गहलोत जैसा दुर्भाग्यपूर्ण और मजबूर सीएम आज तक नहीं देखा, जनता को राहत नहीं, आहत कर रहे – गजेंद्र सिंह

गहलोत गुट द्वारा अपनी ही सरकार को भ्रष्टाचारी कहने पर मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उड़ाई खिल्ली, महंगाई राहत कैंप को एक राजनीतिक शिगूफा बताया, घरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देकर जनता को आहत करने का लगाया आरोप

gajendra singh on gehlot
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Shekhawat attacked CM Gehlot: राजस्थान की सियासत सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तल्खी को लेकर उफान पर है. दोनों के समर्थक विधायकों के बीच एक दूसरे के समर्थन में जमकर जुबानी वार-पलटवार चल रहे हैं जिसे लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत की खिल्ली उड़ाई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति और मजबूरी एक मुख्यमंत्री की नहीं हो सकती है कि उसके मंत्री ही उसको सड़क पर घेरने का काम कर रहे हैं. शायद देश की राजनीति में ये पहली बार है कि मंत्रीमंडल अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद गजेंद्र सिंह ने महंगाई राहत शिविरों में जनता को राहत की जगह आहत करने का आरोप भी सीएम गहलोत पर जड़ा है.

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार के महंगाई राहत शिविरों को राजनीतिक शिगूफा बताते हुए कहा कि राजस्थान सरकार जनता की जेब से निकाला हुआ पैसा उन्हें ही वापिस देकर राहत शिविरों के नाम पर ठगने का काम कर रही है. मंत्री शेखावत ने मीडिया के समक्ष रूबरू होते हुए कहा कि वर्तमान की राजस्थान सरकार भ्रष्टतम है और आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. पिछले 4 साल से हमने निरंतर इस विषय को सड़क से लेकर सदन में बार-बार उठाया है. जनाक्रोश यात्राओं और महाघेराव के माध्यम से सरकार के भ्रष्टाचार को जनता के सामने लाने का काम किया है लेकिन अब तो इंतहां हो गई. शायद देश की राजनीति में पहली बार होगा. प्रदेश की सरकार के मंत्री ही अपने मंत्रिमंडल के साथियों के ऊपर सड़क पर और सदन में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. मैं यह मानता हूं कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति और मजबूरी एक मुख्यमंत्री की नहीं हो सकती है कि उसके मंत्री ही उसको सड़क पर घेरने का काम कर रहे हैं.

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महंगाई राहत कैंप एक राजनीतिक शिगूफा

महंगाई राहत कैंपों को मंत्री शेखावत ने एक राजनीति शिगूफा करार दिया है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि 12वीं क्लास का कंप्यूटर साइंस पढ़ने वाला विद्यार्थी भी 50 से 100 यूनिट बिजली मुफ्त का बदलाव प्रोग्राम में कर सकता है तो गर्मी में लाखों लोगों को लाइन में खड़ा करके उनको गारंटी देने की आवश्यकता नहीं थी. उन्होंने कहा कि किसानों को 2000 यूनिट मुफ्त देने को भी कंप्यूटर प्रोग्राम में फिक्स किया जा सकता है क्योंकि जिनको देना था, उनकी सूची आपके पास में है. वहीं किसानों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी पर शेखावत ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने 850 रुपए प्रति किसान बिजली कनेक्शन पर सब्सिडी दी थी. दो साल तक इस सरकार ने उसको बंद किया और अपनी जेब में रखा है.

मंत्री शेखावत ने कहा कि मोदी जी ने 9 करोड़ घरों को पीने का पानी दिया. चार करोड़ लोगों को घर दिया. चार करोड़ लोगों के घर में बिजली पहुंचाई. 9 करोड़ लोगों को गैस का चूल्हा दिया, लेकिन करोड़ों लोगों को लाइन में खड़ा नहीं किया क्योंकि हमने गरीब को गणेश मानकर उसकी सेवा का संकल्प लिया. इधर, गहलोत सरकार ने गरीब आदमी को भिखारी की तरह लाइन में खड़ा करके ‘हम दाता हैं, हम हाथ से दे रहे हैं’ इस भावना को दर्शाने के लिए उन पर अहसान थोपने के लिए उन्हीं की जेब से निकाला हुआ पैसा उन्हें देखकर के राहत शिविर के नाम पर ठगने का काम राजस्थान की सरकार कर रही है.

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गैस सब्सिडी और पेट्रोल-डीज़ल से जनता को किया जा रहा आहत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब गैस में सब्सिडी के नाम पर 500 रुपए सिलेंडर देने की घोषणा कर रहे हैं. राजस्थान में 5 लाख 77 हजार 600 उज्जवला कनेक्शन हैं. 500 रुपए के हिसाब से प्रति माह भी सिलेंडर पर सब्सिडी देते हैं तो एक महीने की 25 करोड़ की सब्सिडी होती है. एक सिलेंडर सामान्य परिवार में दो महीने में एक बार रिफील होता है. कुल मिलाकर 100 करोड़ तक की सब्सिडी दोगे. 27 हजार करोड़ जनता की जेब से निकाल कर 100 करोड़ रुपए राहत का ढोंग करना चाहते हो. इस तरह से राहत शिविरों के नाम पर जनता को आहत करने का कर रहे हो.

वहीं पेट्रोलियम की बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में सबसे महंगा डीजल-पेट्रोल राजस्थान में बिक रहा है. पड़ोसी राज्यों की तुलना में यहां 10 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल और 10 रुपए प्रति लीटर डीजल महंगा है. राजस्थान में हर माह 15 करोड़ लीटर पेट्रोल और 45 करोड़ लीटर डीजल बिकता है. इस लिहाज से 60 करोड़ लीटर की सेल पर सरकार 600 करोड़ रुपए प्रति माह राजस्थान की जनता की जेब से लूटने काम कर रही है. यह लूट चार साल से निरंतर जारी है. 50 महीने पर इन्होंने जितना लूटा है, वह करीबन 30 हजार करोड़ रुपए होता है, जिसमें से 27 हजार करोड़ करोड़ रुपए सरकार ने अपनी जेब में डाला है.

राजस्थान-मध्यप्रदेश के बीच जल प्रोजेक्ट पर तेजी से हो रहा काम

बीजेपी सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल के विषय में हम तेजी से काम कर रहे हैं. देश के भूजल के पुनर्भरण के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, उसको आगे बढ़ा दिया है. पेयजल गुणवत्ता को जांचने के लिए हमने देश में नई व्यवस्था को लागू किया. इससे पहले देश में पानी की गुणवत्ता को जांचने का कोई भी ऑर्गेनाइज सिस्टम नहीं था. नदियों को जोड़ने की नई शुरुआत केन-बेतवा से हुई है. अब पार्वती-कालीसिंध-चंबल के पानी को जोड़कर हम कैसे राजस्थान-मध्यप्रदेश के बीच में प्रोजेक्ट कर सकते हैं, उस पर काम कर रहे हैं.

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