उप्र के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की के ट्रक-कार हादसे में गंभीर घायल होने के बाद यह मामला राजनीतिक रूप से इतना तूल पकड़ चुका है कि अब इस पर कोई बड़ा फैसला होना तय है. यह देखने वाली बात होगी कि विधायक के बचाव में कौन आगे आता है. चार जून 2017 को रेप हुआ था. साल भर बाद 2018 में लड़की ने मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया, तब उच्च स्तरीय जांच शुरू हुई. उसके बाद से लड़की के परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा हुआ है. कांग्रेस ने यह मामला राज्यसभा में उठाया और सुप्रीम कोर्ट से इस हादसे की जांच अपनी निगरानी में कराने की मांग की है.

हादसे वाले दिन रविवार को सबसे पहले यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा राज में उन्नाव की रेप पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. उन्होंने इस मामले की जांच सीबीाआई से कराने के साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग भी उठाई. वहीं मायावती ने ट्वीट कर कहा कि उन्नाव रेप पीड़िता के कार की रायबरेली में कल ट्रक से टक्क्र प्रथम दृष्टया उसे जान से मारने का षडयंत्र लगता है जिसमें उसकी चाची व मौसी की मौत हो गई तथा वह स्वंय व उसके वकील गंभीर रूप से घायल हैं. सुप्रीम कोर्ट को इसका संझान लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए.

सोमवार को राज्यसभा में कांग्रेस के छह सांसदों ने शून्य काल के दौरान यह मामला उठाया और उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर बहस के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया. सपा के रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया कि यह पीड़िता की हत्या की साजिश थी. यादव के यह कहते ही सपा, बसपा, कांग्रेस, आप सहित विपक्ष के सभी सदस्य अपनी सीटों से खड़े होकर उनका समर्थन करने लगे. सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि वह केंद्रीय गृहमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहेंगे. लेकिन इससे विपक्षी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए. इस वजह से वेंकैया नायडू ने दोपहर बाद तक सदन की बैठक स्थगित कर दी. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्वप्रेरित संज्ञान लेने की मांग की है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर अंग्रेजी में ट्वीट किया है, जिसका हिंदी अनुवाद इस तरह है- ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ..भारतीय महिलाओं की शिक्षा के लिए विशेष बुलेटिन. अगर कोई भाजपा विधायक रेप का आरोपी है, तो उसके बारे में सवाल मत करो.’ इसके साथ ही उन्होंने हादसे की मीडिया रिपोर्ट भी संलग्न की है. वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ‘हम कुलदीप सेंगर जैसे लोगों को राजनीतिक शक्ति और संरक्षण क्यों देते हैं, जबकि पीड़ितों को अकेले अपने जीवन की लड़ाई लड़ने के लिए छोड़ देते हैं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘मुकदमे में साफ है कि परिवार को धमकी मिल रही थी. उन्होंने एक्सीडेंट का अंदेशा भी जताया था. भगवान की खातिर प्रधानमंत्री जी, इस अपराधी और उसके भाई को आपकी पार्टी से मिल रहे राजनीतिक संरक्षण को देना बंद कीजिए.’ ट्वीट करते हुए प्रियंका ने सवाल किया कि भाजपा ने आरोपी विधायक को अब तक पार्टी से क्यों नहीं निकाला, जबकि उस पर रेप का आरोप है और एफआईआर में आरोपी के रूप में उसका नाम है?

बता दें, उन्नाव रेप पीड़िता के साथ रविवार को हुए हादसे की एफआईआर लड़की के चाचा ने दर्ज करवाई है. इसमें विधायक सेंगर सहित 15 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है. चाचा का आरोप है कि उन्नाव पुलिस के जो पुलिसकर्मी पीड़िता की सुरक्षा में तैनात थे वह उसकी और उसके परिवार के लोगों की गतिविधियों की सूचना विधायक के लोगों तक पहुंचाते थे. संदेह है कि पीड़िता के रायबरेली जाने की सूचना भी पुलिस कर्मचारियों ने ही दी होगी. इसके बाद विधायक सेंगर के इशारे पर पीड़िता और उसके परिवार को खत्म करने की साजिश रची गई.

