क्या आपने कभी ऐसी ट्रेन में सफर किया है जो पानी के अंदर चलती हो. आपका जवाब होगा नहीं. अगर ऐसा है तो अब जल्दी ही यह सपना भी सच होने जा रहा है और वो भी अपने ही देश में. यह एक अंडर वॉटर मेट्रो ट्रेन होगी जो पानी के 30 फुट नीचे दौड़ेगी. इसके लिए रेलवे ने तैयारियां पूरी कर ली है. उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का उदाहरण यह ट्रेन देश में निरंतर हो रही रेलवे की प्रगति का प्रतीक है. इस ट्रेन का वीडियो रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट किया जिसमें इस प्रोजेक्ट के बारे में पूरा विवरण दिया है.


भारत की ये पहली अंडर वॉटर ट्रेन शीघ्र ही कोलकाता में हुगली नदी के नीचे यानि अंडर वॉटर दौड़ना शुरू होगी. इस ट्रेन को चलाने के लिए खास सुरंग बनाई गई है जो 520 मीटर लंबी और करीब 30 फुट गहरी होगी. सॉल्ट लेक से हावड़ा मैदान तक चलने वाली इस अंडर वॉटर ट्रेन का सफर 16 किमी. लंबा होगा. पहले फेज में अंडर वॉटर का सफर 5 किमी. होगा. अपने पहले फेज में यह ट्रेन सॉल्ट लेक सेक्टर 5 से सॉल्ट लेक स्टेडियम के तक चलेगी. ट्रेन को पानी के रिसाव से सुरक्षा देने के लिए 4 हाई टेक सुरक्षा कवच सुरंग के भीतर लगाए गए हैं. मेट्रो के पहले फेज को जल्द ही कोलकाता की जनता के लिए चालू किया जाएगा.

इस ट्रेन को अंडर वॉटर सुरंग को पार करने में एक मिनट का वक्त लगेगा. उस समय पर्यटक अपने अंडर वॉटर सफर करने के अनुभव को साकार होते हुए देख पाएंगे. हुबली नदी के अंदर बनी यह टेकनोलॉजी देश की हाईटेक तकनीक का प्रतीक है क्योंकि इससे पहले जमीन के नीचे सुरंग में चलने वाली ट्रेन पानी से होकर कभी नहीं गुजरी. इस कड़ी में पानी के अंदर ट्रेन चलाकर मोदी 2.0 सरकार और देश की टेकनीकल टीम एक नया कीर्तिमान रचने जा रही है.

यकीकन कोलकाता की अंडर वॉटर मेट्रो ट्रेन भारतीय रेलवे की तीव्र प्रगति का प्रत्यक्ष प्रमाण है. यह पहली बार होगा जब भारतीय रेल न सिर्फ पानी के उपर बल्कि पानी के नीचे का सफर भी तय करेगी.

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