Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक की ‘हैंडबुक ऑफ स्टैटिस्टिक्स ऑन द इंडियन इकोनॉमी, 2020-21‘ के सामने आने के बाद सूबे की राजनीति में भूचाल आ गया है. रिज़र्व बैंक ने पिछले सप्ताह जारी किये गए अपने हैंडबुक में ना सिर्फ यूपी बल्कि देश के सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था की स्थिति को पता चलता है. हैंडबुक के आंकड़ों के अनुसार सपा सरकार के मुकाबले योगी सरकार में प्रति व्यक्ति आय के आंकड़ों में कमी आई है. जिसके बाद से पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव सूबे की योगी सरकार पर हमलावर हो गए हैं. मायावती ने जहां भाजपा के विकास के दावे हवा-हवाई और जुमलेबाजी बताया तो वहीं अखिलेश यादव ने इसे डबल इंजन की सरकार दौड़ाने वाले मुख्यमंत्री के मुंह पर RBI का जोरदार तमाचा बताया है.
आपको बता दें, रिजर्व बैंक द्वारा पिछले सप्ताह ‘हैंडबुक ऑफ स्टैटिस्टिक्स ऑन द इंडियन इकोनॉमी, 2020-21‘ प्रकाशित की गई. हर साल प्रकाशित होने वाले इस हैंडबुक में न सिर्फ देश बल्कि सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था की स्थिति का पता चलता है. इस हैंडबुक के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान (योगी सरकार के दौरान) यूपी का प्रति व्यक्ति शुद्ध घरेलू उत्पाद (प्रतिव्यक्ति आय) महज 2.99 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जबकि वित्त वर्ष 2012-13 से वित्त वर्ष 2016-17 (सपा सरकार के दौरान) के दौरान यह दर 5 प्रतिशत थी.
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अगर रिज़र्व बैंक के आंकड़ों को समझा जाए तो सपा के पांच साल की तुलना में भाजपा के पहले तीन साल में लोगों की आय बढ़ने की दर करीब आधी रह गई है. रिज़र्व बैंक के इन आंकड़ों को लेकर अब अखिलेश यादव योगी सरकार पर हमलावर है. अखिलेश यादव ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि सपा सरकार की तुलना में उप्र की भाजपा सरकार के समय में उप्र में प्रति व्यक्ति आय घटकर अब लगभग एक तिहाई रह गयी है. महँगाई कई गुनी लेकिन कमाई व बैंक में बचत ब्याज दर आधी रह गयी है. अखिलेश ने आगे लिखा कि अच्छे दिन का वादा करने वाले भाजपाई बताएं कि इस आर्थिक बदहाली में आम आदमी करे तो करे क्या.
वहीं समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा कि, ‘यह “झूठ का डबल इंजन” दौड़ाने वाले मुख्यमंत्री के मुंह पर RBI का “ज़ोरदार तमाचा” है! BJP सरकार में यूपी में प्रति व्यक्ति आय विकास दर सपा सरकार मुकाबले घट कर आधी हो चुकी है. RBI के ‘हैंडबुक ऑफ स्टैटिस्टिक्स ऑन द इंडियन इकोनॉमी, 2020-21 ने तो अब हकीकत बता दी है, अब कहां मुंह छिपाएंगे मुख्यमंत्री ?’
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तो वहीं यूपी के लोगों की प्रति व्यक्ति आय में आई कमी को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सोशल मीडिया के जरिए योगी सरकार पर निशाना साधा. मायावती ने एक के बाद एक दो ट्वीट करते हुए कहा कि यूपी के लोगों की प्रति व्यक्ति आय सही से नहीं बढ़ने अर्थात यहाँ के करोड़ों लोगों के गरीब व पिछड़े बने रहने सम्बंधी रिजर्व बैंक के ताजा आँकड़े इस आमधारणा को प्रमाणित करते हैं कि भाजपा के विकास के दावे हवाहवाई व जुमलेबाजी हैं. यहाँ इनकी ’डबल इंजन’ की सरकार में भी ऐसा क्यों?
मायावती ने अगला ट्वीट करते हुए बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा कि यूपी चुनाव से पहले यहाँ भाजपा के विकास के दावों के खोखले होने का पर्दाफाश होने से अब यह पार्टी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ व हिन्दू-मुस्लिम विवाद आदि के पुराने संकीर्ण मुद्दे पर वापस आ गई है, लेकिन लोग फिर से इनके छलावे में आने वाले नहीं हैं, जो उनके मूड से भी स्पष्ट है.
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वहीं सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि अगले पांच साल में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय के राष्ट्रीय औसत से अधिक हो जायेगी. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दावा तभी सही हो सकता है जब प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय सालाना 22 प्रतिशत की दर से बढ़े और राष्ट्रीय आय बढ़ने की दर पांच प्रतिशत बनी रहे. अब देखना ये होगा कि योगी आदित्यनाथ आखिर किस दम पर ये दावा ठोक रहे हैं.