गौरतलब है कि पीड़िता द्वारा अपने साथ हुए रेप की घटना पर केस दर्ज करवाने के बाद लड़की के पिता को पुलिस ने अवैध हथियार के मामले में दो दिन हवालात में रखा. बाद में सरेबाजार उसकी पिटाई हुई, जिससे उसकी मौत हो गई. कुलदीप सिंह सेंगर के भाई पर आरोप लगा. लड़की के पिता का निधन होने के बाद उसके चाचा ने मुकदमा आगे बढ़ाया. वह किसी अन्य मामले में गिरफ्तार होने के बाद रायबरेली जेल में है. लड़की को मुकदमा वापस लेने के लिए लगातार धमकियां मिल रही थी, इसलिए वह दिल्ली में रहने लगी थी. सीबीआई को बयान दर्ज कराने गांव पहुंची थी. वहां से चाची, मौसी और वकील के साथ कार में चाचा से मिलने रायबरेली गई थी. रास्ते में एक संदिग्ध ट्रक ने कार को कुचल दिया. चाची और मौसी की मौत हो गई. लड़की और वकील घायल हो गए. लखनऊ के अस्पताल में उनकी जान बचाने के प्रयास हो रहे हैं.

फ़िलहाल, कुलदीप सिंह सेंगर रेप के आरोप में पहले ही सीतापुर जेल में बंद हैं. अब उनके खिलाफ हत्या का साजिश और हत्या का एक और मामला दर्ज हो गया है. उन्नाव जिले में लड़की के गांव में पांच पुलिस थानों से पुलिस बुलाई गई है. अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है. लड़की की मां अपनी तीन अन्य बेटियों गांव से 70 किलोमीटर दूर लखनऊ में किंग जॉर्ज अस्पताल में बैठी है और अपनी घायल बेटी के बोलने का इंतजार कर रही है. सोमवार को हादसे की जानकारी लेने सीबीआई के अधिकारी भी अस्पताल पहुँचे थे.

इधर पीड़िता लड़की की मां बहुत दुखी और नाराज है. अस्पताल में उन्होंने हादसे के पीछे कुलदीप सिंह सेंगर और उसके परिवार का हाथ बताया और हादसे की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. उनके शब्द थे- जब तक सब लोगन को सजा नहीं होती…तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे…नहीं तो अपन जा दे देंगे. उप्र के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का कहना है पीड़िता खतरे से बाहर है. उसकी मां अगर सीबीआई जांच की मांग करती है तो सरकार को इसकी मंजूरी देने में एतराज नहीं है.

पीड़िता की मां ने बताया कि करीब 15 दिन पहले सेंगर के सहयोगियों ने उसे धमकी दी थी, जिसकी शिकायत अधिकारियों से वकील के जरिए की थी. गांव के एक रिश्तेदार सहित सेंगर के सहयोगियों ने कहा था कि सेंगर के खिलाफ एफआईआर कराने वाला चाचा आज जेल में है. मुकदमा वापस नहीं लिया तो ठीक नहीं होगा. गांव के लोगों ने बताया कि पीड़िता अपने वकील और चाची, मौसी के साथ रविवार सुबह 10 बजे कार से रवाना हुई थी. पीड़िता की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी छुट्टी लेकर चले गए थे.

गांव में पीड़िता के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने कहा, कई बातें सुनने में आ रही है. क्या सही है क्या गलत, हम नहीं जानते, लेकिन जो सिलसिला शुरू हुआ है, वह जल्दी नहीं रुकेगा. उसके (सेंगर) चेले कुछ भी कर सकते हैं. लड़की की मां अपने बेटियों के साथ यहां रहती है. रेप का आरोप लगाने के बाद लड़की के पिता की मौत हो गई. कुलदीप के भाई जलदीप सिंह पर आरोप लगा. उससे सीबीआई ने पूछताछ की.

इस घटनाक्रम के बाद से गांव में पुलिस तैनात है. सुरक्षा कर्मियों को एक ईंटों से बने कच्चे घर की सुरक्षा करनी पड़ रही है, जबकि दूसरी तरफ कुलदीप सिंह सेंगर का लंबी चौड़ी जमीन पर बना हवेली नुमा बंगला है. यहां से करीब आधा किलोमीटर दूर वकील का मकान है. वह भी हादसे में गंभीर रूप से घायल है. वकील के परिजनों ने बताया कि वह सुबह यह कहकर निकले थे कि गांव से बाहर जा रहा हूं. बाद में जब हमने फोन किया तो किसी अन्य ने फोन पर उनके घायल होने की सूचना दी.

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ कार हादसे में गम्भीर घायल वकील की मां का कहना है कि वकील का काम लोगों को न्याय दिलाना है, साजिश रचना नहीं. उन्हें यह हादसा साजिश का नतीजा मालूम पड़ता है. उन्होंने कहा कि अगर कोई साजिश नहीं थी तो ट्रक की नंबर प्लेट काले रंग से क्यों पोती गई थी? वह अपने बेटे से बार-बार बात करती थी कि वह किन मामलों में वकालत कर रहा है, लेकिन वह यही कहता था कि यह उसके काम का हिस्सा है. हादसे के बाद पुलिस ने जांच के लिए एक विशेष टीम बना दी है.

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