देश की संसद ने आज इतिहास रच दिया. लोकसभा के बाद राज्यसभा से तीन तलाक बिल यानि द मुस्लिम वुमन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) बिल, 2019 पास हो गया. यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक कही जा सकती है. सदियों से चली आ रही कुप्रथा आज से खत्म हो गयी है. इससे पहले भी यह बिल दो बार लोकसभा में पास हो चुका है लेकिन राज्यसभा में अटक गया था. 17वीं लोकसभा बीजेपी सरकार द्वारा कुछ बदलावों के साथ यह बिल फिर से सदन में लाया गया. इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है. ट्रिपल तलाक बिल 26 जुलाई को इसी सत्र में पहले ही लोकसभा से पास हो चुका है.

इसी के साथ पॉलिटॉक्स की उस खबर पर मुहर लग गयी जिसमें हमारी टीम ने यह दावा किया था कि लोकसभा के बाद राज्यसभा से यह बिल आसानी से पास हो जाएगा.

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राज्यसभा में तीन तलाक बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट गिरे. अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. उसके बाद यह पूरी तरह से कानून बन जाएगा. बता दें, मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आने के बाद से ही तीन तलाक बिल को पारित कराने की कोशिश में जुटी थी. तीन तलाक बिल पर विपक्ष बिखरा हुआ दिखा बिल का विरोध करने वाली कई पार्टियां वोटिंग के दौरान राज्यसभा से वॉकआउट कर गईं. इससे पहले विपक्ष ने इस बिल को प्रवर समिति को भेजने पर अड़ा था लेकिन यह प्रस्ताव बहुमत न होने के चलते गिर गया. इस बिल के कानून बनने के बाद मुस्लिम महिलाओं को तलाक…तलाक….तलाक रूपी कुप्रथा से मुक्ति मिलेगी.

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