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Politalks.News/Bihar. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार क्या पहुंचे, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान तो बिलकुल ही बदले से दिख रहे हैं. कहां वे बगावती और हमलावर तेवर और कहां ये ‘जी हां..जी हां’ वाला उनका बेहद शांत रवैया. जबकि नड्डा के बिहार आने से पहले तक चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एक मोर्चा सा खोल रखा था. इतना ही नहीं, चिराग ने जदयू के उम्मीदवारों के खिलाफ लोजपा के प्रत्याशी खड़े करने की बात तक कह दी थी. लेकिन जैसे ही नड्डा ने नीतीश कुमार से मुलाकात की, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान के तेवर एक दम से नरम पड़ गए और सुर बिलकुल ढीले. यहां तक की चिराग बीजेपी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का हर फैसला मानने को तैयार हो गए हैं.

प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेपी नड्डा की मुलाकात के बाद चिराग पासवान ने साफ कहा कि भाजपा का हर फैसला हमें मंजूर है. चिराग ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर पूरा भरोसा दिखाते हुए कहा कि पार्टी जो भी फैसला लेगी उसमें हम साथ खड़े रहेंगे. इससे पहले नड्डा ने मीडिया के सामने कहा था कि नीतीश के नेतृत्व में एनडीए बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी और चिराग गठबंधन में ही रहेंगे. इससे पहले शुक्रवार को बिहार चुनाव के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट तौर पर कहा कि चिराग कहीं नहीं जा रहे और वे गठबंधन का हिस्सा रहेंगे.

इससे पहले बिहार की राजनीति में ये माना जा रहा था कि चिराग केवल सीटों के बंटवारे में अपना दावा बढ़वाने के लिए लगातार जदयू और सीएम नीतीश पर बागी रूख दिखा रहे हैं. कुछ दिनों पहले जपा प्रमुख पप्पू यादव से बंद कमरे में मिटिंग और एनडीए में हिंदूस्तान आवाम मोर्चा के जितिनराम मांझी की वापसी के बाद चिराग के बदले तेवर भी इसी बात का संकेत दे रहे थे कि शायद लोजपा गठबंधन से बाहर निकल जाएगी और जदयू के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेगी जिसके कयास अब पूरी तरह से समाप्त प्राय: हो चुके हैं.

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एनडीए की सीट शेयरिंग पर नाराजगी को लेकर चिराग ने कहा कि लोजपा के किसी नेता की भाजपा और जदयू के साथ इस संबंध में अभी बात नहीं हुई है. सीट बंटवारे के लिए पहली राउंड की बैठक भी नहीं हुई है. जूनियर पासवान ने कहा कि मेरी लड़ाई सीटों को लेकर नहीं है. बैठकर इस मसले को सुलझाया जाएगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू से चल रहे विवाद को लेकर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, ‘मैं किसी को टेंशन नहीं दे रहा. मैं सिर्फ अपनी बातों को रख रहा हूं. एक बिहारी होने के नाते पूरे बिहार का भ्रमण किया और इस दौरान जो भी समस्याएं सामने आई उसे मैंने मुख्यमंत्री के सामने रखा. नीतीश बिहार के मुखिया हैं और परेशानी उनके सामने नहीं रखूंगा तो किसके सामने रखूंगा.’ चिराग ने आगे कहा कि अगर किसी को लगता है कि अपनी समस्याओं को समाने रखना मुख्यमंत्री की परेशानी बढ़ाना है तो ये सरासर गलत है. मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं है.

अब ये साफ हो ही गया है कि चिराग एनडीए में रहते हुए बीजेपी और जदयू के साथ चुनाव लड़ेंगे, ऐसे में पप्पू यादव के साथ मिलकर तीसरा धड़ा खड़ा होना पूरी तरह से बिखर चुका है. एक बार फिर बिहार में महागठबंधन और एनडीए दो ही बड़े गठबंधन चुनावी मैदान में आमने सामने होंगे जिसमें एक का नेतृत्व राजद और दूसरे का खुद नीतीश कुमार करेंगे. शेष रही सपा, बसपा, जपा और एआईएमआईएम अपने दम पर चुनावी रण में उतरेंगे.

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हालांकि साफ है कि मुख्य मुकाबला महागठबंधन और एनडीए में ही होगी, इसके बीच शेष पार्टियां अपनी चमक दिखाने में कितनी कामयाब हो पाती हैं, देखना बेहद रोचक रहने वाला है.

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