पर छोड़ दिया गया. गुजरात में चुनाव आ रहे हैं इसलिए बहुमत के लिए ये सब हो रहा है. पीएम को बताना पड़ेगा क्योंकि उन्होंने लाल किले से भाषण दिया था. ये क्या है, ये इज़्ज़त की बात करते हैं, ये तो सभी महिलाओं की बेइज़्ज़ती है. ये नाइंसाफ़ी नही बल्कि ज़ुल्म है.” ओवैसी ने कहा कि एक पीड़ित महिला, जो गर्भवती थी, के साथ पड़ोसियों ने ऐसा किया. बीजेपी किसी मुस्लिम को मंत्री न बनाए लेकिन जिस महिला का रेप हुआ उसके गुनहगारों को तो न छोड़े. ये सब गुजरात चुनावों के लिए हो रहा है. महाराष्ट्र में भी रूबीना मेमन है. भाजपा की ये पॉलिसी कब तक चलेगी ये जहां लफ़्ज़ ए मुसलमान आएगा वहां आप कोई इंसाफ नहीं करेंगे.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि, ‘पीएम अगर वाकई मुस्लिम महिलाओं के साथ हैं तो बीजेपी को ऑर्डर दें कि ये फ़ैसला बदला जाए. ये कौन सा इंसाफ़ है? गुनहगारों को दोबारा जेल जाना चाहिए. उस महिला पर क्या गुज़र रही होगी. ये छोटा क्राइम नहीं था. पड़ोसियों ने रेप किया और बेटी की हत्या की. ये क्या संदेश है. इंसाफ़ की तो बलि चढ़ा दी गई. जनता देख रही है पीएम भाषण देते हैं लेकिन उस पर अमल नहीं करते. भारत में कई रेप होते हैं. ये कैसा संदेश है कि रेप के आरोपी छूट जाते हैं, ये ज़ुल्म है. ये राजनैतिक फ़ायदे के लिए है. अजमेर ब्लास्ट के आरोपी बाहर हैं, दूसरी ओर, जो कुछ नहीं कर रहे वो UAPA में जेल में सड़ रहे हैं.’

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